मध्य रेलवे ने मुंबई में 63 घंटे के मेगाब्लॉक की घोषणा की रखरखाव और उन्नयन के लिए

मध्य रेलवे ने मुंबई में 63 घंटे के मेगाब्लॉक की घोषणा की रखरखाव और उन्नयन के लिए

व्यापक रखरखाव और उन्नयन के लिए 63 घंटे का मेगाब्लॉक

मध्य रेलवे (CR) ने शुक्रवार से रविवार तक 63 घंटे के मेगाब्लॉक की घोषणा की है ताकि व्यापक रखरखाव और उन्नयन कार्य किए जा सकें। इस मेगाब्लॉक के दौरान 930 लोकल ट्रेनों को रद्द किया जाएगा, जो मुंबई के यातायात पर बड़ा प्रभाव डालेगा। इस परियोजना का उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के प्लेटफार्म 10 और 11 को अतिरिक्त 120 मीटर तक बढ़ाना है ताकि यहां 24 कोच वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को समायोजित किया जा सके।

रखरखाव और उन्नयन की प्रमुख बातें

इस परियोजना के लिए रेल पटरियों, ओवरहेड तारों और अन्य उपकरणों का स्थानांतरण आवश्यक होगा। थाने स्टेशन पर प्लेटफॉर्म 5 को 10 मीटर से बढ़ाकर 13 मीटर किया जाएगा ताकि यात्री भीड़ को कम किया जा सके। भारतीय रेलवे के लिए पहली बार अत्याधुनिक मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म निर्माण तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है जिनमें प्री-कास्ट ब्लॉक्स शामिल हैं।

यह मेगाब्लॉक मुख्य रूप से CSMT-बायकुला मुख्य लाइन और CSMT-वडाला हार्बर लाइन रूट्स को प्रभावित करेगा। अतिरिक्त ब्लॉक्स थाने में कल्याण-बाउंड फास्ट लाइन और CSMT-बाउंड स्लो लाइन पर भी लागू किए जाएंगे। अतिरिक्त यातायात यातायात पुलिस द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और सिग्नल उन्नयन

इस मेगाब्लॉक के दौरान, CR यांत्रिक से इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली में भी परिवर्तन करेगा। इस अपग्रेड के अंतर्गत प्रमुख सिविल और ओवरहेड उपकरण (OHE) उन्नयन को पूरा किया जाएगा, हालांकि, अभी सिग्नलिंग उन्नयन बाकी है। इस दौरान रेलवे अधिकारी इस यकीन को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं कि काम स्वरूप सुधार लाए।

अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम

यात्री असुविधा को कम करने के लिए, CR ने BEST मुंबई, TMT थाने, और MSRTC कल्याण तक अतिरिक्त बस सेवाओं की सहायता मांगी है। उन्होंने परिवहन यूनियनों से भी अपील की है कि स्टेशन क्षेत्रों में ऑटो और टैक्सियों का अधिकतम सफर किया जाए। पश्चिम रेलवे से भी अपील की गई है कि वे सप्ताहांत में कोई मेगाब्लॉक न लगाएं और अपनी सेवाएं जारी रखें।

मेगाब्लॉक के दौरान सड़क यातायात में वृद्धि की संभावना को देखते हुए यातायात पुलिस ज्यादा संख्या में जवान तैनात करेगी ताकि यातायात नियंत्रित किया जा सके।

संभावित असर और यात्री सलाह

इस मेगाब्लॉक के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन लोगों को जो दैनिक यात्रियों में शामिल हैं। अधिकारियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा करते समय अतिरिक्त समय का ध्यान रखें और वैकल्पिक परिवहन साधनों का उपयोग करें। इस अवधि में विशेष रूप से अपने यात्रा कार्यक्रम की पहले से योजना बनाने का सुझाव दिया गया है।

इस व्यापक रखरखाव और उन्नयन कार्य से न केवल यात्री सेवाओं में सुधार होगा बल्कि लंबी दूरी की ट्रेनों के सुचारु परिचालन में भी मदद मिलेगी। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से संयम बरतने का अनुरोध किया है और इस काम के सफल निष्पादन और इसके बाद की बेहतर सेवाओं के लिए सहयोग की अपील की है।

  • Pooja Joshi

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7 टिप्पणि

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    Neel Shah

    जून 2, 2024 AT 19:31
    ये सब बकवास है... 63 घंटे? अरे भाई, ये तो बस के लिए भी ज्यादा है! और फिर भी बोल रहे हैं 'उन्नयन'... जब तक ट्रेनों के लिए प्लेटफॉर्म नहीं बढ़ाएंगे, तब तक ये सब नाटक है। 🤦‍♀️😭
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    shweta zingade

    जून 4, 2024 AT 09:37
    ये मेगाब्लॉक सिर्फ एक अवसर है! जब तक हम अपनी रेलवे को अपग्रेड नहीं करेंगे, तब तक हम अपने जीवन को अपग्रेड नहीं कर सकते। ये 63 घंटे बर्बादी नहीं, भविष्य की नींव है। थोड़ा सहन करो, दोस्तों! 💪✨ आज की थकान, कल की आज़ादी है!
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    Pooja Nagraj

    जून 5, 2024 AT 02:13
    अरे, ये तो एक अप्रत्याशित रूप से विशिष्ट उदाहरण है आधुनिक रेलवे प्रबंधन के दर्शन का। जिस तरह से यहाँ प्री-कास्ट ब्लॉक्स का उपयोग किया जा रहा है, वह फोकुस्स के साथ निर्माण के अर्थ को फिर से परिभाषित कर रहा है। यह एक निर्माणात्मक विरोधाभास है - विघ्न के माध्यम से स्थिरता की ओर बढ़ना। जीवन का सार भी तो यही है, ना? 🤔
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    Anuja Kadam

    जून 6, 2024 AT 00:04
    kuch bhi.. bus services badhi hai par traffic control? kya karega police? sab kuch delay ho raha hai.. ye sab kaise chalega? 😴
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    Shalini Thakrar

    जून 7, 2024 AT 22:51
    इस मेगाब्लॉक के अंतर्गत, हम एक डिजिटल-फिजिकल इंटरफेस के निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं - जहाँ ओवरहेड एलिमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, और मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म्स एक सिंगल ऑपरेशनल सिस्टम के रूप में एकीकृत हो रहे हैं। यह फास्ट-फेड इंफ्रास्ट्रक्चर का एक अभिनव अध्ययन है। बस यात्रियों को इसकी अवधारणा समझनी होगी। 🧠⚡
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    pk McVicker

    जून 8, 2024 AT 15:36
    बेकार का काम। घंटे बर्बाद।
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    Laura Balparamar

    जून 10, 2024 AT 07:44
    ये सब बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप यात्रियों के लिए अतिरिक्त बसें नहीं लगा रहे, तो आप बस अपने अपने लक्ष्य के लिए लोगों को दर्द दे रहे हैं। ये उन्नयन नहीं, अत्याचार है। ये जो बसें चल रही हैं, उनका भी ट्रैकिंग होना चाहिए। नहीं तो ये सब नाटक है।

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