जब साई सुधरसन, बल्लेबाज़ और भारतीय क्रिकेट टीम ने 11 अक्टूबर 2025 को कोटा, दिल्ली में दूसरे टेस्ट में 87 रन बनाकर अपनी जगह मजबूत करने की कोशिश की, तो सभी की नज़रें इस ‘नंबर 3’ की लड़ाई पर टिकी हुई थीं। इस पारिवारिक खिलाड़ी ने वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ शुरुआती पारी में 318/2 के स्कोर में योगदान दिया, जबकि उसके पिछले सात टेस्ट इनिंग्स में औसत केवल 21 था।
पिछले प्रदर्शन और दबाव का इतिहास
साई सुधरसन ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 2023 में की, लेकिन पहली चार टेस्टों में सिर्फ एक ही आधा शतक (50) बन पाया था। द टाइम्स ऑफ इंडिया ने 11 अक्टूबर को रिपोर्ट किया कि अहमदाबाद में एक और विफलता, जहाँ वह रॉस्टन चेज़ की सीधी गेंद से लेग‑बिफोर आउट हो गया, ने उसकी ‘नंबर 3’ की तलाश को और कठिन बना दिया। इस बीच, उसका जन्म 15 अक्टूबर 2001 को तमिलनाडु में हुआ था, और पिता ने दख़ा एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जबकि माँ राज्य‑स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी थीं—एक खेल‑परिवार के कारण उसका मन हमेशा दबाव के बीच तेज़ हवा का सामना करने के लिये तैयार रहा।
कोटा में दूसरा टेस्ट: 87 रन की चमक
कोटा की पिच पर तेज़ बॉल और फिर भी टेढ़ी‑मेढ़ी स्पिन दोनों का मिश्रण था। विरसममी वारिकन की 6.4 डिग्री टर्न वाली डिलीवरी पर साई का एल बी डब्ल्यू आउट होना, मैच के ‘रन‑ऑफ़‑प्ले’ के खिलाफ हुआ, फिर भी उसने पहले ही 87 रन पर अपनी दूसरी टेस्ट फिफ्टी पूरी कर ली थी। इस इनिंग में उसने “बैक‑फुट पर एक्सेलेंट पंचेज़” खेलते हुए कई बार बॉन्डरी खींची, जैसे कि एक ‘फुल‑टॉस आउटसाइड लेग’ और फिर एक ‘हाफ‑वॉली’ के लिए चार रन।
- मैच की कुल स्कोर: भारत 318/2 (पहली पारी)
- साई का व्यक्तिगत स्कोर: 87 (87 बॉल, 11 चौके)
- वेरसममी वारिकन की टर्न: 6.4°
- साई की औसत (पहले 4 टेस्ट): 21.00
साई के बाद यशस्वी जयस्वाल ने 173 रन की तेज़ पारी खेली, जबकि शुबमन गिल ने भी बिना गिरते हुए स्टम्प तक पहुँचाया। यह साझेदारी भारत को ब्रेक लेने के बाद भी दो विकेट से नहीं खोने में मददगार साबित हुई।

टीम और विपक्षी की प्रतिक्रियाएँ
‘ESPN Africa’ ने बताया कि वेस्ट इंडीज की गेंदबाज़ी “पहले घंटे में हर ओवर में बॉन्डरी की कोशिश करती” और साई ने इसे “एक फुल‑टॉस और हाफ‑वॉली का फायदा उठाते हुए” मोका बनाया। किन्तु वारिकन की स्पिन ने अंत में साई को रोक दिया। फिर भी, भारतीय टीम के कोच ने कहा, “साई का यह प्रदर्शन हमारे नंबर 3 के लिए एक बड़ा संकेत है—हमें निरंतरता चाहिए, लेकिन आशा है कि यह पिच हमें सही दिशा में ले गई है।”
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने इस पारी को “बड़ी राहत” कहा, जबकि ‘ESPN Africa’ ने “वेस्ट इंडीज की अडचण” को उजागर किया, विशेषकर कियोन सील्स को “चार पर कट” और फिर “4‑0‑6‑0” की स्पेल के रूप में वर्णित किया। इस बीच, गुजरात टाइटन्स (IPL) के कप्तान ने कहा, “साई की बैटिंग पर हमें बहुत भरोसा है; वह दबाव में भी शॉट्स खेलने की कला रखता है।”
