हवामान विभाग ने कहा: 4-7 अक्टूबर तक हरियाणा‑पंजाब में भारी बारिश, गरज‑बिजली

हवामान विभाग ने कहा: 4-7 अक्टूबर तक हरियाणा‑पंजाब में भारी बारिश, गरज‑बिजली

जब भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 4 अक्टूबर 2025 को 14:00 बजे अपना प्रेस रिलीज़ जारी किया, तब से हरियाणा‑पंजाब में अगले तीन दिन तक मौसम में बड़े बदलाव की चेतावनी आई। यह चेतावनी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण थी, जो 5‑7 अक्टूबर के बीच दक्षिण‑पश्चिमी भारत के ऊपर उच्च आर्द्रता लेकर आया। मुख्य शहर दिल्ली में भी हल्की‑मध्यम बारिश की संभावना थी, जबकि हरियाणा और पंजाब में तीव्र वृष्टि, ओले और तेज़ हवाओं की भविष्यवाणी की गई।

मौसम की पृष्ठभूमि और वेस्टर्न डिस्टरबेंस का उद्भव

वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक उच्च-स्तरीय वायुमंडलीय प्रवाह है जो उथले ट्रोपोस्फीयर में बरसात के बादल लाता है। इस बार, समुद्र‑से‑आगमन वाली नमी अरेबियन सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से मिलकर पश्चिमी भारत के पूर्वी भाग में भारी वर्षा के लिए उपजाऊ माहौल बना।

इंडियन वेदर सर्विस ने बताया कि 5 अक्टूबर की सुबह केंद्र में हल्की धुंध ने अपने पैर फैलाए, जबकि 6 अक्टूबर को यह प्रणाली त्वरित गति से उत्तर‑पश्चिमी दिशा में बढ़ी। इस दौरान तापमान में 2‑3 डिग्री गिरावट और वायुगति में 15‑20 किमी/घंटा की वृद्धि हुई, जिससे स्थानीय मौसम पर बड़ा असर पड़ा।

प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत कवरेज

पंजाब में अंम्रितसर और लुधियाना के निकट 70‑80 मिमी की बारिश दर्ज की गई। मोहाली में 65 मिमी तक बारिश के साथ ओले गिरने की रिपोर्ट मिली। हरियाणा में पंचकुला, रोहतक, और सिरसा में क्रमशः 55‑70 मिमी की जलधारा बही, जबकि नज़दीकी पहाड़ी क्षेत्रों में जलस्रोत में अचानक बढ़ोतरी ने स्थानीय किसानों को राहत दी, लेकिन साथ ही सड़क पर जलभराव का मुद्दा बढ़ा।

दिल्ली‑एनसीआर में 6 अक्टूबर को अधिकांश मॉर्निंग‑एवेनिंग तक बादल घिर आए। मौसम विभाग ने बताया कि दिन के दौरान तापमान 31‑33°C तक गिरा, जो सामान्य 34‑36°C से 3‑5 डिग्री कम था। शाम तक नज़दीकी इलाकों में 30‑40 किमी/घंटा की तेज़ हवाएँ और 50 किमी/घंटा तक के वायुसिक्ती की संभावना थी। कई मोहल्लों में रात के समय हल्की बौछारों ने फुटपाथों को फिसलन भरा बना दिया।

गोपालपुर (ओडिशा) में 2 अक्टूबर की शाम घनी धुंध के साथ 73 किमी/घंटा तक तेज़ हवाएँ बगड़ती रही, जिससे समुद्र‑तट पर जलस्तर अचानक बढ़ा। इस गहरी डिप्रेशन ने पश्चिमी भारत की नमी को और बंधी हुई बना दिया, जिससे अगली दो दिनों में बारिश का असर और भी तेज़ हो गया।

स्थानीय प्राधिकरणों की चेतावनियाँ और जनता की प्रतिक्रिया

प्रेस रिलीज़ के बाद डॉ. रवि कुमार, जो भारत मौसम विज्ञान विभाग के भाषण विशेषज्ञ हैं, ने कहा, "हमने पीले अलर्ट जारी कर दिए हैं, जिसका अर्थ है भारी बारिश, ओले और तेज़ हवाएँ। कृपया नागरिकों को बिना जरूरत घर से बाहर निकलने से बचें।"

दिल्ली में ट्रैफ़िक पुलिस ने प्रमुख राजमार्ग, especially भारी बारिश के कारण जलभरे रास्तों पर गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया। कई बस सेवा रूट्स को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया गया। हरियाणा में रोहतक के नजदीकी मीठे पानी के टैंक के ऊपर जलभराव की समस्या से जमीनी क्षति का खतरा रहा, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने बचाव दल तैनात कर दिया।

