गौतम गंभीर नहीं, इस पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने हरसित राणा को बेहतर गेंदबाज बनाया

गौतम गंभीर नहीं, इस पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने हरसित राणा को बेहतर गेंदबाज बनाया

गौतम गंभीर और हरसित राणा की जोड़ी

गौतम गंभीर का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके नेतृत्व और कोचिंग ने कई उभरते खिलाड़ियों को चमकाया है। हरसित राणा भी उन्हीं में से एक हैं। गंभीर को राणा के खेल को निखारने में अहम योगदान के लिए जाना जाता है, लेकिन जानकारियों के मुताबिक राणा की गेंदबाजी स्किल्स में सुधार लाने में एक अन्य पूर्व भारतीय खिलाड़ी का विशाल योगदान रहा है।

कौन है वह रहस्यमयी पूर्व खिलाड़ी?

गौतम गंभीर के द्वारा हरसित राणा के खेल में आत्मविश्वास और दबाव से निपटने की कला को उभारने की बात सभी ने मानी है, लेकिन उनकी गेंदबाजी में बारीकियों को जोड़ने का श्रेय एक दूसरे खिलाड़ी को जाता है। यह रहस्यमयी खिलाड़ी राणा के तकनीकी कौशल को और भी धारदार बनाने का credited हैं।

राणा की नई चुनौतियाँ

राणा की नई चुनौतियाँ

हरसित राणा ने हाल ही में इंडिया टीम में अपनी पहली कॉल-अप प्राप्त की है और वह जल्द ही श्रीलंका दौरे पर गंभीर के साथ काम करेंगे। यह मौका उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अभी तक के प्रदर्शन के आधार पर, यह माना जा रहा है कि राणा की गेंदबाजी में गहराई और बारीकी लाने का श्रेय गंभीर के नेतृत्व के अलावा इस विशेष खिलाड़ी को भी है।

गंभीर का योगदान

गौतम गंभीर किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। एक खिलाड़ी और कोच के रूप में उनके अनगिनत अनुभव ने उन्हें एक आदर्श कोच बना दिया है। हरसित राणा पर उनका प्रभाव न केवल मानसिक स्तर पर बल्कि खेलने की मानसिकता और मैदान पर अनुशासन में भी स्पष्ट है।

राणा को विविध परिस्थितियों में खेलने के लिए तैयार करना, नवजवान खिलाड़ी को दबाव स्थितियों में संभालना और उसे अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करना गंभीर की विशेषताएं हैं। उनकी कोचिंग के दौरान राणा की गेंदबाजी में निरंतर सुधार और विविधता देखने को मिली है।

उस खिलाड़ी का योगदान जो है 'बैकग्राउंड हीरो'

उस खिलाड़ी का योगदान जो है 'बैकग्राउंड हीरो'

हालांकि गौतम गंभीर ने हमेशा ही ध्यान के केंद्र में रहे हैं, लेकिन वो खिलाड़ी जो बैकग्राउंड हीरो की भांति हरसित राणा की गेंदबाजी को चमकाने में जुटे थे, उन्हें ज्यादा सम्मान नहीं मिला। यह खिलाड़ी न केवल तकनीकी स्तर पर बल्कि रणनीतिक रूप से भी राणा की गेंदबाजी में सुधार करने में सहायक रहे हैं।

इन दोनों कोचों के तालमेल और सहयोग के कारण ही राणा अब आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और अपने मूव्स को बनाए रखने में सक्षम हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में राणा की गेंदबाजी में और क्या-क्या नयापन देखने को मिलेगा।

अंततः, कौन है वह खिलाड़ी?

अंततः, कौन है वह खिलाड़ी?

