भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 15 रन से हराकर जीता ICC महिला ODI विश्व कप 2025

भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 15 रन से हराकर जीता ICC महिला ODI विश्व कप 2025

नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में 2 नवंबर, 2025 को एक ऐतिहासिक मुकाबले के बाद, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 15 रन से हराकर ICC महिला ODI विश्व कप 2025नवी मुंबई का खिताब जीत लिया। इस जीत के साथ भारत की महिला क्रिकेट टीम ने अपने इतिहास में पहली बार विश्व कप का ताज अपने नाम किया। टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में टीम ने टूर्नामेंट के दौरान ऑस्ट्रेलिया को हराकर अपनी बात बनाई, और फाइनल में एक ऐसी टीम को रोका जिसने पहले ही लीग मुकाबले में उन्हें हराया था।

अप्रत्याशित फाइनल, असाधारण जीत

दक्षिण अफ्रीका की टीम, जिसकी कप्तान लौरा वोल्वार्डट थीं, इस विश्व कप के इतिहास में पहली बार फाइनल में पहुंची थीं। उनकी टीम ने लीग स्टेज में भारत के खिलाफ 252 रनों का लक्ष्य 47.1 ओवर में पूरा किया था — तब तो भारत की टीम ने अपनी कमजोरियों को महसूस किया था। लेकिन फाइनल में वही टीम जिसने भारत को हराया था, वही आज जीत के बाद चेहरे पर निराशा लिए खड़ी रह गई।

दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 315 रन बनाए। लौरा वोल्वार्डट ने 32 गेंदों में 24 रन बनाए, लेकिन उनका आउट होना — रिचा घोष के हाथों जोड़ी के बाद — टीम के लिए एक झटका था। उसके बाद सूने लूस ने टीम को संभाला, लेकिन अंतिम 10 ओवर में भारतीय गेंदबाजी ने दबाव बनाया।

डीप्ति शर्मा के अंतिम ओवर ने बदल दी निश्चितता

फाइनल ओवर के पहले ही गेंद पर, डीप्ति शर्मा ने नादिने डी क्लर्क को कैच आउट कर दिया। अगली गेंद पर, आयाबोंगा खाका को रन आउट कर दिया गया। ये दोनों विकेट दक्षिण अफ्रीका के लिए आत्महत्या जैसे थे — दोनों बल्लेबाज अंतिम ओवर में रन बनाने के लिए तैयार थे। अंत में नोनकुलुलेको म्लाबा ने 23 रन बनाए, लेकिन उनकी टीम को 315 के बाद 331 की जरूरत थी।

भारत की बल्लेबाजी का नाम था — संयम और तीव्रता का अद्भुत मिश्रण। स्मृति मंधाना ने 78 रन बनाए, जबकि शफाली वर्मा ने 52 रन की तेज अर्धशतक पारी खेली। जेमिमाह रोड्रिग्स ने टीम को अंत तक संभाले रखा। दोनों टीमों के बीच 15 रन का अंतर था, लेकिन जीत का असली फर्क तो दबाव बनाने की क्षमता में था।

क्यों यह जीत इतनी खास है?

भारत की महिला क्रिकेट टीम कभी भी विश्व कप जीत नहीं पाई थी। 2005 में फाइनल तक पहुंची थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी। आज की जीत उसी दर्द को दूर करती है। यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक है।

इस टीम में अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ नवीनतम पीढ़ी के बच्चे भी शामिल हैं — रेनुका ठाकुर जैसी गेंदबाज ने टूर्नामेंट भर में 18 विकेट लिए, जबकि स्री चरणी और क्रांति गौड जैसे नाम अब देशभर में जाने जाने लगे हैं। यह टीम किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं, बल्कि एक टीम की ताकत पर आधारित है।

स्टेडियम में उमंग का तूफान

जब आखिरी गेंद गुजरी, तो डीवाई पाटिल स्टेडियम एक बड़े बंदूक की आवाज़ जैसा बन गया। लाखों भारतीय दर्शक अपने घरों में खड़े हो गए, बच्चे आकाश की ओर देख रहे थे, और दूर-दूर तक आवाज़ें गूंज रही थीं — “भारत जीता!”। टीम के खिलाड़ी एक-दूसरे को गले लगा रहे थे, कप्तान हरमनप्रीत कौर की आंखें नम थीं। वह जानती थीं — यह जीत उनकी नहीं, पूरे देश की है।

अगला कदम: एक नई पीढ़ी की शुरुआत

अब यह सवाल उठता है — अगला लक्ष्य क्या है? विश्व कप के बाद, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए अब टेस्ट क्रिकेट और टी20 विश्व कप में भी शीर्ष पर पहुंचना है। इस जीत ने बच्चों के लिए एक नया सपना दिखाया है। अब जब एक लड़की घर पर क्रिकेट खेलती है, तो वह अब सिर्फ विराट कोहली या रोहित शर्मा की नकल नहीं करेगी — वह हरमनप्रीत कौर को अपना मिसाल बनाएगी।

विश्लेषण: जीत का सूत्र क्या था?

एक टीम ने फाइनल में बल्लेबाजी की शुरुआत अच्छी की, लेकिन अंत तक नहीं बना पाई। दूसरी टीम ने लीग में हार के बाद भी अपनी भूलों को सुधारा। भारत की जीत का रहस्य था — अनुभवी खिलाड़ियों की शांति, युवाओं की तेजी, और बॉलर्स का बरकरार दबाव।

जब लीग में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को हराया था, तो भारतीय टीम ने अपनी बॉलिंग लाइन-लेंथ पर फिर से विचार किया। उन्होंने डीप्ति शर्मा को अंतिम ओवर का बोल्ट दे दिया — और उसने जीत का ताला बंद कर दिया। यही असली नेतृत्व है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार कब विश्व कप जीता?

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2 नवंबर, 2025 को डीवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका को 15 रन से हराकर पहली बार ICC महिला ODI विश्व कप जीता। यह टीम पहले 2005 में फाइनल तक पहुंच चुकी थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी।

इस जीत के लिए किस खिलाड़ी ने सबसे अधिक योगदान दिया?

हरमनप्रीत कौर की नेतृत्व और डीप्ति शर्मा के अंतिम ओवर के दो विकेट ने जीत को सुनिश्चित किया। बल्लेबाजी में स्मृति मंधाना (78 रन) और शफाली वर्मा (52 रन) ने आधार बनाया, जबकि रेनुका ठाकुर ने टूर्नामेंट में 18 विकेट लेकर बल्लेबाजी के खिलाफ अहम भूमिका निभाई।

दक्षिण अफ्रीका ने पहले भारत को हराया था, फिर फाइनल में क्यों हार गई?

लीग मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने अपनी बल्लेबाजी के साथ भारत को चौकाया था, लेकिन फाइनल में भारतीय गेंदबाजी ने अपनी रणनीति बदल ली। डीप्ति शर्मा के अंतिम ओवर में दो विकेट और बल्लेबाजों के लिए दबाव ने उनकी टीम को बाहर कर दिया।

इस जीत ने भारतीय महिला क्रिकेट पर क्या प्रभाव डाला?

यह जीत भारत में महिला क्रिकेट के लिए एक नया मोड़ है। अब देश भर में लड़कियां क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित हो रही हैं। सरकार और BCCI ने इस जीत के बाद बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और वेतन में वृद्धि की घोषणा की है।

  • Pooja Joshi

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