आसदुद्दीन ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' नारे पर बवाल: लोकसभा शपथ ग्रहण के दौरान विवाद

आसदुद्दीन ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' नारे पर बवाल: लोकसभा शपथ ग्रहण के दौरान विवाद

आसदुद्दीन ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' नारे पर विवाद

आसदुद्दीन ओवैसी, जो कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष हैं, ने लोकसभा शपथ ग्रहण के दौरान अपने घोषणा से विवाद को जन्म दिया। हैदराबाद से लोकसभा सांसद के रूप में अपनी शपथ लेते समय, उन्होंने 'जय भीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन' का नारा लगाया। उनके इस नारे ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों के बीच आपत्ति का माहौल पैदा कर दिया।

ओवैसी ने अपनी शपथ उर्दू में ली और अंत में साम्प्रदायिक नारा लगाकर संसदीय प्रक्रिया को एक नई दिशा दे दी। उनके इस कार्य के परिणामस्वरूप, प्रोटेम स्पीकर भरतरुहरि महताब ने आश्वासन दिया कि इस विरोधाभासात्मक नारे को संसदीय रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा। महताब ने कहा कि सत्र की गरिमा को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और ऐसे विवादित नारों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ओवैसी का बचाव और महात्मा गांधी का हवाला

ओवैसी का बचाव और महात्मा गांधी का हवाला

आसदुद्दीन ओवैसी ने अपने नारे का बचाव करते हुए कहा कि इसमें संविधान का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि गांधीजी ने भी फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी राय दी थी। उनके अनुसार, यह नारा उन लोगों के समर्थन में था जो उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। ओवैसी ने दावा किया कि वे सिर्फ अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे थे और इस नारे के पीछे उनका कोई साम्प्रदायिक उद्देश्य नहीं था।

ओवैसी का यह भी कहना था कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है और उनका नारा उसी अधिकार का पालन करता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे संवैधानिक ढांचे में रहकर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे और इसमें कुछ भी अनुचित नहीं था।

बीजेपी का प्रतिवाद

बीजेपी का प्रतिवाद

उधर, बीजेपी के नेताओं ने ओवैसी के इस कदम की कड़ी आलोचना की। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने ओवैसी के नारे को 'पूरी तरह गलत' और 'संविधान विरोधी' कहा। उनके अनुसार, ऐसे नारे भारतीय संसद में नहीं लगाए जाने चाहिए जो देश की अखंडता और एकता को ठेस पहुंचाते हों।

बीजेपी सांसदों ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया और प्रोटेम स्पीकर से मांग की कि ओवैसी के नारे को तुरंत रिकॉर्ड से हटाया जाए। उनके अनुसार, संसद में ऐसे विवादित बयानबाजी से देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को खतरा हो सकता है।

जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया

जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया

ओवैसी के इस नारे पर जनता की प्रतिक्रिया भी बंटी हुई थी। कुछ लोगों ने उनकी प्रसंशा करते हुए कहा कि उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और मानवाधिकारों का समर्थन किया। वहीं, अन्य लोग उनके इस कदम को भड़काऊ और गैर-जरूरी मान रहे थे। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर काफी गहमा-गहमी देखने को मिली, जहां लोगों ने अलग-अलग दृष्टिकोण पेश किए।

ओवैसी की यह शपथ उनकी पांचवीं जीत के बाद की थी। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार माधवी लता को 3.38 लाख वोटों के भारी अंतर से हराया था। ओवैसी की यह जीत भी उनके राजनीतिक कद को मजबूत बनाती है और उन्हें एक मजबूत विपक्षी नेता के रूप में स्थापित करती है।

सवाल उठता है कि ओवैसी के इस कदम का भविष्य में क्या असर होगा। क्या इससे संसद में उनके विरोधी और मजबूत होंगे, या फिर उनकी पार्टी को और समर्थन मिलेगा। निश्चित रूप से, यह विवाद जल्द ही समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है और आने वाले दिनों में इस पर और बहस होगी।

  • Pooja Joshi

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9 टिप्पणि

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    Shivam Singh

    जून 27, 2024 AT 15:33
    bhai ye sab kya bakwas hai... jay phillistine bolne se kya hoga? parliament ka kya hoga? ye log sirf attention chahate hain
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    Piyush Raina

    जून 28, 2024 AT 01:45
    History mein humne kabhi Palestine ke liye kuch nahi kiya, lekin ab ek aadmi ne apni shapath mein ek nara laga diya. Kya yeh asli aazadi ka matlab hai? Ya sirf ek political stunt?
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    Srinath Mittapelli

    जून 29, 2024 AT 16:04
    dekho yeh sab kuch ek hi baat par atka hai ki kya hum apne ghar ke andar bhi apni aawaz utha sakte hain ya nahi. Gandhi ne Palestine ke baare mein kaha tha, aur abhi bhi humein kya karna chahiye? Kya humein sirf apne desh ke liye hi sochna hai? Ya phir insaan ke liye?
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    Vineet Tripathi

    जून 30, 2024 AT 23:10
    ye toh normal baat hai na. koi bhi aadmi apne conscience ke hisaab se kuch bhi bol sakta hai. agar uski baat constitution ke khilaf hai toh uske against action lena chahiye, na ki uski aawaz dabana
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    Dipak Moryani

    जुलाई 2, 2024 AT 00:46
    kya ye nara parliament ke rules ke against hai? kya iska koi legal basis hai? koi official document hai jo ise banned karta hai?
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    Subham Dubey

    जुलाई 2, 2024 AT 03:48
    ye sab ek plan hai. America ke kuch logon ne isko promote kiya hai. Pakistan aur China ke behind mein hai. ye sab fake news hai. sabhi muslim leaders ko target kiya ja raha hai. ye sab ek global conspiracy hai. 🌍
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    Rajeev Ramesh

    जुलाई 3, 2024 AT 12:13
    It is imperative to note that the solemnity of the parliamentary proceedings must be preserved at all costs. The invocation of foreign geopolitical issues during the oath-taking ceremony constitutes a gross deviation from established norms and protocols.
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    Vijay Kumar

    जुलाई 4, 2024 AT 20:57
    Agar Gandhi kehte the toh phir kya galat hai? Koi bhi insaan apne dil ki baat keh sakta hai. Aur agar uski baat sunne ki aadat nahi hai toh problem uski hai.
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    Abhishek Rathore

    जुलाई 5, 2024 AT 08:26
    kuch log kehte hain ye division hai, kuch kehte hain ye justice hai. lekin sach toh yeh hai ki hum sab ek hi desh mein rehte hain. aur agar hum ek dusre ki aawaz sunne ki koshish karenge, toh shayad hum thoda aur samajh sakenge.

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