हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के चौंकाने वाले नतीजे: भाजपा की वापसी

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के चौंकाने वाले नतीजे: भाजपा की वापसी

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: भव्य वापसी की ओर भाजपा

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों की गिनती हमेशा की तरह राजनीति के इस महाकुंभ में अनेक दिलचस्प मोड़ ला रही है। इस बार खास बात यह है कि हमेशा की तरह अपेक्षाए नहीं रहीं। जाति, धर्म, और सामाजिक स्थितियों के समीकरण को एक तरफ रखते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक अभूतपूर्व वापसी की है, जिसका अनुमान शायद ही कोई लगा सका था। यह सब तब हो रहा है जब प्रायः सभी एक्जिट पोल कांग्रेस की स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे। लेकिन भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में से 45 से अधिक पर बढ़त बना कर एक चौतरफा वापसी करते हुए सभी को हैरत में डाल दिया है।

भारतीय जनता पार्टी का विजयी अभियान

मुख्यमंत्री नैयाब सिंह सैनी, जिन्होंने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जगह ली, ने चुनाव पूर्व ही भाजपा की जीत का दावा किया था। जहां कांग्रेस ने सत्ता के खिलाफ अविश्वास का माहौल बनाते हुए विरोध की रणनीति अपनाई, वहां भाजपा ने अपनी प्रचार रणनीति को सुचारू रूप से चालू रखा। उनकी जीत में 'सुशासन', 'मेरिट पर आधारित नौकरी', और किसानों की भलाई के योजनाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

कांग्रेस ने अपनी प्रचार मुहिम के दौरान सरकार के हटाने की रणनीति को अपनाते हुए, बेरोजगारी, किसान संकट और महंगाई जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। मतदाता टर्नआउट 67.90% के होंसले के साथ रिकॉर्ड किया गया। इस उच्च वोटिंग टर्नाउट ने सत्ता में बदलाव की उम्मीदें बढ़ा दीं थीं।

मजबूत विरोध दिखता कांग्रेस का

कांग्रेस के दिग्गज नेता और दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी उम्मीद जताई कि कांग्रेस आराम से अपना बहुमत प्राप्त करेगी। हालांकि, जहां तक परिणाम का सवाल है, भाजपा ने उन्हें आगे बढ़ाकर अपनी स्थिति को मजबूत किया। ये परिणाम 'भाजपा के शासन मॉडल' का भी महत्वपूर्ण परीक्षण हैं, खासकर नेता बदल जाने के बाद से

समर भूमि: महत्वपूर्ण मुकाबले

लड़ाई के मैदान में जैसे कि लडवा, अंबाला, गाढ़ी सांपला-किलोई और आदमपुर जैसी सीटों पर हुए मुकाबले हाई प्रोफाइल रहे। यहां एनकाउंटर में मुख्यमंत्री नैयाब सिंह, विरोधी पार्टी के नेता हुड्डा और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला जैसे मजबूत कैंडिडेट्स शामिल हुए। ये मुकाबले भाजपा के लिए मुख्य परीक्षण सिद्ध हुए।

इस चुनाव में, अन्य प्रमुख खिलाड़ियों, जैसे कि आम आदमी पार्टी (AAP), इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), और जन्नायक जनता पार्टी (JJP) ने भी अपनी पकड़ मजबूत कर रखी थी। इन सभी दलों के नेताओं ने उम्मीद जताई थी कि अगर विधानसभा त्रिशंकु रहती है, तो उनकी पार्टियों का गठबंधन निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन की स्थिति

जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन की स्थिति

जहां तक उत्तरी भारत का सवाल है, जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन भी पर्याप्त असर में दिख रहा है। एक्जिट पोल्स के मुताबिक, यहां भी कांग्रेस नई आईने लिए आगे बढ़ती दिख रही है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। पीडीपी, जो 2014 के चुनावों में 28 सीटें जीत चुकी थी, इस बार कुछ कमजोर दिखाई दे रही है।

यह चुनाव जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष रूप से ऐतिहासिक है, क्योंकि यह अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यहां का पहला सरकार चुनने वाला प्रक्रिया है। परिणाम स्पष्ट होंगे कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता की पुनर्संरचना नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की राजनीति में निर्णायक बदलाव लाने का प्रयास है।

  • Pooja Joshi

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12 टिप्पणि

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    Shivakumar Kumar

    अक्तूबर 10, 2024 AT 10:24

    ये भाजपा की वापसी तो बस एक बड़ा सपना नहीं, बल्कि एक जमीनी आवाज़ का रिजल्ट है। लोगों ने बस इतना समझा कि बोलने से ज्यादा करने वालों को चाहिए। नैयाब सिंह की टीम ने जो चीज़ें लाईं, वो सिर्फ ट्वीट्स नहीं, बल्कि गांव-गांव तक पहुंचीं। किसानों को बीज, बिजली, और बाजार मिला। बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग और नौकरी का रास्ता। ये सब बस वादे नहीं, बल्कि अनुभव था।

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    saikiran bandari

    अक्तूबर 12, 2024 AT 03:03
    कांग्रेस हारी बस इतना ही और कुछ नहीं
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    Rashmi Naik

    अक्तूबर 12, 2024 AT 09:43

    अरे यार ये सब तो एक्जिट पोल्स का फेक न्यूज़ था ना? जब तक रिजल्ट नहीं आया तब तक सबको लग रहा था कि कांग्रेस बाहर निकल जाएगी... अब तो भाजपा ने लोगों के दिमाग में एक नया एल्गोरिथ्म इंस्टॉल कर दिया है - वो भी बिना एआई के!

