भारत की महत्वपूर्ण जीत
महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में आयोजित चौथे टी20 मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को 15 रन से हराकर अपनी बढ़त को मजबूत किया। इस जीत से भारत ने पांच मैचों की शृंखला में 3-1 की अजेय बढ़त प्राप्त की। भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। पहला ओवर हालांकि ग्लेन फीलिप्स की शानदार गेंदबाज़ी के चलते कुछ खास नहीं रहा, लेकिन भारतीय मध्यक्रम ने अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी संभाली।
हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे की बेहतरीन साझेदारी
दबाव के बीच हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से टीम को मध्यक्रम में स्थिरता प्रदान की। दोनों ने 53-53 रनों की प्रभावशाली पारियां खेलीं और टीम को एक सम्मानीय योग तक पहुँचाया। पहले पांड्या ने साहसिक बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए कई ड्राइव्स और पुल शॉट्स लगाए, जिसने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर किया। दुबे ने भी अपना पूरा जोश दिखाया और मैदान के चारों ओर शॉट्स लगाते हुए पांड्या के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई।
इंग्लैंड की आक्रामक शुरुआत और भारतीय गेंदबाज़ों का दबदबा
181/9 के लक्ष्य का पीछा करते हुए, इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने आत्मविश्वास से शुरुआत की। फिल साल्ट और बेन डकेट ने पॉवरप्ले में तेजी से रन बटोरते हुए टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। देखते ही देखते इंग्लैंड का स्कोर 56 रन पर बिना किसी नुकसान के था। हालांकि, भारतीय स्पिनर और तेज गेंदबाज़ों ने बीच के ओवरों में अपना जादू बिखेरा। विशेष रूप से रवि बिश्नोई ने अपनी चतुराई से गेंदबाज़ी करते हुए इंग्लैंड के तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर उनकी रनगति को धीमा कर दिया। युवक तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने भी अपने पदार्पण में अच्छी प्रभावशाली गेंदबाजी करके तीन विकेट चटकाए और इंग्लैंड पर दबाव बनाया।
युवाओं का चमकता प्रदर्शन
रवि बिश्नोई और हर्षित राणा की गेंदबाजी ने दर्शाया कि नई पीढ़ी के पास भी प्रतिस्पर्धा का आत्मविश्वास है। हर्षित ने अपनी गेंदबाज़ी की विविधताओं से विपक्षी बल्लेबाज़ों को चकाचौंध कर दिया। बिश्नोई ने अपनी स्पिनिंग डिलिवरियों से बाएं-हाथ के बल्लेबाज़ों को खूब छकाया और सीधे प्लम्ब्ड पलों से विकेट हासिल किए। इस प्रकार की गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण ने टीम इंडिया के लिए जीत का द्वार चौड़ा किया।
शृंखला का निर्णायक अंतिम मैच
अब जबकि भारत शृंखला में 3-1 की बढ़त ले चुका है, अंतिम मैच महज़ औपचारिकता रह गया है। वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई में होने वाला अंतिम मुकाबला, भारतीय टीम के लिए लगातार सीरीज़ अपनी नाम करने का एक और अवसर बनेगा। हालांकि, इंग्लैंड के लिए यह सम्मानजनक वापसी करने का अवसर हो सकता है, क्योंकि उनकी टीम की क्रिकेट प्रतिष्ठा दांव पर होगी। दोनों ही टीमें अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ फैंस को रोमांचित करने के लिए उत्सुक होंगी।
भारतीय टीम की यह जीत उनके खिलाड़ियों की सामूहिक मेहनत का परिणाम है, जिसमें उनकी फील्डिंग और बॉलिंग दोनों ने अहम भूमिका अदा की। देखना होगा कि कैसे युवा खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन आने वाले समय में उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को प्रभावित करता है।
द्वारा लिखित सुमेधा चौहान
इनके सभी पोस्ट देखें: सुमेधा चौहान