डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीज़ा पर $100,000 शुल्क लागू, विश्वविद्यालयों ने दी आपात सलाह

डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीज़ा पर $100,000 शुल्क लागू, विश्वविद्यालयों ने दी आपात सलाह

जब डोनाल्ड ट्रम्प, संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति संयुक्त राज्य ने 19 सितंबर 2025 को एक नई प्रेसिडेंशियल प्रोक्लेमेशन‘Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers’ पर हस्ताक्षर किए, तो H-1B वीज़ा धारकों के लिए $100,000 भुगतान की शर्त लागू हो गई। यह एंट्री प्रतिबंध 21 सितंबर 2025 को रात 12:01 एडीटी से शुरू हुआ और 21 सितंबर 2026 तक जारी रहेगा, जब तक कि इसे बदला न जाए।

प्रकाशन की पृष्ठभूमि और कानूनी आधार

प्रोक्लेमेशन 8 U.S.C. § 1182(f) और § 1185(a) के तहत राष्ट्रपति को मिली व्यापक शक्ति का प्रयोग करता है। इससे विदेशी श्रमिकों के प्रवेश को सीमित करने की अनुमति मिलती है, खासकर उन H-1B आवेदनों पर जो कटऑफ़ तिथि के बाद दायर किए गए हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम उच्च-कौशल, उच्च-भुगतान वाले कार्यों को प्राथमिकता देगा, लेकिन विस्तृत वेतन नियम अभी तक नहीं बताए गए हैं।

नयी शर्तों का विस्तार

नई नीति केवल उन आवेदनों पर लागू होती है जो 21 सप्टेम्बर 2025 के बाद दाखिल किए गए हैं। पिछले दिनांक वाले सभी H-1B वीज़ा बिन‑शर्त रहे, चाहे उनका अभी तक प्रोसेस न हुआ हो। इस बात को स्पष्ट करने के लिए यू.एस. स्टेट डिपार्टमेंट ने 21 सितंबर को एक FAQ प्रकाशित किया, जिसमें कहा गया:

  • शर्त $100,000 की केवल तब लागू होगी जब नियोक्ता ने इसे जमा किया हो।
  • वीज़ा‑धारक को प्रवेश बिंदु पर अतिरिक्त दस्तावेज़ दिखाने की जरूरत पड़ेगी।
  • कनाडा के उन पेशेवरों को, जिनकी H-1B petitions कटऑफ़ से पहले मंजूर हो चुकी हैं, इस शर्त से छूट मिलेगी।

छूट पाने वाले समूहों में पहले से मंजूर H-1B visas, H‑4 dependent spouses, और H‑1B1 (चिली‑सिंगापुर) प्रोग्राम के नागरिक शामिल हैं।

विश्वविद्यालयों की त्वरित प्रतिक्रिया

अमेरिका के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों ने तुरंत अंतर्राष्ट्रीय स्टाफ और स्कालर्स के लिए यात्रा सलाह जारी की। सबसे पहले University of Pennsylvania ने 19 सितंबर को एक व्यापक चेतावनी प्रकाशित की। इसमें लीली ज़ांग, ISSS Director of Advising, Compliance, IT & Operations ने बताया कि बाहर रहने वाले H-1B कर्मचारियों को 20 सितंबर की रात 11:59 तक अमेरिका लौटने की सलाह दी जा रही है।

येल विश्वविद्यालय ने कहा कि यह प्रतिबंध केवल विदेश में स्थित और नया प्रवेश चाहता हुआ H‑1B‑धारकों पर लागू होता है, जबकि अमेरिका में पहले से काम कर रहे लोगों का स्टेटस वैध रहेगा। कार्नेगी मिलन विश्वविद्यालय ने 20 सितंबर को बताया कि उनका अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा विभाग इस एंट्री प्रतिबंध के बारे में लगातार अपडेट देगा।

इमीग्रेशन एजेंसियों का स्पष्टीकरण

यू.एस. सिटिज़नशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (USCIS) और कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने 20 सितंबर को एक स्मरणपत्र जारी किया, जिसमें बताया गया कि केवल वे H‑1B petitions स्वीकार्य हैं जिनके साथ $100,000 का भुगतान हो। साथ ही, स्टेट डिपार्टमेंट (Department of State) ने 21 सितंबर को एक FAQ पोस्ट किया, जहाँ वीज़ा आवेदन प्रक्रिया में नई बाधाओं के बारे में बताया गया।

कूटक रॉक LLP जैसी लॉ फर्मों ने चेतावनी दी कि एंट्री के समय देरी और कड़ी जांच होगी, इसलिए आवेदकों को सभी दस्तावेज़, जैसे मंजूर petition, वैध वीज़ा, और एजेंसी के मेमो को साथ ले जाना चाहिए।

आगे क्या हो सकता है?