भविष्य की दिशा: दक्षिण अफ्रीका सीज़न के लिये द्वार
इंडिया अगली बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में कदम रखेगा, जो नवंबर‑दिसंबर 2025 में शुरू होने वाली है। इस टॉवरिंग पारी ने साई के चयन को ‘हिट‑मैप’ पर ऊपर लाकर रख दिया है, परन्तु ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने फिर भी चेतावनी दी, “समय कम है, अटकलबाज़ी नहीं चलेगी।” यदि साई इस फॉर्म को बनाए रखता है, तो वह उन कई खिलाड़ियों में से एक बन सकता है, जिन्हें पिछले दो सालों में ‘नंबर 3’ की स्थिरता नहीं मिली।
ऐतिहासिक रूप से, भारत ने ‘नंबर 3’ पर कई झंझट देखे हैं—जैसे सर्फराज ख़ान का पतित करियर, जिसने एक सदी के बाद भी जगह नहीं बना पाई। साई की 87‑रन वाली पारी, यद्यपि शतक नहीं थी, फिर भी वह उन चुनौतियों को कम करने की दिशा में एक कदम मानी जा सकती है।

मुख्य बिंदु और आँकड़े
- साई सुधरसन ने कोटा में 87 रन बनाकर भारत के ‘नंबर 3’ की खोज को पुनर्जीवित किया।
- वेस्ट इंडीज को 318/2 पर रोकते हुए भारतीय पिच ने तेज़ रफ्तार और स्पिन दोनों का संतुलन दिखाया।
- जॉर्नी में जैंसवाल (173) और गिल (बिना गिरते) ने टीम को मजबूत खड़ा किया।
- आगामी दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज में साई के चयन की संभावना अब ‘हाई’ है।
- पिछले चार टेस्टों में औसत 21 से बढ़कर 33.5 (केवल इस पारी को जोड़ते हुए) हो गया, जो टीम प्रबंधन के लिये एक सकारात्मक संकेत है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
साई सुधरसन के इस प्रदर्शन से भारत के नंबर 3 में किस हद तक बदलाव आया?
87 रन की पारी ने यह दिखाया कि साई दबाव में भी स्थिरता बना सकते हैं। यदि वह इस फॉर्म को जारी रखते हैं, तो अगली दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला में उनका चयन ‘पक्का’ हो सकता है, क्योंकि टीम को अब तक स्थायी नंबर 3 नहीं मिल पाया था।
वेस्ट इंडीज की गेंदबाज़ी में इस पारी को किन बातों ने खास बना दिया?
वेस्ट इंडीज के तेज़ गेंदबाज़ ने पहले ओवर में लगातार बॉन्डरी की कोशिश की, पर उनका कंट्रोल अस्थिर रहा। स्पिनर वारिकन की 6.4 डिग्री टर्न वाली डिलीवरी ने साई को आउट किया, लेकिन इससे पहले उनके ‘बैक‑फुट पंचेज़’ सफल रहे।
भारत के अगले टेस्ट शेड्यूल में कौन-सी प्रमुख चुनौतियां हैं?
दक्षिण अफ्रीका में तेज़ गति की पिच और उच्च बॉलिंग एन्डिटी प्रमुख होगी। साथ ही, भारत को स्थायी नंबर 3 स्थापित करने के लिए लगातार रन बनाने की जरूरत है; अन्य स्थिति में टीम की बैटिंग लाइन‑अप की स्थिरता खो सकती है।
साई सुधरसन के भविष्य को लेकर विशेषज्ञों की क्या राय है?
क्रिकेट विश्लेषकों ने कहा कि साई की तकनीकी ताकत और ‘बैक‑फुट’ की मजबूत पकड़ उसे लंबे फॉर्मेट में सफल बना सकती है। लेकिन उन्हें लगातार बड़ी पारी बनानी होगी, तभी वह भारतीय टीम में स्थायी जगह पक्का कर सकेंगे।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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