जब शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी, कतर के प्रधानमंत्री, ने 13 सितंबर 2025 को CNN के बेकी एंडरसन को बताया कि दोहा में इज़राइल का हवाई हमला "पूरे अरब पर हमला" है, तो गल्फ के शासकों ने एक तेज़ जवाब देने की तैयारी छुपा ली। उसी दिन शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति, ने दुबई एयर शो 2025 में इज़राइल की रक्षा कंपनियों की भागीदारी पर आधिकारिक प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से यह कदम अनिवार्य है। यह निर्णय 2020 के अब्राहम समझौते के बाद दोनों देशों के रक्षा सहयोग को एक बड़े झटके जैसा बना गया।
हत्या का पृष्ठभूमि: दोहा हवाई हमला 2025
दोहा हवाई हमला 2025दोहा में इज़राइल ने हामास के राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाते हुए एक तीव्र हवाई हमले का ऐलान किया। इस हमले में दो प्रमुख हामास सुविधाएँ नष्ट हुईं, लेकिन कई नागरिक केंद्र भी प्रभावित हुए, जिससे कशमीरी संख्या में मौतें हुईं। कतर ने तुरंत अंतरराष्ट्रीय मंच पर निंदा कोजरी, और अहंकार से कहा कि यह कतर की संप्रभुता का सबसे बड़ा उल्लंघन है।
गल्फ देशों की त्वरित प्रतिक्रिया
हल्ले के अगले दिन, मोहम्मद बिन सलमान, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, ने शोरा काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा, "हम कतर के साथ हर कदम पर खड़े हैं। हम इज़राइल के हमलों की निंदा करते हैं और अंतरराष्ट्रीय कार्यवाही की मांग करते हैं।" उनका बयान कतर, सऊदी, यूएई और कुवैत के सामूहिक रुख को दर्शाता है। कुवैती और जॉर्डन के प्रतिनिधियों ने भी दोहा पहुंचे, जहाँ उन्होंने दर्शाया कि इस तरह के हमले को "अपराध" कहा जाएगा।
दुबई एयर शो 2025 पर प्रतिबंध का अर्थ
दुबई एयर शो, जो हर दो साल में विश्व की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी के रूप में माना जाता है, इस बार अपनी सर्वोच्च स्थिति में था। इज़राइल रक्षा मंत्रालय ने पहले इस कार्यक्रम में कई प्रमुख द्वीपों को प्रदर्शित करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन यूएई ने, सुरक्षा आवश्यक्ताओं को हवाले करते हुए, इस भागीदारी को रोका। इस निर्णय ने दो नतीजे निकाले: एक तो इज़राइल के डिफेंस उत्पादों के निर्यात में झटका, और दूसरे में अब्राहम समझौते के बाद दोस्तो का द्विपक्षीय सहयोग खटिके।

आर्थिक और सुरक्षा प्रभाव
सलाहकार विशेषज्ञ मानते हैं कि गल्फ के चार प्रमुख देशों—सऊदी अरब, कतर, कुवैत और यूएई—के पास खरबों डॉलर के संप्रभु धन कोष हैं। इन फंडों का उपयोग इज़राइल की सप्लाई चेन को बाधित करने, उसके प्रमुख रक्षा ठिकानों पर प्रतिबंध लगाने, और आर्थिक प्रतिबंधों को कड़ाई से लागू करने में किया जा सकता है। इस तरह का कदम "इस्लामिक नाटो" की कल्पना को वास्तविकता के करीब लाता है, जहाँ सामूहिक रक्षा और आर्थिक सहयोग के नए मॉडल पर चर्चा तेज़ी से हो रही है।
भू‑राजनीतिक विश्लेषक रशिद अल‑हमीदी का कहना है, "यह कार्रवाई केवल कूटनीति नहीं, बल्कि आर्थिक और सैन्य रणनीति का मिश्रण है। गल्फ के देश अब अपने सीमित संसाधनों को मिलाकर इज़राइल पर बहुत बड़ा दबाव बनाने के लिए तैयार हैं।" इस बीच, जल सुरक्षा भी एक नया मुहावरा बन गया है। जून 2025 में ईरान ने कतर के अमेरिकी बेस पर हमला किया, और इज़राइल ने उसी साल ईरान के परमाणु सुविधाओं पर हमला किया, जिससे समुद्र में विषाक्त पदार्थों का फैलाव हुआ। इस कारण कुवैत, ओमान और सऊदी अरब जैसे देशों को समुद्र के पानी को शुद्ध करने (विलवणीकरण) पर अधिक निर्भर रहना पड़ा है।
भविष्य की संभावनाएँ और अरब एवं इस्लामी शिखर सम्मेलन
दोहा में 20‑22 सितंबर 2025 के बीच आयोजित होने वाले अरब एवं इस्लामी शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर निर्णायक प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सम्मेलन में एक संयुक्त बयान, जो इज़राइल के खिलाफ कड़ी आर्थिक प्रतिबंधों और सामरिक सहयोग की घोषणा करेगा, पारित हो सकता है। शिखर सम्मेलन की तैयारियों में कतर के प्रधानमंत्री ने कहा है, "हमारा लक्ष्य सामूहिक सुरक्षा को मजबूत करना है, चाहे वह कूटनीतिक हो या आर्थिक।"

संक्षिप्त सारांश
दोहरा झटका—एक तरफ दोहा में इज़राइल का हवाई हमला, और दूसरी तरफ दुबई एयर शो पर यूएई का प्रतिबंध—गुज़रते महीनों में गल्फ के राष्ट्रों के बीच एकजुटता की नई लहर लेकर आया है। यह गठबंधन न केवल इज़राइल की रणनीतिक क्षमताओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को फिर से परिभाषित करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
दुबई एयर शो 2025 में इज़राइली कंपनियों पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया?
संयुक्त अरब अमीरात ने बताया कि सुरक्षा कारणों से इज़राइल की रक्षा कंपनियों की भागीदारी को रोकना आवश्यक है। यह कदम दोहा में हुए इज़राइल के हवाई हमले के बाद तत्काल प्रतिक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए एक कड़ा संदेश भेजा जा रहा है।
कतर के प्रधानमंत्री ने दोहा हमले को कैसे वर्णित किया?
शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने इसे "पूरे अरब पर हमला" कहा और कहा कि जवाब सामूहिक होगा। उन्होंने जोड़ा कि कतर अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस हमले की कड़ी निंदा करेगा और शिखर सम्मेलन में ठोस उपायों की तलाश करेगा।
गल्फ देशों के आर्थिक प्रतिबंधों का इज़राइल की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ सकता है?
सऊदी, कतर, कुवैत और यूएई के पास खरबों डॉलर के संप्रभु धन कोष हैं। यदि ये फंड इज़राइल के प्रमुख रक्षा और ऊर्जा कंपनियों को लक्षित करके प्रतिबंध लगाते हैं, तो इज़राइल की निर्यात आय में गिरावट, निवेश में कमी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से दबाव बढ़ सकता है।
अर्ब और इस्लामी शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेने की संभावना है?
शिखर सम्मेलन 20‑22 सितंबर 2025 को दोहा में आयोजित होगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दौरान एक सामूहिक बयान जारी किया जाएगा, जिसमें इज़राइल के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध, सामरिक सहयोग को सुदृढ़ करने और समुद्री जल शुद्धिकरण जैसी सहयोगी पहलों को शामिल किया जाएगा।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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