चक्रवात रेमल का खतरा: पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की तटवर्ती क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी

चक्रवात रेमल का खतरा: पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की तटवर्ती क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी

पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश पर मंडरा रहा है चक्रवात रेमल का खतरा

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटवर्ती क्षेत्रों में चक्रवात रेमल की संभावनाओं को देखते हुए चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि शुक्रवार को मध्य बंगाल की खाड़ी में एक गहन निम्न दाब क्षेत्र बना है, जो शनिवार सुबह तक एक चक्रवात में परिवर्तित हो सकता है।

मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह

मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए मछुआरों को शुक्रवार से ही समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। विभाग के अनुसार, परिस्थितियों के अनुसार, समुद्र में तूफानी मौसम और सतह की हवा की गति 45 किमी प्रति घंटे से अधिक होने की संभावना है।

विभिन्न जिलों में बारिश और आंधी की संभावना

पश्चिम बंगाल के कई जिलों, जैसे कि कोलकाता सहित, गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। मौसम विभाग ने जिले के विभिन्न हिस्सों में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ-साथ मध्यम से हल्की बारिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।

भारी बारिश की संभावना

भारी बारिश की संभावना

पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना, और उत्तर 24 परगना के एक या दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में, प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और बाहर अनावश्यक रूप से न निकलने की सलाह दी है।

बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्रों में गंभीर असर

यह चक्रवात 26 मई की मध्यरात्रि तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच तटों को पार कर सकता है। इसके असर से संबंधित क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज हवाएं, और जलभराव की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

प्रशासन की तैयारियां

स्थानीय प्रशासन ने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। मछुआरों को पहले से ही सतर्क कर दिया गया है और उन्हें समु. पीछले समीप समुद्री गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, तटवर्ती क्षेत्रों में जलभराव के संभावित स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थलों पर जाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

जनमानस से अपील

जनमानस से अपील

IMD और स्थानीय प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे चक्रवात के समय सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में, प्रशासनिक सहायता के लिए तटस्थ स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं।

चक्रवात रेमल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

  • शुक्रवार को निम्न दाब क्षेत्र के रूप में बना चक्रवात
  • शनिवार सुबह तक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने की संभावना
  • मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
  • कई जिलों में बारिश और तेज हवाएं
  • पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना में भारी बारिश की संभावना

चक्रवात रेमल की स्थिति का निरंतर अपडेट

IMD निरंतर स्थितियों पर नजर रख रहा है और स्थिति में किसी भी प्रकार के बदलाव की जानकारी समय-समय पर जारी की जाएगी। जनता को सलाह दी जाती है कि वे अद्यतित रहने के लिए आधिकारिक सूचनाओं का पालन करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी मिलकर इस प्राकृतिक आपदा का सामना करें और सुरक्षित रहें।

  • Pooja Joshi

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18 टिप्पणि

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    Laura Balparamar

    मई 26, 2024 AT 15:23

    ये चक्रवात तो बस शुरुआत है, अगले हफ्ते और बदतर होगा। हमारे तटीय क्षेत्रों में तो पहले से ही बुनियादी ढांचा टूट चुका है, अब ये आपदा तो बस आखिरी निशान है।
    हमें सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि तैयारी चाहिए।

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    Shivam Singh

    मई 27, 2024 AT 07:02

    अच्छा भई, IMD ने चेतावनी दी तो अब लोग घरों में बैठे रहेंगे? मैं तो रोज समुद्र किनारे भाप लेने जाता हूँ, अब तो टूटी बरामदा में बैठकर तूफान का इंतज़ार करूँगा 😅

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    Piyush Raina

    मई 27, 2024 AT 19:34

    इस चक्रवात का नाम 'रेमल' है, जो अरबी में 'तूफान' का अर्थ रखता है। ये नामकरण बांग्लादेश और भारत के बीच सहयोग का एक छोटा सा प्रतीक है।
    क्या हम इस तरह के सामूहिक प्रयासों को अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए भी बढ़ा सकते हैं?
    ये सिर्फ मौसम नहीं, ये साझा भाग्य है।