आगे क्या हो सकता है?

समय सीमा के बाद यह देखना पड़ेगा कि प्रोक्लेमेशन को 2026 में बढ़ाया जाता है या नहीं। यदि सरकार ने इसे जारी रखा, तो संभावित प्रभाव में H‑1B पर आधारित तकनीकी कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया में बाधा आएगी, विशेषकर स्टार्ट‑अप्स और स्केलेबल प्रोजेक्ट्स के लिए। इसके अलावा, कई हेडहंटर और एचआर सलाहकारों ने बताया कि कंपनियों को अब अपने रोजगार अनुबंध को पुनः संरचित करना पड़ सकता है, ताकि $100,000 का भुगतान नियोक्ता कर सके।

एक अन्य पहलू यह है कि इस कदम से वैकल्पिक वीज़ा श्रेणियों, जैसे O‑1 या L‑1, की मांग बढ़ सकती है, क्योंकि कंपनियां उच्च‑स्तरीय प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाश रही हैं।

इतिहास में समान उपाय

पिछले दशकों में संयुक्त राज्य ने आव्रजन को नियंत्रित करने के लिए कई बार टैरिफ‑जैसी शर्तें लागू की हैं, जैसे 2018 में H‑1B कैप एम्बार्गो और 2020 में सरकारी कार्यकर्ताओं के लिए “प्रायोजक शुल्क”। इन प्रस्थापनों का प्रभाव अक्सर अस्थायी रहा, लेकिन उन्होंने रोजगार बाजार में अनिश्चितता बढ़ाई। आज की शर्तें भी इसी धारा में आ रही हैं, जहाँ आर्थिक और राजनीतिक दबाव दोनों मिलकर नीति को आकार दे रहे हैं।

बार‑बार पूछे जाने वाले सवाल

नयी शर्त का असर H‑1B धारकों के परिवारों पर कैसे पड़ेगा?

परिवार को अब अतिरिक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पड़ेंगे, विशेषकर H‑4 dependents को यह साबित करना होगा कि उनका H‑1B मुख्य आवेदक कटऑफ़ तिथि से पहले मंजूर हुआ था। कई मामलों में, कांसुलर कर्मचारियों ने बताया कि साथ में लाए गए पेपरवर्क की मात्रा बढ़ने से इंटरव्यू के समय देरी हो सकती है।

क्या मौजूदा H‑1B धारकों को अपने रोजगार बदलने में कोई दिक्कत होगी?

यदि कोई कर्मचारी USA में ही है और नई नियोक्ता के साथ पेटिशन फाइल किया गया है, तो यह नई भुगतान शर्त से मुक्त रहेगा। हालांकि, यदि वह विदेश में है और नया पेटिशन कटऑफ़ बाद का है, तो नियोक्ता को $100,000 की फीस देना ही पड़ेगी।

छात्र या शोधकर्ता जो अभी भी वीज़ा प्रक्रिया में हैं, उन्हें क्या करना चाहिए?

विश्वविद्यालय की अंतर्राष्ट्रीय सेवा कार्यालयों से तुरंत संपर्क करना चाहिए। कई संस्थानों ने कहे हैं कि यदि आपका पेटिशन 21 सितंबर से पहले दायर है तो आप बिना अतिरिक्त फीस के प्रवासी प्रक्रिया जारी रख सकते हैं। नहीं तो आपातकालीन यात्रा परामर्श लेना उचित रहेगा।

क्या यह नीति भविष्य में अन्य वीज़ा श्रेणियों पर भी लागू हो सकती है?

संभव है। वर्तमान प्रोक्लेमेशन में B‑विज़ा के दुरुपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त निर्देश भी शामिल हैं, जिससे इस प्रकार के नियम अन्य श्रेणियों में विस्तार पा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सालों में इमीग्रेशन नियमों में और कड़ा बदलाव देखा जा सकता है।

  • Pooja Joshi

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