भारत के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन

भारत के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन

11 अगस्त 2024 को, भारत के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। उन्होंने 91 साल की उम्र में संसार से विदा ली। नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1933 को हुआ था और उन्होंने भारतीय राजनीति में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी राजनीतिक यात्रा सन् 1984 में शुरू हुई थी जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा और राज्यसभा सदस्य बने।

नटवर सिंह को 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में विदेश मामलों के राज्य मंत्री का पदभार मिला था। इसके बाद, 2004 से 2005 तक, उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारतीय विदेशी नीति में कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिए।

नटवर सिंह का कार्यकाल उनकी कूटनीतिक सफलताओं के लिए जाना जाता है, जिसमें महत्वपूर्ण इंडो-अमेरिकन न्यूक्लियर डील भी शामिल थी। उनकी कूटनीतिक ऊर्जा और विदेश नीति पर उनकी गहरी समझ ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्ति बना दिया।

हालांकि नटवर सिंह का राजनीतिक जीवन विवादों से भी अछूता नहीं रहा। वोल्कर रिपोर्ट घोटाले के दौरान उनका नाम सामने आया, जिसने उनकी प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाया। इसके बावजूद, वे भारतीय राजनीति में एक सम्मानित व्यक्तित्व बने रहे। उनके साथी और उनके उत्तराधिकारी भी उनकी योगदान की सराहना करते हैं।

नटवर सिंह न केवल एक कुशल राजनेता थे बल्कि एक विद्वान लेखक और कुशल राजनयिक भी थे। उन्होंने अपनी सूझ-बूझ और राजनीतिक अनुभव के आधार पर कई किताबें भी लिखी हैं। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करने और उनकी तारीफों भरे संदेश देखने को मिले। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि नटवर सिंह की बुद्धिमत्ता और उनकी बड़ी कूटनीतिक विभूतियों के कारण वे हमेशा याद किए जाएंगे।

नटवर सिंह का राजनीतिक और कूटनीतिक सफर कई महत्वपूर्ण घटनाओं का हिस्सा रहा है। उनके कर्मों और निर्णयों ने भारतीय विदेश नीति को नए आयाम दिए। उनकी जीवन यात्रा कई लोगों को प्रेरित करेगी और उनका योगदान देश के विभिन्न क्षेत्रों में सदैव याद किया जाएगा।

आज जब हम नटवर सिंह की अनमोल यादों को ह्रदय में बसाए हुए हैं, तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने हमेशा देश के हित में काम किया और अपनी बुद्धिमत्ता से कांग्रेस पार्टी को भी मजबूती दी। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हुआ है।

राजनीतिक जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं

नटवर सिंह के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1984 में हुई जब उन्होने राज्यसभा के सदस्य के रूप में राजनीति में कदम रखा। उन्हें नरसिम्हा राव सरकार में 1991 में विदेश मामलों के राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।

2004 में, उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री के पद का कार्यभार संभाला। इस दौरान, उन्होंने भारतीय विदेश नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार किए। उनकी उपलब्धियों में इंडो-अमेरिकन न्यूक्लियर डील भी शामिल थी, जो आज भारतीय कूटनीति की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है।

वोल्कर रिपोर्ट घोटाला

एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद घटना जिसने नटवर सिंह के राजनीतिक जीवन पर धब्बा डाला वह था वोल्कर रिपोर्ट घोटाला। यह घोटाला एक बड़ा मुद्दा बना और इसमें नटवर सिंह का नाम सामने आया। हालांकि, यह विवाद उन पर एक छाया की तरह मंडराता रहा, लेकिन उन्होंने अपनी स्पष्टवादिता और विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखा।

नटवर सिंह का योगदान और उनका कार्यकाल राजनीतिक स्तर पर बेहद महत्वपूर्ण रहा है। वे हमेशा अपने समर्पण और कुशलता के लिए याद किए जाएंगे। आज जब हम उनके नहीं होने का दुःख मना रहे हैं, तब हमें उनकी जीवन यात्रा को उनके योगदान के साथ याद रखना चाहिए।

नटवर सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है और उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। उनके योगदान को याद करते हुए, हमें उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

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