पेरिस 2024 ओलंपिक में मोंडो डुप्लांटिस की ऐतिहासिक छलांग
पेरिस 2024 ओलंपिक में मोंडो डुप्लांटिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह पोल वॉल्टिंग के बेताज बादशाह हैं। उन्होंने 6.25 मीटर की छलांग लगाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया, जो उनका खुद का पूर्व विश्व रिकॉर्ड 6.24 मीटर से भी ऊँचा था। यह ऐतिहासिक छलांग ना केवल उनके लिए बल्कि खेल जगत के लिए भी यादगार बन गई।
मोंडो डुप्लांटिस का प्रेरणादायक सफर
मोंडो डुप्लांटिस का जन्म लाफायेट, लुइसियाना में हुआ था। उनकी माँ स्वीडन की थीं और उन्होंने स्वीडन की तरफ से खेलने का फैसला किया। उनके माता-पिता दोनों ही एथलीट रहे हैं; उनके पिता पोल वॉल्टिंग करते थे और 1993 में 5.80 मीटर की ऊचाई का स्थानीय रिकॉर्ड स्थापित किया था। उनके एथलीट मां-पिता से उन्हें खेलों का पैशन मिला।
डुप्लांटिस ने सिर्फ 20 साल की उम्र में ही पोल वॉल्टिंग में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी। 2020 में उन्होंने पहला विश्व रिकॉर्ड तोड़ा और उसके बाद से लगातार उच्चतम दर्जे की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर विश्व रिकॉर्ड बनाते रहे।
पिछले चर्चित रिकॉर्ड्स
कुछ ही सालों में, मोंडो डुप्लांटिस ने पोल वॉल्टिंग की दुनिया में क्रांति ला दी है। अब तक उन्होंने कुल नौ विश्व रिकॉर्ड तोड़े हैं, जो अभूतपूर्व है। पेरिस ओलंपिक से पहले, उन्होंने अप्रैल 2024 में 6.24 मीटर की ऊचाई का रिकॉर्ड बनाया था।
उनका यह रिकॉर्ड तोड़ना न केवल उनकी क्षमता का प्रमाण है बल्कि उनके अनुशासन, मेहनत और समर्पण का भी नतीजा है। डुप्लांटिस की इस उम्दा सफलता ने उन्हें पोल वॉल्टिंग की दुनिया में एक अद्वितीय स्थान दिलाया है।
अन्य प्रतिस्पर्धी और प्रतियोगिता
पेरिस ओलंपिक में, अमेरिकी एथलीट सैम केंड्रिक्स ने 5.95 मीटर की ऊचाई पर छलांग लगाते हुए रजत पदक जीता, जबकि ग्रीस के एम्मानुईल करालिस ने 5.90 मीटर की ऊचाई पर छलांग लगाकर कांस्य पदक प्राप्त किया।
डुप्लांटिस की इस जीत ने पोल वाल्टिंग प्रतियोगिता को और भी अधिक रोमांचक बना दिया। उनकी सफलता ने अन्य एथलीटों को भी प्रेरित किया है और खेल के स्तर को ऊंचा उठाया है।
योग्यता और पुरस्कार
मोंडो डुप्लांटिस ने कई बड़े मंचों पर अपनी योग्यता का परचम लहराया है। उन्होंने चार विश्व चैंपियनशिप जीते हैं – दो इंडोर और दो आउटडोर। 2018 में उन्हें स्वीडिश न्यूकमर ऑफ द ईयर का खिताब मिला था और 2019, 2021, और 2022 में उन्हें स्वीडिश मेल एथलीट ऑफ द ईयर का पुरस्कार दिया गया था।
यह उपलब्धियाँ उनके प्रयासों और उत्कृष्टता का प्रमाण हैं। वह एक ऐसे एथलीट हैं जो न सिर्फ अपने खेल के प्रति समर्पित हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी हैं।
भविष्य की संभावनाएं
मोंडो डुप्लांटिस की इस सफलता के बाद, पूरी दुनिया की निगाहें उनके भविष्य के कारनामों पर हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह और कितने विश्व रिकॉर्ड तोड़ पाते हैं और आने वाले समय में और कौन-कौन सी ऊचाइयां छूते हैं।
उनके खेल के लिए समर्पण और जिस तरह से वह अपनी तकनीकी को बेहतर बनाते रहते हैं, वह दर्शाता है कि वह आगे भी कई सफलताएँ हासिल कर सकते हैं।
इस तरह के उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ, डुप्लांटिस का नाम न केवल खेल जगत में बल्कि इतिहास में भी स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
द्वारा लिखित सुमेधा चौहान
इनके सभी पोस्ट देखें: सुमेधा चौहान