जर्मनी ने स्विट्ज़रलैंड के खिलाफ संघर्षपूर्ण ड्रॉ से बनाई नॉकआउट स्टेज में जगह
जर्मनी ने यूरो 2024 के नॉकआउट स्टेज में अपनी जगह पक्की कर ली है, जब उसने फ्रैंकफर्ट एरिना में स्विट्ज़रलैंड के खिलाफ 1-1 का ड्रॉ खेला। यह मैच दोनों टीमों के लिए महत्वपूर्ण था और दर्शकों की उपस्थिति भी बेहद अधिक थी। इस मुकाबले में जर्मनी ने अंततः अपनी कड़ी मेहनत और लड़ाई क्षमता दिखाई।
स्विट्ज़रलैंड ने मैच की शुरुआत बेहद मजबूत तरीके से की और जल्दी ही 28वें मिनट में डैन नडॉय के गोल से बढ़त हासिल कर ली। इस गोल ने स्विट्ज़रलैंड को आत्मविश्वास दिया और जर्मनी को मजबूर किया कि वह अपने खेल में सुधार करे। स्विट्ज़रलैंड के गोलकीपर ने कई महत्वपूर्ण बचाव किए और जर्मनी को स्कोर करने का मौका नहीं दिया। पहले हाफ का अंत स्विट्ज़रलैंड की बढ़त के साथ हुआ।
दूसरे हाफ में जर्मनी ने खेल में वापस आने के लिए रणनीतिक बदलाव किए और आक्रामक खेल दिखाया। कोच जूलियन नागेल्समैन की टीम ने अपनी स्थिति को बदलते हुए अधिक आक्रामक रुख अपनाया। हालांकि, स्विट्ज़रलैंड की डिफेंस ने जर्मनी के हर प्रयास को विफल करने की कोशिश की।
मैच का सबसे रोमांचक और महत्वपूर्ण पल आया स्टॉपेज टाइम में, जब निक्लास फुल्क्रुग ने हेडर से गोल कर जर्मनी को बराबरी दिलाई। इस गोल ने जर्मन प्रशंसकों में जोश भर दिया और टीम को नॉकआउट स्टेज में पहुंचा दिया। इस ड्रॉ के साथ जर्मनी ने ग्रुप ए में 7 अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया।
कोच जूलियन नागेल्समैन ने टीम रोटेशन न करने को लेकर कुछ आलोचनाएं झेली, लेकिन उन्होंने टीम की प्रदर्शन और नतीजे के आधार पर अपनी रणनीति को सही साबित किया। इस मैच का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया और कुल 46,685 दर्शकों ने स्टेडियम में मैच प्रत्यक्ष देखा।
कोच और विशेषज्ञों की राय
जर्मनी की टीम चयन और रणनीति पर कई फुटबॉल विशेषज्ञों ने अपनी राय व्यक्त की। फ्रैंक लेबोफ और गैब्रिएल मारकोटी ने कोच के निर्णयों पर चर्चा की और माना कि टीम की सामरिक निर्णय में कुछ कमियां थीं, लेकिन खिलाड़ियों की मेहनत और संकल्प ने उन्हें अंततः सफलता दिलाई।
इस महत्वपूर्ण मुकाबले के बाद, जर्मनी अब नॉकआउट स्टेज में अपनी जगह सुनिश्चित कर चुका है और टीम की नजरें आगामी मैचों पर हैं। इस रोमांचक खेल ने आगामी मैचों के प्रति उत्सुकता और प्रतीक्षा को बढ़ा दिया है।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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