जब मैट हेनरी ने अपने दोस्तों के गले लगकर आँखें भर लीं, तो दुबई के दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के बैकस्टेज में एक बड़ा सपना टूट गया। 9 मार्च, 2025 को होने वाले आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025दुबई के फाइनल में न्यूजीलैंड के टॉप फास्ट बॉलर की अनुपस्थिति ने न सिर्फ टीम को, बल्कि पूरे क्रिकेट दुनिया को हैरान कर दिया। चोट तो लगी थी लाहौर में 5 मार्च को, जब हेनरी ने दक्षिण अफ्रीका के हेनरिच क्लासेन की एक डरावनी कैच की कोशिश की — लेकिन उस एक कैच ने फाइनल का रास्ता ही बदल दिया।
चोट का असली असर: एक बॉलर का गायब होना
हेनरी के बिना न्यूजीलैंड की बॉलिंग लाइनअप एक अज्ञात के लिए तैयार हो गई। टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने 4 मैचों में 10 विकेट लिए, और औसत 16.70 के साथ टूर्नामेंट के सबसे अच्छे बॉलर थे। लेकिन वो सिर्फ आंकड़े नहीं थे — वो भारत के खिलाफ एक डर के रूप में थे। 28 फरवरी को दुबई में हुए समूह चरण के मैच में, हेनरी ने भारत के बल्लेबाजों को घुटनों पर ला दिया था — पांच विकेट सिर्फ 8 ओवर में, 42 रन के बदले। उनकी तेज़ गेंदों और बाहर की ओर जाने वाली इंग्लिश बॉल ने भारत के टॉप ऑर्डर को बार-बार बेकाबू कर दिया था। 2019 के विश्व कप सेमीफाइनल में भी उन्होंने भारत के खिलाफ एक अहम भूमिका निभाई थी।
अब इसकी जगह लेने आए नेथन स्मिथ — 26 साल के इस सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर के पास सिर्फ 12 ओडीआई मैचों का अनुभव है। उन्होंने अब तक कोई बड़ा मैच नहीं खेला है। टीम के नेतृत्व ने इस फैसले को एक जोखिम के रूप में देखा, लेकिन विकल्प नहीं था। न्यूजीलैंड के कप्तान मिचेल सैंटनर ने टॉस के दौरान कहा: "हम उनके लिए बहुत कुछ कर रहे थे, लेकिन शाम तक उनका कंधा नहीं बहाल हुआ।" उन्होंने अपनी आँखों में दर्द छिपाया, लेकिन आवाज़ में जोश नहीं खोया।
भारत के लिए एक अनुमान से बड़ा लाभ
भारतीय टीम के लिए ये खबर एक बड़ा आशीष था। दुबई के मैदान पर 25,000 से ज्यादा दर्शक थे — और उनमें से ज़्यादातर भारतीय प्रशंसक। जब हेनरी की अनुपस्थिति की घोषणा हुई, तो मैदान में खुशी की गूँज फैल गई। उनकी बॉलिंग के खिलाफ भारत के बल्लेबाजों को जाना था — उनकी गति, उनकी लाइन, उनकी दृढ़ता। अब ये सब बदल गया।
भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया — जिससे उनकी ओडीआई में लगातार 15वीं टॉस हार हुई। ये रिकॉर्ड अब विश्व का सबसे बड़ा है। और इसके साथ ही शर्मा ने ब्रायन लारा के 12 लगातार टॉस हारने के रिकॉर्ड को बराबर कर दिया। लेकिन इन आंकड़ों को लेकर भारत के उपकप्तान शुभमन गिल ने एक दिलचस्प बात कही: "हम चाहे बल्लेबाजी करें या फिर चेज करें, हम दोनों में बराबर आत्मविश्वास रखते हैं।" ये बात बताती है कि भारत को हेनरी की अनुपस्थिति से ज्यादा अपने खेल पर ध्यान देना था।
प्रतिक्रियाएँ: एक टीम का दर्द, एक टिप्पणीकार का आह
न्यूजीलैंड के पूर्व पेसर और टीवी विश्लेषक साइमन डूल ने ट्रांसमिशन के दौरान कहा: "मैट का न होना एक बड़ा झटका है। वो एक ऐसा बॉलर है जो भारत के खिलाफ खेलने के लिए बना है। उनकी गेंदों का असर आंका नहीं जा सकता।" उनकी बात सिर्फ एक टिप्पणी नहीं थी — ये टीम के दिल की धड़कन थी।
मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, हेनरी को लाहौर में कैच लेते समय एक हल्की सी कंधे की चोट लगी थी। लेकिन अगले दिन, 6 मार्च को, जब उन्होंने टीम अस्पताल में फिजियोथेरेपी की, तो दर्द बढ़ गया। 7 मार्च को उन्हें फिर से टेस्ट किया गया — लेकिन उनका कंधा अभी भी 80% तक नहीं बहाल हुआ था। न्यूजीलैंड के डॉक्टरों ने कहा: "ये एक निगल था, लेकिन जब उसे दबाया गया, तो वो एक फ्रैक्चर के करीब पहुँच गया।"
क्या आगे क्या होगा?
