जब बिटकॉइन ने 5 अक्टूबर 2025 को एशिया के ट्रेडिंग सत्र में $125,689 की ऊँचाई छू ली, तो बाजार में हड़कंप मच गया। इस रिकॉर्ड की पुष्टि Reuters ने की, जिसने बताया कि यह कीमत पिछले अस्थायी उच्च, अगस्त 2025 के $119,900 को पीछे छोड़ रही है। निवेशकों ने इस उछाल को ‘उप्टोबर’ के नाम से जाने वाले मौसमी ट्रेंड और संस्थागत एटीएफ की लगातार खरीद के मिश्रण से बेहतर समझा नहीं सकता।
इतिहास और पृष्ठभूमि
बिटकॉइन का झंडा‑पहला उछाल 2017 में आया था, लेकिन अक्तूबर का महीना हमेशा से ही कीमतों को तेज़ी से ऊपर ले जाता आया है। ट्रेडर्स इस बात को ‘अप्टोबर’ कहते हैं, क्योंकि ऐतिहासिक डेटा दिखाता है कि पिछले दस वर्षों में बिटकॉइन ने इस महीने औसतन 30% तक बढ़ावा पाया है। यह रुझान, Yahoo Finance के एक विश्लेषक के अनुसार, मौसमी तरंग और मौद्रिक नीति की अनिश्चितताओं का संगम है।
नया रिकॉर्ड और आँकड़े
अक्टूबर 5, 2025 को बिटकॉइन ने $125,689 पर पहुंचा – एक संख्या जो केवल दो महीने पहले स्थापित हुए पिछले रिकॉर्ड को काफी पीछे छोड़ देती है। नीचे प्रमुख आँकड़े हैं:
- पिछला हाई: $119,900 (अगस्त 2025)
- सपोर्ट लेवल: $118,500
- समुदाय की दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम: 3.2 मिलियन BTC
- एटीएफ फंड्स में 24‑घंटे की शुद्ध पूंजी प्रवाह: $1.4 बिलियन
ये आंकड़े इस बात का संकेत देते हैं कि बाजार अब केवल खुदरा निवेशकों पर नहीं, बल्कि बड़े संस्थागत फंड्स पर भी निर्भर हो रहा है।

प्रमुख कारणों का विश्लेषण
विशेषज्ञ तीन मुख्य कारणों को इस ‘परफेक्ट स्टॉर्म’ के रूप में उजागर कर रहे हैं:
- U.S. Spot Bitcoin ETF में निरंतर पूंजी प्रवाह – इन फंड्स ने पिछले छह महीनों में कुल $7.9 बिलियन की शुद्ध निकासी नहीं, बल्कि वृद्धि देखी है। इससे खरीदारों की मांग स्थिर और तीव्र बनी हुई है।
- मैक्रोइकोनॉमिक अनिश्चितता – अमेरिकी फिस्कल नीति में अटकाव और डॉलर के संभावित डिबेसमेंट ने निवेशकों को वैकल्पिक परिसंपत्तियों की ओर आकर्षित किया है। डॉलर की कमजोर गति, विशेष रूप से अमेरिका में, बिटकॉइन को सुरक्षित आश्रय के रूप में मजबूती दे रही है।
- ‘अप्टोबर’ का मौसमी प्रभाव – अतीत में अक्टूबर में बिटकॉइन ने कई बार दो अंकों की वापसी दिखाई है, जिससे ट्रेडर्स के बीच आशावाद बना रहता है।
इन तीनों कारकों का एक साथ होना, जैसा कि व्यापार विश्लेषक एलेक्स वाणिक कहते हैं, ‘बिटकॉइन के लिए बेहतरीन मौसम बना दिया है’।
बाजार सहभागियों की प्रतिक्रियाएँ
संस्थागत निवेशकों की खुशी साफ झलकती है। एक प्रमुख एटीएफ प्रबंधक ने कहा, “हमारा फंड लगातार बाय‑साइड पर है, और इस अपट्रेंड को देखते हुए हम अतिरिक्त आवंटन पर विचार कर रहे हैं।” दूसरी ओर, छोटे खुदरा ट्रेडर्स ने सोशल मीडिया पर “आइए, इस बार हम भी इस लहर का हिस्सा बनें!” जैसे उत्साहजनक संदेश भेजे। हालांकि, कुछ नियामक विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि नियामक दबाव बढ़ता है, तो यह उछाल धीमा हो सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ
आगे क्या हो सकता है, इस पर विचार करना जरूरी है। अगर एटीएफ प्रवाह मजबूत रहता है, और डॉलर की गिरावट जारी रहती है, तो बिटकॉइन की कीमत अगले दो महीनों में $130,000 तक पहुंच सकती है। लेकिन यदि अमेरिकी रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में अचानक वृद्धि की घोषणा होती है, तो बाजार में हिलन आकर कीमतों को नीचे नीचे ले जा सकती है। नियामक दिशा-निर्देशों का भी बड़ा असर रहेगा; अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की संभावित प्रतिबंध नीति पर नज़र रखी जा रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बिटकॉइन की इस नई ऊँचाई का सबसे बड़ा कारण क्या है?
विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार एटीएफ निधियों के प्रवाह, डॉलर की कमजोरी, और अक्टूबर के मौसमी ‘अप्टोबर’ ट्रेंड ने मिलकर इस ऊँचाई को संभव बनाया है।
क्या छोटे निवेशक अब भी बिटकॉइन में निवेश कर सकते हैं?
हां, एटीएफ के माध्यम से छोटे निवेशकों को भी बाजार में हिस्सा मिल रहा है। कई प्लेटफ़ॉर्म अब कम लागत वाले बिटकॉइन एटीएफ प्रदान कर रहे हैं, जिससे प्रवेश आसान हो गया है।
डॉलर की गिरावट का बिटकॉइन पर क्या असर है?
डॉलर के मूल्य में कमी निवेशकों को वैकल्पिक स्टोर‑ऑफ‑वैल्यू की तलाश में बिटकॉइन की ओर बढ़ा रही है, जिससे माँग में इज़ाफ़ा और कीमत में तेज़ी आती है।
भविष्य में बिटकॉइन की कीमत पर कौन से जोखिम कारक हो सकते हैं?
संभावित नियामक प्रतिबंध, ब्याज दरों में अचानक वृद्धि, और बड़े संस्थागत निवेशकों की पूंजी वापसी ऐसे प्रमुख जोखिम हैं जो कीमत को नीचे ला सकते हैं।
‘अप्टोबर’ ट्रेंड क्या है और क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
‘अप्टोबर’ एक मौसमी पैटर्न है, जिसमें ऐतिहासिक डेटा दिखाता है कि अक्टूबर महीने में बिटकॉइन की कीमतें अक्सर 20‑30% तक बढ़ती हैं। यह ट्रेडर्स के मनोवैज्ञानिक भरोसे को बढ़ाता है, जिससे खरीदारी की लहर चलती है।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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