श्रीलंका त्रिकोणीय सीरीज़ में भारत महिला टीम की ज़बर्दस्त जीत
जेमिमा रोड्रिग्स का बल्ला जब चलता है तो विपक्षी गेंदबाजों की हालत खराब हो जाती है। श्रीलंका में खेले जा रहे महिला त्रिकोणीय सीरीज़ के पांचवें मैच में कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब भारत महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को 23 रन से हरा दिया। यह जीत सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि फाइनल में जगह पक्की करने के लिए जरूरी थी। भारत की जीत में जेमिमा रोड्रिग्स का शतक, दीप्ति शर्मा का बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन और अमनजोत कौर की गेंदबाजी मुख्य आकर्षण रहा।
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 337 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। शुरुआत तो सधी हुई रही, लेकिन जैसे-जैसे जेमिमा का बल्ला खुला, रन बनाने की स्पीड भी बढ़ती गई। 101 गेंदों में 15 चौकों और 1 छक्के की मदद से उन्होंने 123 रन ठोक डाले। यह उनका वनडे करियर का दूसरा शतक है, और इस बार उन्होंने मैदान पर अपना पुराना सर्वश्रेष्ठ स्कोर पीछे छोड़ दिया।
जेमिमा के अलावा स्मृति मंधाना ने 51 रन बनाए, जिससे शुरुआती साझेदारी मजबूत दिखी। उसके बाद दीप्ति शर्मा ने 93 रनों की दमदार पारी खेली—उनकी इस पारी के दौरान उन्होंने कई बार स्ट्राइक संभालते हुए साझेदारों को साथ भी रखा। इन दोनों और जेमिमा की पार्टनरशिप ने भारत को मुश्किल परिस्थितियों में भी बड़े स्कोर की ओर बढ़ाया। इनके बाद मिडिल ऑर्डर में विकेट गिरते रहे, लेकिन कुल स्कोर तेज़ी से बढ़ता गया।
साउथ अफ्रीका की कोशिशें और भारतीय गेंदबाजों की सूझबूझ
साउथ अफ्रीका की टीम जीत के लिए 338 रन के बड़े टारगेट के पीछे उतरी तो उनकी शुरुआत ठीक रही, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने दबाव बनाए रखा। ओपनिंग में कुछ छोटे विकेट जल्दी गिरे, मगर एनरी डर्क्सेन (81) और कप्तान क्लो ट्रायॉन (67) ने रनों का पीछा आकर्षक अंदाज में किया। इन दोनों ने बीच के ओवरों में स्ट्राइक रोटेट करते हुए गेंदबाजों को थकाने की कोशिशें कीं। लेकिन जैसे-जैसे मैच का दबाव बढ़ा और रोशनी कमजोर होती गई, भारत की फील्डिंग और गेंदबाजी ने बाजी पलट दी।
अमनजोत कौर ने तीन विकेट झटके, जिसमें उन्होंने अहम समय पर सेट बल्लेबाजों को आउट किया। दूसरी ओर, दीप्ति शर्मा ने भी दो महत्वपूर्ण विकेट लेकर साउथ अफ्रीका की रफ्तार धीमी की। गेंदबाजों के लिए डैथ ओवर्स में गेंद को नियंत्रण में रखना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन भारत ने अनुभव और रणनीति का सही इस्तेमाल किया।
अंतिम ओवरों में जब साउथ अफ्रीका को हर बॉल पर रन चाहिए थे, भारतीय फील्डर्स ने कोई चूक नहीं की और विकेट गिराते रहे। मैच के आखिरी पलों में रोशनी कमजोर हो गई लेकिन खेल को नतीजे तक पहुंचाया गया और भारत ने 23 रन से बाज़ी मार ली। इस जीत से भारत महिला टीम न सिर्फ फाइनल में पहुंची, बल्कि आत्मविश्वास और टीम स्पिरिट भी दिखा दी—और आगे के मुकाबलों के लिए मजबूत दावेदारी पेश की।
द्वारा लिखित सुमेधा चौहान
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