दिल्ली में जोरदार मानसून, आम जनजीवन अस्त-व्यस्त
गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को सुबह से ही दिल्ली और एनसीआर में बारिश का दौर लगातार जारी रहा। बादलों की मोटी परत के बीच हल्की बूंदाबांदी से शुरुआत हुई, जो दोपहर बाद आंधी के साथ तेज बारिश में बदल गई। तापमान इस दौरान काफी संतुलित रहा—न्यूनतम 25.65°C और अधिकतम 35.1°C दर्ज हुआ। लेकिन ज्यादा परेशानी का कारण बनी 82% तक पहुंचने वाली दिल्ली बारिश के दौरान नमी और हवा की रफ्तार।
अधिकारियों के मुताबिक, हवा लगभग 17.6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली, जिससे कई इलाकों में दृश्यता घटकर 8.6 किमी रह गई। यह आंकड़े राजधानी में अचानक से मौसम बदलने और सड़कों पर ट्रैफिक की स्थिति बिगड़ने का संकेत देते हैं।

पानी भराव और ट्रैफिक की जद्दोजहद
बारिश के साथ ही कई निचले इलाकों में जलभराव की समस्या सामने आई। प्रशासन ने जलजमाव की संभावना वाले क्षेत्रों में रहने वालों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा। सड़कों पर फिसलन के कारण वाहन चालकों को विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई।
- गाजियाबाद, नरेला, रोहिणी सहित कई क्षेत्रों में पानी भराव से वाहनों की आवाजाही बाधित हुई।
- बस स्टैंड, मेट्रो के बाहर और बाजारों के आसपास गड्ढे-जलभराव से पैदल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गईं।
- अधिकारियों ने लोगों को छाता, रेनकोट और वाटरप्रूफ जूते पहनने की सिफारिश की है।
- जहां संभव हो, घर से ही वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है ताकि ट्रैफिक में फंसने की समस्या कम हो।
पिछले कुछ दिनों के मुकाबले यह सप्ताह बारिश के लिहाज से खासा भारी रहा है। अगस्त के पहले ही हफ्ते में औसत से ज्यादा बारिश की पुष्टि मौसम विभाग ने की है।
आगे के दिनों का हाल भी कुछ खास राहत लेकर नहीं आ रहा है। 1 और 4 अगस्त को मध्यम बारिश, 3 अगस्त को रुक-रुक कर बूंदाबादी और 5-6 अगस्त को फिर से तेज बारिश के आसार हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह दिल्ली में अगस्त की शुरुआत लंबे समय में सबसे भींगी मानी जा रही है।
कोई भी अनावश्यक सफर टालना, ट्रैफिक अपडेट्स पर नजर रखना और घर के आसपास पानी की निकासी का ध्यान रखना इन दिनों की सबसे जरूरी सलाह है। स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में हाजिरी पर बारिश का सीधा असर दिख रहा है। कई निजी कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं।
दिल्ली में मानसून इस बार आम लोगों के लिए राहत से ज्यादा चुनौती लेकर आया है—कमजोर बुनियादी ढांचे और ट्रैफिक व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। फिलहाल तो छाता, रेनकोट और धैर्य ही दिल्लीवालों का सबसे बड़ा साथी हैं।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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