अगर न्यूजीलैंड जीत गया, तो स्मिथ को बड़ी चुनौती मिली। अगर हार गया, तो सवाल उठेगा — क्या हेनरी की अनुपस्थिति ने फैसला कर दिया? इस टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड के पास कोई दूसरा ऐसा फास्ट बॉलर नहीं था जो भारत के खिलाफ इतना असरदार हो। हेनरी के बिना टीम ने अपनी बॉलिंग स्ट्रैटेजी पूरी तरह बदल दी — अब वो ज्यादा ब्रेक बॉल और स्लो बॉल्स पर भरोसा करने लगे।
अगले कुछ सालों में ये घटना हेनरी के करियर की एक महत्वपूर्ण बिंदु बन सकती है। वो 33 साल के हैं — और अगला विश्व कप 2027 में है। क्या वो उस टूर्नामेंट में वापस आ पाएंगे? ये एक बड़ा सवाल है।
इतिहास के साथ जुड़ाव
इस फाइनल में एक और ऐतिहासिक बात भी छिपी थी। रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविंद्र जडेजा — ये तीनों खिलाड़ी चैम्पियंस ट्रॉफी के तीन लगातार फाइनल में खेलने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। पहले इस रिकॉर्ड को ब्रायन लारा, शिवनारायण चंद्रपाल और युवराज सिंह ने बनाया था। ये एक ऐसा अवसर था जो किसी भी टीम के लिए अनोखा था।
लेकिन जब भी एक टीम ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की, तो दूसरी टीम के लिए एक बड़ा खेल खो गया। और उस खेल का नाम था — मैट हेनरी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मैट हेनरी की चोट कैसे हुई?
हेनरी की चोट लाहौर के सेमीफाइनल में हुई, जब वो दक्षिण अफ्रीका के हेनरिच क्लासेन की एक लंबी गेंद को कैच करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने जमीन पर लुढ़कते हुए गेंद को पकड़ने की कोशिश की, जिससे उनका कंधा अचानक खिंच गया। मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये एक "निगल" था, लेकिन बाद के टेस्ट में पता चला कि ये एक गंभीर टेंडनाइटिस के करीब पहुँच गया था।
नेथन स्मिथ कौन है और उनका अनुभव कैसा है?
नेथन स्मिथ 26 साल के एक सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर हैं, जो सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट्स के लिए खेलते हैं। उन्होंने अब तक 12 ओडीआई मैच खेले हैं, लेकिन टूर्नामेंट के बड़े मैचों में कभी नहीं खेले। उनकी सबसे अच्छी प्रदर्शन 2024 में श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में आया था, जहाँ उन्होंने 3 विकेट लिए थे। उनकी गेंदबाजी का औसत 35+ है — जो हेनरी के 16.70 से काफी अधिक है।
हेनरी के बिना न्यूजीलैंड की बॉलिंग स्ट्रैटेजी कैसे बदली?
हेनरी के बिना न्यूजीलैंड ने अपनी बॉलिंग लाइनअप में ज्यादा स्लो बॉल और ब्रेक बॉल्स पर भरोसा किया। उन्होंने अपने स्पिनर ट्रेवर ब्रैडशॉ को ज्यादा ओवर दिए और ब्रेक के लिए डेनियल वेल्स को भी शामिल किया। लेकिन भारत के बल्लेबाजों के लिए ये स्ट्रैटेजी कम डरावनी थी — क्योंकि हेनरी की तेज़ गेंदें और इंग्लिश बॉल उन्हें बाहर की ओर धकेलती थीं।
भारत के लिए हेनरी की अनुपस्थिति क्यों बड़ी बात थी?
हेनरी भारत के खिलाफ सबसे खतरनाक बॉलर थे। उन्होंने 2019 के विश्व कप सेमीफाइनल में भारत के टॉप ऑर्डर को बेकाबू किया था। इस टूर्नामेंट में भी उन्होंने भारत के खिलाफ पांच विकेट लिए थे। उनकी गेंदों का असर भारतीय बल्लेबाजों पर इतना था कि उनकी अनुपस्थिति ने भारत के बल्लेबाजों को आत्मविश्वास दिलाया।
क्या हेनरी अगले विश्व कप में वापस आ सकते हैं?
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उनकी उम्र और चोट की गंभीरता को देखते हुए, ये संभावना है कि वो 2027 के विश्व कप के लिए टीम में वापस नहीं आ पाएंगे। उनके लिए अगले 12-18 महीने में रिहैबिलिटेशन और फिटनेस ट्रेनिंग काफी महत्वपूर्ण होगी। उनके पास अभी भी अवसर हैं, लेकिन वो अब एक अलग चुनौती का सामना कर रहे हैं।
इस फाइनल में भारत के लिए क्या ऐतिहासिक रिकॉर्ड बने?
रोहित शर्मा ने ब्रायन लारा के 12 लगातार ओडीआई टॉस हारने के रिकॉर्ड को बराबर कर दिया। इसके साथ ही शर्मा, कोहली और जडेजा तीन लगातार चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। इसके अलावा, भारत ने ओडीआई में लगातार 15वीं टॉस हार दर्ज की — जो अब विश्व का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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