आर्टिकल में उस रहस्यमयी खिलाड़ी का नाम उजागर नहीं किया गया है। लेकिन इतना साफ है कि राणा की सफलता के पीछे गंभीर के साथ-साथ इस खिलाड़ी के अनुभव और सहायक का बड़ा हाथ है। यह एक प्रेरणादायक कहानी है कि कैसे मैदान से बाहर रहते हुए भी कोई खिलाड़ी किसी अन्य के करियर को संवार सकता है।

आने वाले दिनों में जब राणा श्रीलंका दौरे पर गर्व के साथ टीम इंडिया की ओर से खेलेंगे, तब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस सुधार के साथ अपने प्रदर्शन को और भी ऊँचाइयों पर किस तरह ले जाते हैं। क्या वे अपने कोच के विश्वास को आस्था में बदल पाएंगे? यह तो समय ही बताएगा।

  • Pooja Joshi

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18 टिप्पणि

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    Ravi Kant

    जुलाई 19, 2024 AT 23:15

    ये तो बहुत साफ है कि अनिल कुंबले हैं वो बैकग्राउंड हीरो। गंभीर ने मानसिकता बनाई, लेकिन कुंबले ने राणा की गेंदबाजी को एक विज्ञान बना दिया।

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    Harsha kumar Geddada

    जुलाई 20, 2024 AT 00:09

    यहाँ एक गहरी दृष्टि चाहिए - गौतम गंभीर तो एक नेता हैं, लेकिन अनिल कुंबले की भूमिका तो एक विद्वान की है, जिन्होंने राणा के बारीक तकनीकी त्रुटियों को एक फिजिक्स लैब की तरह विश्लेषित किया। गेंद का रिलीज पॉइंट, विंड-अप का एंगल, लैंडिंग पॉइंट का टाइमिंग - ये सब कुंबले के डेटा-ड्रिवन एप्रोच से बदल गए। ये सिर्फ कोचिंग नहीं, ये एक न्यूरो-स्पोर्ट्स साइंस है।

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    sachin gupta

    जुलाई 21, 2024 AT 01:01

    अरे भाई, अनिल कुंबले को तो हर कोई जानता है, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि शायद ये बात गौतम गंभीर का डिज़ाइन किया हुआ नारा है? मतलब - एक बड़े नाम को छुपाकर एक और बड़े नाम को फ्लैश करना। क्लासिक PR ट्रिक।

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    Shivakumar Kumar

    जुलाई 21, 2024 AT 08:42

    ये जो बैकग्राउंड हीरो है, वो अनिल कुंबले ही हो सकता है, लेकिन दोस्तों, इसका मतलब ये नहीं कि गंभीर का योगदान कम है। दोनों का तालमेल ही राणा को बना रहा है। एक दिल का आदमी, एक दिमाग का। जैसे गीत का ताल और लय। कुंबले ने बारीकियाँ सिखाईं, गंभीर ने उसे बाहर लाने का हौसला दिया। ये जोड़ी बहुत खास है।

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    saikiran bandari

    जुलाई 22, 2024 AT 20:40
    अनिल कुंबले नहीं तो शांतिलाल है या बैंगलोर का कोई बैकग्राउंड कोच
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    Rashmi Naik

    जुलाई 24, 2024 AT 02:51
    ये तो बिलकुल गलत है अनिल कुंबले के बारे में बोल रहे हो जैसे वो एक गॉड है लेकिन उनकी गेंदबाजी तो बहुत धीमी थी और उन्होंने कभी टी20 नहीं खेला तो राणा को क्या सिखाएंगे ये सब बकवास है
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    Vishakha Shelar

    जुलाई 24, 2024 AT 03:47
    मैं रो रही हूँ 😭 ये तो दिल छू गया 😭 कुंबले का योगदान देखकर लग रहा है जैसे मेरा बचपन का कोच था 😭❤️
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    Ayush Sharma

    जुलाई 24, 2024 AT 18:37

    आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुआ है, लेकिन अनिल कुंबले के नाम की बात अगर आप लोगों ने की, तो शायद यही संकेत है। अगर आप राणा के गेंदबाजी के वीडियो को एनालाइज़ करें, तो उनके बॉल रिलीज का टाइमिंग, लेगस्पिन की डिस्टेंस - सब कुंबले के स्टाइल से मेल खाता है।

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    charan j

    जुलाई 26, 2024 AT 14:58
    ये सब बकवास है कोई बैकग्राउंड हीरो नहीं है बस गंभीर के नाम को बढ़ाने के लिए एक बात बनाई गई है
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    Kotni Sachin

