बजट 2025: निर्मला सीतारमण का भाषण और देखा जा सकता है किस तरह से लाइव

बजट 2025: निर्मला सीतारमण का भाषण और देखा जा सकता है किस तरह से लाइव

निर्मला सीतारमण का आठवां बजट: बजट 2025 पर एक नजर

भारत की वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण एक बार फिर केंद्रीय बजट पेश करने के लिए तैयार हैं, जो वित्तीय योजनाओं, आवंटनों और आगामी वर्ष के लिए आय की उम्मीदों को स्पष्ट करता है। 1 फरवरी, 2025 को सुबह 11 बजे लोकसभा में उनका भाषण शुरू होगा और इसे सीधे रूप में संसदीय चैनल और अन्य मीडिया माध्यमों पर प्रसारित किया जाएगा। बजट दस्तावेज़ इसके बाद राज्यसभा में प्रस्तुत किए जाएंगे। यह भाषण उनकी कुल आठवीं बजट प्रस्तुति होगी, और नरेंद्र मोदी के द्वारा आयोजित एनडीए 3.0 सरकार के अंतर्गत यह उनका दूसरा बजट होगा।

बजट की अहमियत और सरकार की प्राथमिकताएँ

हर साल की तरह इस साल का बजट 2025 भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम है। वित्त मंत्री का भाषण न केवल सरकार की आर्थिक नीतियों और प्राथमिकताओं की दिशा निर्धारित करेगा, बल्कि यह भी स्पष्ट करेगा कि सरकार कैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आवंटन और आयाकारी प्रोजेक्ट्स के लिए क्या योजनाएँ बनाई गई हैं, इस पर सभी की नजरें होंगी। बजट का लक्ष्य अर्थव्यवस्था को महामारी के बाद नई ऊँचाई पर पहुँचाने का भी होगा और इसके साथ ही आगामी वर्षों की योजनाओं का भी संकेत देगा।

देखा जाए लाइव कहाँ

जो लोग बजट 2025 को लाइव देखना चाहते हैं, वे इसे विभिन्न माध्यमों पर एक्सेस कर सकते हैं। सरकारी चैनल, संसद टीवी और डीडी न्यूज़ इस अवसर के लाइव टेलीविजन प्रसारण के लिए निर्धारित हैं। इसके अलावा, संसदीय चैनलों के यूट्यूब पर भी यह लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। जो लोग अपडेट्स के साथ-साथ विशेषज्ञों की राय भी चाहते हैं, वे इटी डॉट कॉम के लाइव ब्लॉग को फॉलो कर सकते हैं। वहां विस्तृत लेख, डेटा-आधारित विश्लेषण, और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की टिप्पणियाँ उपलब्ध होंगी, जो बजट के गहरे असर को समझने में मदद करेंगी।

सीतारमण की अभूतपूर्व बजट यात्रा

सीतारमण की अभूतपूर्व बजट यात्रा

वित्त मंत्री बनने के बाद से निर्मला सीतारमण ने लगातार देश के बीच मजबूत आर्थिक प्रशासन का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने अब तक छह सालाना बजट और दो अंतरिम बजट प्रस्तुत किए हैं, जो उनके समकालीन वित्त मंत्रियों से अधिक हैं, जैसे मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी. चिदम्बरम, यशवंत सिन्हा, और मोरारजी देसाई। इस अंतराल में सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विभिन्न चुनौतियों का सामना किया है, जिसमें महामारी के दौरान वित्तीय संकट भी शामिल है।

सीतारमण के नेतृत्व में, सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कई साहसिक नीतिगत निर्णय लिए हैं और इसे वैश्विक स्तरीय आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु तैयार किया है। इनके बजट भाषण न केवल वित्तीय उपायों की घोषणा करते हैं, बल्कि यह भी सुझाते हैं कि किस प्रकार सरकार ने अर्थव्यवस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाया है तथा समाज की जड़ों तक इन सुधारों का गणित पहुंचाया है।

  • Pooja Joshi

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18 टिप्पणि

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    Shivakumar Kumar

    फ़रवरी 3, 2025 AT 05:49

    बजट देख रहा हूँ और दिल में एक अजीब सी उम्मीद है कि आज का बजट सिर्फ नंबरों का खेल नहीं होगा, बल्कि गाँव के उस बच्चे की आँखों में चमक लाएगा जो पहली बार स्कूल जा रहा है। ये बजट असली बदलाव की शुरुआत हो सकता है, अगर हम सिर्फ देखें तो नहीं, बल्कि सोचें कि ये नीतियाँ हमारे बच्चों के लिए क्या बन रही हैं।

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    Arun Sharma

    फ़रवरी 4, 2025 AT 19:59

    इस बजट का आधार आर्थिक स्थिरता और विकास की दोहरी नीति पर टिका है, जिसमें निजी क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन और सार्वजनिक निवेश का संतुलन बहुत ही सूक्ष्म रूप से डिज़ाइन किया गया है। इसके बिना कोई भी आर्थिक रिकवरी स्थायी नहीं हो सकती।

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    saikiran bandari

    फ़रवरी 4, 2025 AT 23:15

    फिर से बजट बजट बजट क्या बजट है ये सब बातें बस रंग बिरंगी नीतियाँ हैं जो किसी के लिए फायदेमंद होती हैं और किसी के लिए नहीं

