पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन 1 अगस्त से संभालेंगी यूपीएससी के अध्यक्ष का पदभार

पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन 1 अगस्त से संभालेंगी यूपीएससी के अध्यक्ष का पदभार

प्रीति सूदन की नियुक्ति

पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन, जिनका समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की गहरी छाप पड़ी है, अब 1 अगस्त 2024 से यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने वाली हैं। प्रीति सूदन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की 1983 बैच की अधिकारी हैं, और वर्तमान में वे यूपीएससी की एक सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी उन्हें संविधान के अनुच्छेद 316 (A) के तहत सौंपी जाएगी।

मौजूदा अध्यक्ष का इस्तीफा

यूपीएससी के मौजूदा अध्यक्ष मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल 2029 तक था, लेकिन उन्होंने करीब पांच साल पहले ही इस पद को छोड़ने का निर्णय लिया। हालांकि, उनके इस्तीफे के समय पर यूपीएससी में कुछ विवाद चल रहे थे, जिनमें उम्मीदवारों के फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के मामले शामिल थे। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि उनका इस्तीफा इन कथाओं से जुड़ा नहीं था।

संवैधानिक भूमिका

यूपीएससी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315-323 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। इसका मुख्य कार्य देश के विभिन्न सिविल सेवाओं के लिए परीक्षाएं आयोजित करना और योग्य उम्मीदवारों की सिफारिश करना होता है। यह निकाय भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) जैसी शीर्ष सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है।

प्रशासनिक योगदान

प्रीति सूदन का प्रशासनिक करियर बेहतरीन उपलब्धियों से भरा रहा है। वे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं, जैसे कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, महिला और बाल विकास मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय। उन्होंने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' और 'आयुष्मान भारत' जैसी राष्ट्रीय योजनाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

महत्वपूर्ण नेतृत्वकारी भूमिकाएँ

प्रीति सूदन ने अपनी सेवाओं के दौरान न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाई हैं। विश्व बैंक के साथ कंसल्टेंट के रूप में काम किया और वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों में नेतृत्वकारी पदों पर भी रहीं। उन्होंने 'राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग' और 'ई-सिगरेट बैन' जैसे महत्वपूर्ण विधायनों को लागू करने में भी अहम भूमिका निभाई है।

नया अध्याय

यूपीएससी की अध्यक्ष के रूप में प्रीति सूदन का नया अध्याय देश में सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में एक नई दिशा देगा। उनके पास प्रशासनिक अनुभव का बड़ा खजाना है, जो यूपीएससी की कार्यकुशलता को और मजबूती देगा। यूपीएससी के सवालों को नई दृष्टिकोण से हल करने और उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने में उनका योगदान महत्वपूर्ण होगा। उनके नेतृत्व में उम्मीद की जा रही है कि यूपीएससी की कार्यप्रणाली में और अधिक सुधार होंगे।

भविष्य की चुनौतियां

प्रीति सूदन के सामने आने वाले वर्षों में कई चुनौतियां होंगी। यूपीएससी की परीक्षाओं में सुचिता और पारदर्शिता को बनाए रखने के साथ-साथ फलप्रद नीतियों को लागू करने की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी। इसके अलावा, डिजिटल युग में परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने और उम्मीदवारों की समस्याओं का समाधान करने की दिशा में भी उन्हें काम करना होगा।

एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

प्रीति सूदन का करियर युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उनकी मेहनत और सामाजिक सेवा की भावना ने हमेशा से उन्हें दूसरों से अलग रखा है। उनकी नियुक्ति न केवल महिलाओं के लिए बल्कि प्रशासनिक क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक होगी।

हम प्रीति सूदन को उनके नए पदभार के लिए शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वे अपने नेतृत्व में यूपीएससी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।

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