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    Srinath Mittapelli

    मई 29, 2024 AT 05:58

    कोलकाता के तट पर जिन लोगों के घर बने हुए हैं वो तो बस इंतज़ार कर रहे हैं कि कब तूफान आएगा
    कुछ लोग अभी तक बारिश के लिए छत पर बर्तन रख रहे हैं, अब तो वो बर्तन बह जाएंगे
    मछुआरे अपनी नावें बंदरगाह में बांध रहे हैं लेकिन कुछ अभी भी जाने की कोशिश कर रहे हैं
    सरकार की तैयारी तो अच्छी है लेकिन जनता को समझाना बहुत मुश्किल है
    हमारे गाँव में तो एक बुजुर्ग ने कहा था - 'पुराने समय में तो ये तूफान आते थे और हम बस भगवान को याद करते थे'
    अब हमारे पास रडार हैं लेकिन विश्वास नहीं
    हम तो अभी भी देखकर ही भरोसा करते हैं
    जब तक आसमान नहीं उलटता, हम नहीं मानते
    लोग अभी भी बाजार में खरीदारी कर रहे हैं, जबकि बारिश शुरू हो चुकी है
    ये बारिश नहीं, ये तो बरसती आदतें हैं
    हमारी आदतें तो अभी भी उसी तरह चल रही हैं जैसे 50 साल पहले
    हम तो अभी भी बारिश को आशीर्वाद मानते हैं, भले ही वो घर बहा रही हो
    लोग अभी भी अपने बच्चों को बारिश में खेलने देते हैं
    हम तो आपदा को भी रिश्ता बना लेते हैं
    ये तूफान आएगा और हम उसे नाम देंगे - 'मानसून का भाई'

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    Vineet Tripathi

    मई 30, 2024 AT 11:38

    सुनामी की चेतावनी सुनकर लगा जैसे कोई फिल्म देख रहा हूँ।
    असली दुनिया में तो लोग अभी भी बाजार में टमाटर खरीद रहे हैं।
    प्रशासन की तैयारी अच्छी है, बस अब लोगों को समझाना है।

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    Dipak Moryani

    मई 31, 2024 AT 03:34

    रेमल का नाम किसने रखा? क्या ये नाम बांग्लादेश ने दिया? क्या भारत के पास अपना नाम नहीं है?

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    Subham Dubey

    जून 1, 2024 AT 18:09

    ये चक्रवात सिर्फ प्राकृतिक नहीं है।
    ये एक छल है।
    जब भी कोई बड़ी आपदा आती है, तो अमेरिका और चीन के सैटेलाइट्स तुरंत उस क्षेत्र को देखने लगते हैं।
    क्या ये अंतरिक्ष से नियंत्रित आपदा है?
    क्या हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा बलों को इसकी जानकारी नहीं है?
    मैंने एक डॉक्यूमेंट्री देखा था जिसमें कहा गया था कि आपदाओं को इंजीनियरिंग से बनाया जा सकता है।
    हमारी सरकार इसके खिलाफ क्यों नहीं लड़ रही?
    क्या हम सब बस एक बड़े ट्रायल में हैं?

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    Rajeev Ramesh

    जून 2, 2024 AT 01:38

    मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि इस चक्रवात के संदर्भ में विभिन्न स्थानीय निकायों के द्वारा दी गई जानकारी अक्सर असंगत होती है।
    इसके अलावा, विश्व स्तरीय मौसम विज्ञान संगठनों के निर्देशों के अनुसार, तटीय क्षेत्रों में आपातकालीन योजनाएँ अक्सर अपर्याप्त होती हैं।
    मुझे लगता है कि इस विषय पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाना चाहिए।

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    Vijay Kumar

    जून 3, 2024 AT 02:59

    प्रकृति का रोष। बस इतना ही।

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    Abhishek Rathore

    जून 4, 2024 AT 13:16

    मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि अगर हम लोग अपने आसपास के गाँवों में एक दूसरे के लिए थोड़ा जिम्मेदार बन जाएँ, तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होगा।
    हर घर में एक दो लोग तो बचाव टीम बन सकते हैं।
    सरकार का जो भी काम है, वो तो बाहर का है।
    अंदर का काम हमारा है।

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    Rupesh Sharma

    जून 5, 2024 AT 10:56

    दोस्तों, ये चक्रवात तो बस एक चेतावनी है कि हम अपनी ज़मीन को नहीं भूलना चाहिए।
    हमने नदियों को बंद कर दिया, जंगलों को काट दिया, तटों को बिल्डिंग्स से ढक दिया।
    अब प्रकृति ने हमें याद दिलाया।
    हमें बस एक बार खुद से पूछना है - हमने इस धरती को क्या दिया?
    क्या हम इसे बचाने के लिए तैयार हैं?
    ये सिर्फ एक तूफान नहीं, ये हमारा बदलाव का समय है।