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    Vishakha Shelar

    फ़रवरी 5, 2025 AT 00:25

    ये बजट मेरी जिंदगी बदल देगा 😭💔

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    charan j

    फ़रवरी 6, 2025 AT 05:46

    सब कुछ बताया गया लेकिन किसी ने बताया नहीं कि ये बजट गरीब के लिए क्या लाएगा

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    Nathan Allano

    फ़रवरी 6, 2025 AT 16:23

    अगर आप बजट को बस एक डॉक्यूमेंट समझ रहे हैं तो आप बहुत कुछ छूट रहे हैं। ये एक जीवन रेखा है जो एक गाँव की माँ के लिए सस्ता दवा बन सकती है, एक छात्र के लिए एक छात्रवृत्ति, एक छोटे व्यवसायी के लिए ऋण सुविधा। इसकी असली ताकत उन छोटी चीजों में है जो आँखों से छिप जाती हैं।

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    Harsha kumar Geddada

    फ़रवरी 7, 2025 AT 05:05

    इस बजट के अंतर्गत जो भी निवेश किया गया है वह एक ऐसी अवधारणा के आधार पर किया गया है जिसमें अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय के बीच एक सूक्ष्म संतुलन बनाया गया है, जो कि एक ऐसे समाज के लिए आवश्यक है जहाँ आर्थिक विकास अकेले नहीं रह सकता, बल्कि उसके साथ सामाजिक विकास का साथ भी होना चाहिए, अन्यथा यह विकास केवल एक नकली आकृति होगी जो किसी के घर के बाहर लगी हुई फूलों की तरह है, जो दिखने में सुंदर है लेकिन अंदर से खाली है।

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    Raj Kamal

    फ़रवरी 9, 2025 AT 00:19

    मुझे लगता है कि इस बजट में शिक्षा के लिए जो राशि आवंटित की गई है वो काफी अच्छी है लेकिन क्या ये पैसा वाकई तकनीकी संस्थानों तक पहुँचेगा या फिर ब्यूरोक्रेसी के बीच खो जाएगा जैसा हमेशा होता है और अगर ये जाने का तरीका है तो क्या डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम भी इसमें शामिल है या फिर ये भी पुराने तरीके से होगा जिसमें हर रुपया खो जाता है

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    PK Bhardwaj

    फ़रवरी 10, 2025 AT 02:59

    फिसलने वाले अर्थव्यवस्था के लिए इस बजट ने एक स्थिर आधार प्रदान किया है, जिसमें निजी क्षेत्र के लिए निवेश प्रोत्साहन, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए बढ़ा हुआ बजट, और सामाजिक सुरक्षा के लिए विस्तारित योजनाएँ शामिल हैं, जिससे आर्थिक असमानता को कम करने की दिशा में एक संरचित दृष्टिकोण अपनाया गया है।

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    Rashmi Naik

    फ़रवरी 11, 2025 AT 06:12

    बजट में स्वास्थ्य पर जो फोकस है वो बहुत अच्छा है लेकिन क्या ये फंड्स रियल टाइम में डिस्ट्रीब्यूट होंगे या फिर फिर वही ब्यूरोक्रेसी जो हमेशा से लगी है

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    sachin gupta

    फ़रवरी 13, 2025 AT 01:10

    बजट को देखकर लगता है कि कुछ तो बदल रहा है... लेकिन क्या ये बदलाव असली है या सिर्फ एक नए ब्रांड का लोगो?

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    Ayush Sharma

    फ़रवरी 14, 2025 AT 00:11

    मैंने संसद टीवी पर बजट देखा। बहुत अच्छा लगा। लेकिन अब देखते हैं कि इसका असर कैसे होगा।

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    Kotni Sachin

    फ़रवरी 15, 2025 AT 02:47

    अगर बजट में गरीबों के लिए नई योजनाएँ हैं, तो क्या उनके लिए आवेदन करने का प्रक्रिया भी आसान है? या फिर ये भी एक बड़ी ब्यूरोक्रेसी का बना हुआ दरवाजा है जिसे खोलने के लिए आपको पहले एक डॉक्टर का सर्टिफिकेट, फिर एक बैंक बिल, और फिर एक राशि देनी पड़ेगी?

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    Navneet Raj

    फ़रवरी 15, 2025 AT 12:04

    बजट देखने के बाद लगा कि ये एक नए युग की शुरुआत है। लेकिन ये नई शुरुआत सिर्फ नियमों और आंकड़ों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। ये एक अहसास होना चाहिए कि हर रुपया जो खर्च हो रहा है, वो एक आदमी के खाने, एक लड़की के पढ़ने, एक बूढ़े के दवा पीने के लिए है।

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    Guru s20

    फ़रवरी 17, 2025 AT 06:48

    मैं अपने गाँव के एक छोटे व्यापारी के साथ बात कर रहा था, उसने कहा कि अब वो बजट के बारे में सोच रहा है कि क्या उसके लिए कोई नया सब्सिडी है। ये बजट अब सिर्फ दिल्ली की बात नहीं, गाँव की बात बन गया है।

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    Soumita Banerjee

    फ़रवरी 19, 2025 AT 00:07

    बजट बहुत अच्छा लगा लेकिन क्या ये सिर्फ वो लोगों के लिए है जो ट्विटर पर बात करते हैं या फिर असली लोगों के लिए है

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    Ravi Kant

    फ़रवरी 20, 2025 AT 02:45

    मैं अपने दादा के साथ बजट देख रहा था, उन्होंने कहा - ये बजट तो बहुत पुराने नियमों पर आधारित है। उनकी यादों में भी ऐसे ही बजट थे, लेकिन अब जब तक गरीबी नहीं खत्म हो जाती, तब तक बजट सिर्फ एक नाम है।

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    Rahul Raipurkar

    फ़रवरी 21, 2025 AT 07:04

    बजट के बारे में जो बातें कही जा रही हैं, वो सब बहुत सुंदर हैं लेकिन असली सवाल ये है कि इसका कोई असर तो नहीं होगा जैसे पिछले साल का बजट था

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