नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में केपी शर्मा ओली की नियुक्ति
नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव तब आया जब केपी शर्मा ओली ने नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। ओली, जो कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के नेता हैं, उन्होंने चौथी बार इस पद की ज़िम्मेदारी संभाली है। इस नई सरकार का गठन नेपाली कांग्रेस पार्टी के समर्थन से किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओली को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी और भारत-नेपाल के बीच मजबूत संबंधों की उम्मीद जताई। उनका यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आया, जिसमें उन्होंने लिखा, 'बधाई हो @kpsharmaoli नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में आपकी नियुक्ति पर। हमारे दोनों देशों के बीच गहरे दोस्ती के बंधनों को और मजबूत करने और हमारे लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए पारस्परिक लाभकारी सहयोग को और विस्तृत करने के लिए उत्सुक हूं।'
नेपाली कांग्रेस और सीपीआई-यूएमएल के बीच समझौता
नेपाल में नई व्यवस्था के अंतर्गत ओली की सरकार का गठन सात-सूत्रीय समझौते के तहत किया गया है, जिसमें नेपाली कांग्रेस पार्टी और सीपीआई-यूएमएल के बीच सत्ता-साझाकरण का प्रावधान है। इस समझौते के अनुसार, आगामी समय में नेपाली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा भी प्रधानमंत्री पद संभालेंगे। ओली ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 नेताओं के समर्थन पत्र के साथ अपना पदस्थापन सुनिश्चित किया, जिसमें से 77 सदस्य सीपीआई-यूएमएल से हैं और 88 सदस्य नेपाली कांग्रेस पार्टी से हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड की हार
ओली की नियुक्ति से पहले पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' ने प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत खो दिया था। प्रचंड जिनके पास पिछले कुछ महीनों से सरकार की बागडोर थी, उन्होंने अपने अंतिम दिनों में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसे उन्हें असफल साबित करना पड़ा। इसके बाद ही ओली की सरकार के गठन का रास्ता साफ हुआ।
भारत-नेपाल संबंधों पर दृष्टि
भारत और नेपाल के बीच हमेशा से ही घनिष्ठ संबंध रहे हैं। भूगोल, संस्कृति, और इतिहास के धागों से जुड़े ये दोनों देश अपनी विशेष साझेदारी के लिए जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री ओली की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में और भी प्रगाढ़ता आएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में स्पष्ट रूप से इसी ओर संकेत किया है। नेपाल में स्थिरता और समृद्धि भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, और ऐसे में दोनों देशों के बीच सहयोग बहुत मायने रखता है।
ओली की इस नई सरकार से नेपाली जनता को भी काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने अपने पिछले कार्यकालों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और इस बार भी उनसे क्या-क्या बदलाव देखने को मिलेंगे, यह आने वाला समय बताएगा।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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