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    Jaya Bras

    जून 6, 2024 AT 16:28

    आईएमडी ने चेतावनी दी तो अब सब घरों में बैठ गए? जब तूफान आएगा तो तुम भी बारिश में नहाने जाओगे 😏
    हमारे तट पर तो लोग अभी भी बियर पी रहे हैं।

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    Arun Sharma

    जून 8, 2024 AT 06:59

    इस चक्रवात के संदर्भ में, मैं एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपनी राय रखना चाहता हूँ।
    मौसम विज्ञान के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में गहन निम्न दाब क्षेत्र का विकास जलवायु परिवर्तन के साथ एक स्पष्ट सहसंबंध दर्शाता है।
    अतः, यह आपदा एक व्यक्तिगत अनुभव नहीं, बल्कि एक सामाजिक-पर्यावरणीय चुनौती है।

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    Ravi Kant

    जून 9, 2024 AT 08:00

    हमारे गाँव में जब भी तूफान आता है, तो बुजुर्ग लोग एक छोटा सा गीत गाते हैं - 'हवा आए, आए जल, भगवान का नाम ले ले'।
    ये गीत हमारी जड़ें हैं।
    हमें याद रखना चाहिए कि प्रकृति के सामने हम सब बराबर हैं।

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    Harsha kumar Geddada

    जून 10, 2024 AT 11:01

    ये चक्रवात बस एक घटना नहीं है, ये एक प्रतीक है।
    हमारी जीवनशैली, हमारी नीतियाँ, हमारा अहंकार - सब इस तूफान के सामने टूट रहा है।
    हमने नदियों को बंद कर दिया, जंगलों को नष्ट कर दिया, तटों को बेच दिया।
    अब प्रकृति ने बदला ले लिया।
    क्या हम सिर्फ चेतावनी सुनकर रह जाएँगे?
    या हम अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे?
    हर एक बारिश की बूंद, हर एक तूफान की हवा, हमारे अतीत की गलतियों की आवाज़ है।
    हमने अपने बच्चों के लिए एक ऐसा घर बनाया है जहाँ आज बारिश भी दुश्मन बन गई है।
    हमने समय को बर्बाद किया, अब समय हमें बर्बाद कर रहा है।
    हमारे बच्चे अगले साल क्या देखेंगे?
    क्या वो भी इसी तरह बारिश के बीच दौड़ेंगे?
    या वो भी इसी तरह चेतावनी को नज़रअंदाज़ करेंगे?
    हम नहीं बदलेंगे तो कौन बदलेगा?

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    sachin gupta

    जून 12, 2024 AT 00:08

    ये चक्रवात तो बहुत फैशनेबल है।
    क्या आपने देखा कि इसका नाम 'रेमल' है? बहुत स्टाइलिश।
    और ये जो अलर्ट हैं - येलो, ऑरेंज, रेड - बिल्कुल लगता है जैसे एक लिस्टिंग हो।
    मैं तो अभी तक नहीं जान पाया कि ये सब किसके लिए है - लोगों के लिए या इंस्टाग्राम के लिए।

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    Shivakumar Kumar

    जून 13, 2024 AT 06:40

    इस तूफान को देखकर लगता है जैसे धरती ने अपनी गर्दन उठाई है।
    बस एक बार फिर, अपनी शक्ति दिखाने के लिए।
    हमने जो बिल्डिंग्स बनाईं, वो अब टूट रही हैं।
    हमने जो नदियाँ बंद कीं, वो अब हमें बहा रही हैं।
    हमने जो तट बेच दिए, वो अब हमें बांध रहे हैं।
    हम जानते हैं कि ये आएगा।
    लेकिन जब आता है, तो हम फिर से हैरान हो जाते हैं।
    ये तूफान हमारी अनदेखी की आवाज़ है।
    और अगर हम इसे सुन लें -
    तो शायद अगली बार नहीं आएगा।

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    saikiran bandari

    जून 14, 2024 AT 08:02

    चक्रवात रेमल? ये तो बस एक नाम है।
    असली खतरा तो वो है जो लोग बाहर घूम रहे हैं।
    कोई चेतावनी नहीं चल रही।
    कोई तैयारी नहीं।
    बस बारिश हो रही है।

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