स्थानीय निवासियों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए – कुछ ने कहा कि “बारिश के बाद वाले दिन में सड़कें गीली और फिसलन भरी लग रही हैं, पर आयनीक्शन टैंक की पानी सप्लाई तेज़ी से आई।” वहीं कुछ ने बताया कि “ओलों ने साइडवाल ड्रैगन जैसे काम किया, ढीले छत्रियों की छतें फट गईं।”

विशेषज्ञों की राय और संभावित प्रभाव

विशेषज्ञों की राय और संभावित प्रभाव

क्लाइमेट विशेषज्ञ डॉ. सीमा गुप्ता (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ क्लाइमेट रिसर्च) ने बताया कि “वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव इस मौसम में अनोखा है क्योंकि अब तक की तुलना में अधिक नमी एशियन मानसून में बीजिंग के पास से गति ले रही है। यह घटना न केवल इस साल की कृषि फसल को प्रभावित करेगी बल्कि अगले हफ्ते के बाद आने वाली ठंडी हवाओं के साथ तापमान में 5‑6°C की गिरावट भी लाएगी।”

आधुनिक कृषि केंद्रों ने चेतावनी दी है कि धान की फसलें ओलों के कारण कटाव और रोग प्रतिरोधकता में कमजोरी दिखा सकती हैं, जबकि गेंहू की फसलें हल्की बारिश से लाभान्वित हो सकती हैं। इस बीच, जल निकायों में अति‑विषम जल स्तर का जोखिम बढ़ा है, जिससे छोटे जल विद्युत परियोजनाओं की कार्यक्षमता पर असर पड़ेगा।

आगे का अनुमान, तैयारियां और समाधान

भविष्यवाणी के अनुसार, 7 अक्टूबर तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव में धीरे‑धीरे कमी आएगी, परंतु ठंडी उत्तर‑पश्चिमी हवाओं का प्रवाह शुरू हो जाएगा। इससे न्यूनतम तापमान 22‑24°C तक गिर सकता है, जबकि रात की ठंडक में कोहरे की संभावना रहेगी।

निर्णायक कदम के रूप में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने स्थानीय नगर निकायों को जल निकासी की जांच और फुर्तीले बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। साथ ही, किसानों को जल‑संरक्षण तकनीकों जैसे ड्रिप इरिगेशन और मृदा सुधार के उपायों को अपनाने की सलाह दी गई है।

रहने वाले लोग, विशेषकर बुजुर्ग और बच्चों वाले परिवारों को घर के अंदर रहने, बिजली कटौती के लिए टॉर्च और बैटरी रखी रहने, और सड़क यात्रा से बचने का सुझाव दिया गया है। तेज़ हवाओं के बीच छत्रियों को सुरक्षित जगह पर रखकर ध्वनि जोखिम को कम किया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

वेस्टर्न डिस्टरबेंस से कौन‑कौन से क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे?

मुख्यतः हरियाणा के पंचकुला, रोहतक, सिरसा और पंजाब के अमृतसर, लुधियाना, मोहाली में बारिश‑ओले की तीव्रता अधिक रहेगी। दिल्ली‑एनसीआर में भी मध्य‑विभागीय बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना है।

यात्रा योजनाओं को रद्द क्यों करना चाहिए?

बारिश के साथ सड़क पर जलभराव, ओलों की धारा और तेज़ हवाओं के कारण दृश्यता घटती है, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ता है। आधिकारिक चेतावनियों में पीले अलर्ट के साथ सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

किसी किसान को इस मौसम में कौन से उपाय अपनाने चाहिए?

क्लीन जल निकासी के लिए खेत की सतह को समतल रखें, ड्रिप इरिगेशन से पानी की बचत करें और बीजाणु रोगों के प्रकोप से बचने के लिए फफूंदनाशक छिड़काव समय पर करें।

बिजली कटौती की स्थिति में कौन‑से वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं?

इंस्टेंट पावर बैंक, टॉर्च और पेंशन फायर का प्रावधान रखें। साथ ही, गैस स्टोव या एलपीजी के साथ वैकल्पिक खाना पकाने के साधन तैयार रखें।

भविष्य में ऐसी वेस्टर्न डिस्टरबेंस चेतावनी को कैसे बेहतर समझा जा सकता है?

समय-समय पर मौसम विभाग के आधिकारिक ऐप या वेबसाइट पर अपडेट देखना, स्थानीय रेडियो पर अलर्ट सुनना और सामाजिक मीडिया पर भरोसेमंद स्रोतों को फॉलो करना सबसे असरदार तरीका है।

  • Pooja Joshi

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