जो बिडेन ने यूएस राष्ट्रपति बहस में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मंच पर संघर्ष किया

जो बिडेन ने यूएस राष्ट्रपति बहस में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मंच पर संघर्ष किया

2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पहली बहस ने राजनीति के रंगमंच पर कई प्रमुख घटनाओं को उजागर किया। यह बहस अटलांटा, जॉर्जिया में आयोजित की गई थी, जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति जो बिडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भाग लिया। लेकिन इस बहस में बिडेन की शारीरिक स्थिति और उनकी असमर्थता ने सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया।

81 वर्षीय जो बिडेन मंच पर कई बार अस्वस्थ दिखाई दिए। बहस के दौरान उनके हिचकिचाते, खांसते और भ्रमपूर्ण प्रदर्शन ने उनकी पुनःनिर्वाचन क्षमता पर गंभीर सवाल उत्पन्न कर दिए हैं। बिडेन के बोलने में रुकावटें और उनका बार-बार अपने नोट्स को देखना संदेह उत्पन्न कर रहा था।

जबकि जो बिडेन का उठान और चलने में संघर्ष साफ नजर आ रहा था, उन्होंने कई बार संख्याओं को गड़बड़ाया और अपने विचारों को दोबारा व्यवस्थित करने में असमर्थ दिखे। खासकर टैक्‍स पॉलिसी पर महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान वे अपने ट्रैक से उतर गए और स्वास्थ्य नीति पर भ्रमित प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा, 'देखो, हमने आखिरकार मेडिकेयर को हरा दिया,' और तुरंत ही मॉडरेटर्स ने उन्हें काट दिया।

इस पल का फायदा ट्रम्प ने तुरंत उठाया और बिडेन की मेडिकेयर की हैंडलिंग पर तीखी प्रतिक्रिया दी। वह एक ऐसे राष्ट्रपति का चित्रण करने में सफल रहे, जो न केवल शारीरिक रूप से कमजोर है, बल्कि मानसिक रूप से भी असमर्थ है। व्हाइट हाउस ने मीडिया को जानकारी दी कि बिडेन को सर्दी हो गई थी और इसी कारण वे अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। खुद बिडेन ने भी इस बात की पुष्टि की और कहा, 'मुझे गले में खराश है।'

हालांकि, बहस में ट्रम्प का प्रदर्शन भी निर्दोष नहीं था। ट्रम्प ने भी कई बार असंगत प्रतिक्रियाएं दीं और उन्होंने आगामी नवंबर चुनाव के परिणामों को स्वीकार करने पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए बातचीत को टाल दिया। इससे यह साफ हुआ कि उनके भी कुछ कमजोर पक्ष थे, जिन्हें ध्यान में रखना होगा।

इस बहस की सबसे प्रमुख बात यह रही कि होस्ट CNN के द्वारा लगाए गए सख्त नियमों के चलते यह 2020 की बहस की तुलना में अधिक व्यवस्थित रही। व्‍यक्तिगत हमलों के दौर भी खूब चले, जहाँ बिडेन ने ट्रम्प को 'सकर,' 'लूजर,' और 'दोषी अपराधी' कहकर पुकारा, जबकि ट्रम्प ने बिडेन को 'इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति' कहा। इन आरोप-प्रत्यारोपों ने बहस को गरमा दिया और दर्शकों में उत्सुकता पैदा की।

हंसी-हंसी में, दो पूर्व राष्ट्रपतियों ने अपने गोल्फ खेलने की क्षमताओं पर भी बदलते हुए टिप्पणियाँ की। ट्रम्प ने अपने गोल्फ कौशल का बखान किया, जबकि बिडेन ने हंसी में जवाब देते हुए ट्रम्प के वजन पर कटाक्ष किया। यह अनुभव खासा दिलचस्प था, जिसमें दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर मजाकिया हमले किए।

बहस का समापन भी इसी चुटकीले माहौल में हुआ, जब ट्रम्प ने कहा, 'बच्चों की तरह व्यवहार न करें,' और बिडेन ने पलटवार करते हुए कहा, 'तुम्हीं बच्चा हो।' यह टिप्पणी दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ले आई, लेकिन बहस के गंभीर मुद्दों पर दबाव बनाये रखा।

अंतमा बहस ने जहाँ एक तरफ जो बिडेन की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर सवाल खड़े किए, वहीँ डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रिया क्षमता और उनके बंदूक-धारी भाषण शैली पर भी प्रकाश डाला। दोनों नेताओं के बीच यह महत्त्वपूर्ण सामना था और आने वाले चुनावी माहौल में इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।

बिडेन की स्वास्थ्य स्थिति पर विचार

इस बहस के दौरान सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो उभर कर आया, वह था जो बिडेन की स्वास्थ्य स्थिति। बिडेन की उम्र और स्वास्थ्य पर पहले भी चर्चा होती रही है, लेकिन इस बहस में यह मुद्दा और भी प्रबल हो गया। उनके खांसने और बार-बार पानी पीने से यह साफ हो गया कि वे पूरी तरह स्वस्थ नहीं थे।