    जुलाई 27, 2024 AT 04:42

    अगर हम इसे असली तरीके से देखें, तो अनिल कुंबले ने राणा को सिर्फ गेंदबाजी नहीं, बल्कि एक अभिनेता की तरह खेलना सिखाया। उन्होंने उसे बताया कि गेंद कैसे फेंकनी है, लेकिन उसके बाद गंभीर ने उसे बताया कि ये फेंकना किसके लिए है - दर्शकों के लिए, टीम के लिए, भारत के लिए। ये दोनों का संयोग ही असली जादू है।

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    Nathan Allano

    जुलाई 28, 2024 AT 04:37

    मैंने राणा के लास्ट मैच के वीडियो को बार-बार देखा है। उसकी लेग-स्पिन का एंगल, बॉल का स्पिन रेट, और उसका बॉल रिलीज - सब कुंबले के स्टाइल का क्लोन है। गंभीर ने उसे कंफिडेंस दी, लेकिन कुंबले ने उसकी बॉल को एक विज्ञान बना दिया। अगर आप उसके गेंदबाजी के वीडियो को फ्रेम-बाय-फ्रेम देखें, तो आपको लगेगा कि ये वो खिलाड़ी है जिसने कभी ऑलराउंडर के रूप में खेला था।

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    Guru s20

    जुलाई 29, 2024 AT 04:55

    मैं तो बस यही कहूंगा कि राणा की ये सफलता एक टीम की कामयाबी है। गंभीर, कुंबले, और उसके ड्रिल कोच - सबने अपना हिस्सा डाला। बस एक नाम को छुपाने की जरूरत नहीं।

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    Raj Kamal

    जुलाई 30, 2024 AT 16:01

    मैंने इस बारे में बहुत सोचा है - क्या ये बैकग्राउंड हीरो तो अनिल कुंबले ही हैं? लेकिन अगर हम गौतम गंभीर के कोचिंग स्टाइल को देखें, तो उनका फोकस तो बेसिक्स और मानसिकता पर है। जबकि राणा की गेंदबाजी में जो बारीकियाँ हैं - जैसे विकेट के ऊपर बॉल का लैंडिंग, या लेग-स्पिन का डिस्टेंस - ये तो अनिल के तरीके से मिलते हैं। मैंने उनके वीडियो देखे हैं, और राणा का बॉल रिलीज तो बिल्कुल कुंबले जैसा है। ये बात तो बहुत स्पष्ट है।

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    Rahul Raipurkar

    जुलाई 30, 2024 AT 18:28

    यह एक गहरी अवधारणा है। गौतम गंभीर का नेतृत्व एक लोकप्रिय नारा है, लेकिन अनिल कुंबले की भूमिका एक अंतर्निहित विज्ञान है। यह एक सामाजिक निर्माण है जिसमें नाम और दृश्यता का बंटवारा किया गया है। राणा की सफलता का स्रोत न तो एक व्यक्ति है, न ही दो - यह एक प्रणाली है।

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    PK Bhardwaj

    जुलाई 31, 2024 AT 09:54

    अगर हम राणा के गेंदबाजी के डेटा को देखें - उनकी लेग-स्पिन का एंगल, बॉल का स्पिन रेट, और विकेट के ऊपर लैंडिंग - ये सब अनिल कुंबले के स्टाइल के क्लोन हैं। गंभीर ने उसे कंफिडेंस दी, लेकिन कुंबले ने उसे एक टेक्निकल ब्लूप्रिंट दिया। ये जोड़ी बहुत अद्भुत है।

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    Soumita Banerjee

    अगस्त 1, 2024 AT 21:23
    अनिल कुंबले? बहुत बोरिंग थे उनकी गेंदबाजी और उनका टी20 एक्सपीरियंस जीरो है तो ये सब बकवास है
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    Navneet Raj

    अगस्त 2, 2024 AT 19:11

    मैं तो बस यही कहूंगा - राणा की ये सफलता एक टीम की कामयाबी है। गंभीर ने उसे दिल दिया, कुंबले ने दिमाग दिया, और राणा ने दोनों को मिलाकर एक नया रूप बनाया। इस तरह की कहानियाँ ही असली क्रिकेट हैं।

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    Neel Shah

    अगस्त 3, 2024 AT 21:11
    अनिल कुंबले? 😏 नहीं भाई, ये तो बिलकुल गलत है - ये तो शांतिलाल हैं जो बैकग्राउंड में बैठे हैं 😎👑

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