गांधीनगर चुनाव परिणाम: अमित शाह की बढ़त
गुजरात का गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र इस बार भी किसी भी अन्य चुनावी सीट की तरह महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यहां पर केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता अमित शाह ने प्रारंभिक रुझानों में बढ़त बना रखी है। 7 मई को सम्पन्न हुए मतदान में मतदाता ने अपने प्रतिनिधि का चयन किया, और अब मतगणना के दौर में अमित शाह आगे चल रहे हैं। गांधीनगर क्षेत्र ने 1989 से ही भारतीय जनता पार्टी को अपना समर्थन देते हुए भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी बनाने का इतिहास बनाया है।
मुख्य उम्मीदवार और मतगणना
गांधीनगर सीट पर इस बार प्रमुख मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के अमित शाह और कांग्रेस पार्टी की सोनल पटेल के बीच है। यह क्षेत्र गांधीनगर उत्तर, कलोल, साणंद, घाटलोडिया, वेजलपुर, नारणपुरा, और साबरमती जैसे सात विधानसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ है। इन क्षेत्रों में प्रत्याशियों ने प्रचार अभियान में कोई कमी नहीं छोड़ी और मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरा जोर लगाया।
मतदान और मतदाता रुचि
गांधीनगर में इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 7 मई को हुआ, जो कि तीसरे चरण के तहत आयोजित किया गया था। इस क्षेत्र में कुल मतदान प्रतिशत 59.80 प्रतिशत रहा, जो कि चुनाव आयोग के अनुसार अच्छा समझा जा रहा है। क्षेत्रीय जनता की चुनावी रुचि ने यह संकेत दिया कि वे अपने प्रतिनिधि के चयन में कितने गंभीर हैं और किस प्रकार उन्होंने इस प्रक्रिया में भाग लिया है।
पिछले चुनावों का रूझान
गांधीनगर क्षेत्र में पीपुल्स की ओर से पिछले चुनाव परिणामों का अध्ययन किया जाए तो यह ज्ञात होता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में अमित शाह ने इस सीट पर पहली बार जीत हासिल की थी, जिसमें उन्होंने 5,57,014 वोटो की बढ़त बनाई थी। इससे पहले 2014 में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने यह सीट छठी बार जीती थी, उसमें उन्होंने 4,83,121 वोटो की बढ़त बनाई थी।
चुनाव परिणाम का महत्व
गांधीनगर क्षेत्र के चुनाव परिणाम भाजपा के लिए विशेष महत्व रखते हैं। यह न केवल पार्टी की आदर्श सीट मानी जाती है बल्कि पार्टी ने हमेशा इस सीट से विजयी उम्मीदवार दिया है। 2024 के इन चुनावों में भी अमित शाह की बढ़त इसे और मजबूत करती दिखाई दे रही है। पार्टी समर्थक इस परिणाम को लेकर उत्साहित हैं और मानते हैं कि यह जीत पार्टी को और मजबूती प्रदान करेगी।
चुनावी प्रचार और रणनीति
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के लिए जोरदार प्रचार किया। भाजपा ने अमित शाह की प्रसिद्धि और उनके कार्यकाल को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए जनता के बीच आत्मविश्वास जगाया, जबकि कांग्रेस ने सोनल पटेल को एक युवा और सशक्त उम्मीदवार के रूप में पेश किया। चुनाव प्रचार के दौरान दोनों दलों ने सोशल मीडिया, जनसभाओं और रैलीयों का जमकर उपयोग किया।
द्वारा लिखित सुमेधा चौहान
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