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    Vishakha Shelar

    अक्तूबर 13, 2024 AT 10:17

    मैं रो रही हूँ 😭 ये क्या हो गया मैंने तो कांग्रेस के लिए फूल लगाए थे... अब क्या होगा मेरा घर? बेरोजगारी बढ़ेगी ना? 😭💔

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    Ayush Sharma

    अक्तूबर 13, 2024 AT 13:42

    यहाँ एक बहुत ही सावधानी से निर्मित राजनीतिक संरचना का प्रदर्शन हुआ है। जनता के सामने एक स्पष्ट विकल्प प्रस्तुत किया गया, और उस विकल्प ने अपनी वैधता साबित कर दी। यह एक लोकतांत्रिक विजय है, न कि केवल एक पार्टी की।

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    charan j

    अक्तूबर 14, 2024 AT 09:07
    भाजपा जीत गई तो क्या हुआ अब भी सब ठीक हो जाएगा? बेकार की बातें
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    Kotni Sachin

    अक्तूबर 15, 2024 AT 19:32

    क्या आपने देखा, कि जब भाजपा ने बात की तो लोगों ने सुना, और जब कांग्रेस ने बात की तो लोगों ने सोचा - ये तो पुराना फॉर्मूला है! यहाँ एक नई भाषा बन रही थी - जिसमें विकास की बात हो रही थी, न कि बुराई की। ये बदलाव सिर्फ चुनाव में नहीं, बल्कि सोच में भी आया है।

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    Nathan Allano

    अक्तूबर 16, 2024 AT 10:13

    मैं तो बस एक छोटा सा गांव से हूँ, लेकिन मैंने देखा कि जब सरकार ने हमारे लिए ट्रैक्टर और डीजल सब्सिडी लाई, तो लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। ये वो चीज़ है जिसे आप ट्वीट नहीं कर सकते। ये जिंदगी है। भाजपा ने इसे समझा, और कांग्रेस ने नहीं। ये सिर्फ वोट नहीं, ये एक बदलाव है।

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    Guru s20

    अक्तूबर 17, 2024 AT 13:02

    बहुत अच्छा लगा कि सभी पार्टियाँ अपने-अपने तरीके से लड़ीं। JJP का भी अच्छा प्रदर्शन था। अगर ये चुनाव एक खेल होता तो ये एक बहुत ही खूबसूरत मैच होता। अब बस इतना चाहिए कि सब मिलकर हरियाणा को आगे बढ़ाएं।

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    Raj Kamal

    अक्तूबर 18, 2024 AT 15:19

    देखो यार, मैंने इस चुनाव को बहुत ध्यान से देखा है, और अगर हम गहराई से देखें तो ये एक नए राजनीतिक विकास का निशान है। जहाँ जाति और धर्म के आधार पर वोट डालने का पुराना तरीका धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, और अब लोग वोट डाल रहे हैं अपनी ज़िंदगी के आधार पर - जैसे बिजली का बिल, बच्चों की पढ़ाई, डॉक्टर का इलाज, और बेरोजगारी का समाधान। भाजपा ने इन छोटी-छोटी चीज़ों को बड़े तरीके से जोड़ दिया। ये नया नहीं, बल्कि असली राजनीति है। और अगर हम इसे नहीं समझेंगे, तो अगले चुनाव में फिर चौकन्ना रह जाएंगे।

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    Rahul Raipurkar

    अक्तूबर 18, 2024 AT 21:13

    अगर भाजपा की जीत को एक फिलॉसफिकल घटना के रूप में देखें तो यह एक नए अस्तित्ववाद का उदय है - जहाँ व्यक्ति की जिम्मेदारी राष्ट्र के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। यह एक निर्माणात्मक विनाश है, जहाँ पुराने विश्वासों को नष्ट करके नए संरचनाओं की स्थापना हुई। यह तब तक नहीं होगा जब तक लोग अपने भाग्य को अपने हाथों में नहीं ले लेंगे।

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    PK Bhardwaj

    अक्तूबर 20, 2024 AT 07:13

    एक निर्णायक बिंदु यह रहा कि भाजपा ने एक स्ट्रैटेजिक फॉर्मूला अपनाया - जिसमें नेतृत्व का बदलाव, स्थानीय स्तर पर अनुकूलन, और निर्माणात्मक नीतियों का संयोजन शामिल था। यह एक नया पाराडाइम है जहाँ नेता की छवि से ज्यादा नीति की गहराई महत्वपूर्ण है। इसका अर्थ है कि भविष्य में अन्य राज्यों में भी इसी मॉडल का अनुसरण किया जाएगा।

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