यह भी देखा गया कि उन्होंने बार-बार अपने नोट्स देखे और अपने विचारों को क्रमबद्ध करने में संघर्ष किया। इसने न केवल उनके समर्थकों के बीच चिंता बड़ाई, बल्कि विपक्षी भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने लगे।

ट्रम्प का हमलावर रुख

ट्रम्प का हमलावर रुख

वहीं दूसरी तरफ, ट्रम्प का रुख इस बहस में पूरी तरह स्पष्ट था। उन्होंने अपना पूरा ध्यान बिडेन की कमजोरियों पर केंद्रित रखा और उन्हें बार-बार घेरने की कोशिश की। यह रणनीति बहुत हद तक सफल भी रही, क्योंकि बिडेन की असमर्थता ने ट्रम्प को अपने दृष्टिकोण को और प्रबल बनाने का अवसर प्रदान किया।

ट्रम्प ने मेडिकेयर पर बिडेन की प्रतिक्रिया को खास ताने मारने वाले अंदाज़ में पेश किया और इसे अपने चुनावी प्रचार के लिए हथियार बनाया। यह दिखाता है कि वे किसी भी मौके को भुनाने में माहिर हैं और इस बार भी उन्होंने वही किया।

ब्रॉडकास्ट के नियम और उनका प्रभाव

ब्रॉडकास्ट के नियम और उनका प्रभाव

इस बार की बहस में सबसे बड़ा बदलाव CNN के सख्त नियम थे। पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए, उन्होंने इसे अधिक व्यवस्थित और नियंत्रित बनाने का प्रयास किया। बहस में किसी प्रकार की अव्यवस्था और आपूतः टोकाटाकी को रोकने के लिए सख्त प्रावधान लागू किए गए थे।

इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया। दोनों नेता अपने-अपने मुद्दों को स्पष्ट रूप से पेश कर पाए और दर्शकों ने इसे पर्याप्त ध्यान से सुना भी। व्यक्तिगत हमले और कटाक्षों के बावजूद, बहस की गरिमा बनी रही और दर्शकों का ध्यान विचलित नहीं हुआ।

आम जनता की प्रतिक्रिया

आम जनता की प्रतिक्रिया

इस बहस के बाद आम जनता की प्रतिक्रियाएँ भी विविध रहीं। बिडेन के समर्थक उनकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके लिए सहानुभूति दिखा रहे हैं, जबकि ट्रम्प के समर्थक उनकी आक्रामकता और सीधे सवालों के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं।

इस बहस ने यह दिखा दिया कि आने वाले चुनावी मौसम में मुद्दों की तपिश और भी बढ़ने वाली है। जनता अब अधिक सजग हो गई है और वे नेताओं की हर हरकत पर ध्यान दे रहे हैं।

अंत में, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बहस के बाद चुनावी प्रक्रिया किस दिशा में जाती है और कैसे यह सारे मुद्दे जनता के निर्णय को प्रभावित करते हैं।

  • Pooja Joshi

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12 टिप्पणि

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    Rupesh Sharma

    जून 30, 2024 AT 11:49

    ये बहस देखकर लगा जैसे दो बूढ़े आदमी अपनी यादों के बीच लड़ रहे हैं। एक के पास ताकत है लेकिन दिमाग नहीं, दूसरे के पास दिमाग है लेकिन शरीर नहीं। अमेरिका का भविष्य इन दोनों के हाथों में है? अरे भाई, ये तो एक बच्चे के लिए भी डरावना है।

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    Jaya Bras

    जुलाई 1, 2024 AT 04:58

    बिडेन को सर्दी हुई थी बस इतना ही और तुम सब इतना डर गए? ट्रम्प के पास तो एक बार बोलते वक्त अपनी आँखें बंद कर ली थीं लेकिन तुमने उसके बारे में कुछ नहीं कहा। दोहरा मानक है ये। 😒

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    Harsha kumar Geddada

    जुलाई 1, 2024 AT 15:12

    इस बहस के बाद मैंने एक गहरा सोचा है। शायद राजनीति अब सिर्फ नीतियों का मुद्दा नहीं रह गई, बल्कि शरीर का मुद्दा बन गई है। एक आदमी की उम्र और उसके शरीर की स्थिति को देखकर उसकी बुद्धि का आकलन करना गलत है। लेकिन फिर भी, जब वो बार-बार नोट्स देख रहा हो, तो ये सवाल उठना स्वाभाविक है। क्या हम एक ऐसे नेता को चुनने वाले हैं जिसकी याददाश्त अब अपने आप चली जा रही है? ये सवाल अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। क्योंकि जब एक शक्ति अपने नेता की शारीरिक असमर्थता को नजरअंदाज करने लगती है, तो वो शक्ति अपने आप को नष्ट कर रही होती है।

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    Shivakumar Kumar

    जुलाई 3, 2024 AT 03:02

    मैंने बहस देखी और लगा जैसे दो बूढ़े दादा अपने गोल्फ के बारे में बहस कर रहे हैं। एक बोल रहा था ‘मैंने 18 होल पर एक शॉट में बॉल डाल दी’ और दूसरा हंसते हुए बोला ‘अरे भाई, तू तो गोल्फ कार्ट में बैठकर खेलता है!’ ये बहस नहीं, ये तो एक डॉक्यूमेंट्री है जो दिखाती है कि जब शक्ति बूढ़ी हो जाती है, तो वो अपने आप को बचाने के लिए बच्चों की तरह बर्ताव करने लगती है। अमेरिका के लिए ये बहुत खतरनाक है।

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    Ravi Kant

    जुलाई 3, 2024 AT 22:19

    हम भारत में भी ऐसा ही होता है। एक बूढ़े नेता को देखकर सब कहते हैं ‘वो अभी भी बहुत तेज हैं’ और दूसरे को देखकर ‘अरे ये तो अब चल भी नहीं पा रहा’। लेकिन असली सवाल ये है कि क्या हम एक ऐसे नेता को चुनने की इजाजत दे सकते हैं जो अपने दिमाग के बजाय अपने दिल से बोल रहा हो? शायद अमेरिका को भी इसी की जरूरत है।

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    Vishakha Shelar

    जुलाई 5, 2024 AT 04:56

    बिडेन का गला खराश है तो ट्रम्प का दिमाग खराब है 😭

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    Arun Sharma

    जुलाई 6, 2024 AT 10:47

    इस बहस के बाद जो लोग बिडेन के समर्थन में हैं, वे उनकी उम्र को बहाना बना रहे हैं। लेकिन ये उम्र नहीं, ये दिमाग की अक्षमता है। एक राष्ट्रपति को अपने विचारों को व्यवस्थित करने की क्षमता होनी चाहिए। जब वह नोट्स देखकर बोलता है, तो वह नेता नहीं, एक अभिनेता है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।

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    sachin gupta

    जुलाई 6, 2024 AT 20:11

    ट्रम्प ने जो बोला वो भी बहुत बेकार था। लेकिन अगर बिडेन ने नोट्स नहीं देखे होते तो तुम लोग कहते कि ‘वो तो बिना तैयारी के बोल रहा है’। दोनों का बर्ताव एक ही है। बस एक को तुम नापाक बता रहे हो, दूसरे को नायक।

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    saikiran bandari

    जुलाई 8, 2024 AT 12:13

    कोई बिडेन की उम्र की बात कर रहा है कोई ट्रम्प की बात कर रहा है कोई बोल रहा है मेडिकेयर वाला बात कोई गोल्फ की बात कर रहा है बस एक भी नहीं बोल रहा कि ये बहस किस लिए हुई

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    Subham Dubey

    जुलाई 10, 2024 AT 05:10

    इस बहस के बाद मैंने एक अंधेरे सिद्धांत को समझा। अमेरिका के अंदर एक गुप्त संगठन है जो इन दोनों को आमने-सामने लाने के लिए तैयार कर रहा है। वो चाहते हैं कि दोनों नेता एक दूसरे को नष्ट कर दें। तभी तो एक तीसरा नेता उभर सके - जो अब तक किसी ने नहीं देखा। ये बहस एक धोखा है। एक बड़ा साजिश।

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    Ayush Sharma

    जुलाई 11, 2024 AT 07:33

    अगर बिडेन की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर इतना डर है तो फिर ट्रम्प की बात क्यों नहीं कर रहे? उनके दिमाग में भी बहुत कुछ गड़बड़ है। एक बार तो उन्होंने बताया कि वो बिडेन के बारे में जानते हैं कि वो किस दिन किस घंटे क्या करते हैं। अगर ये नहीं तो ये कैसे जानते हैं? शायद उनके दिमाग में एक ऐसा सॉफ्टवेयर चल रहा है जो बिडेन के दिमाग को हैक कर रहा है।

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    Rashmi Naik

    जुलाई 11, 2024 AT 10:13

    ये सब बहस तो बस एक डिजिटल ड्रामा है जिसमें एल्गोरिदम ने दोनों को बनाया है ताकि वो जनता को ट्रैक कर सके। ये नहीं कि बिडेन या ट्रम्प बोल रहे हैं बल्कि ये कि डेटा पॉइंट्स बोल रहे हैं। आप सब तो बस एक एआई के निर्माण को देख रहे हैं। अगर आपको लगता है कि ये दो आदमी अपने विचार बता रहे हैं तो आप बहुत अनुभवी हैं।

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