आयोध्या के राम कथा पार्क में महाकाव्य रामलीला
22 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक आयोध्या के राम कथा पार्क में आयोजित विश्व की सबसे बड़ी रामलीला ने इतिहास रच दिया। इस वर्ष का मंचन न केवल धार्मिक महत्त्व के कारण बल्कि राष्ट्रीय स्तर की स्टार‑डस्टेड कास्ट के कारण भी सुर्खियों में रहा। मंच पर परशुराम के रूप में अनुभवी अभिनेता पुनीत इसर, बाली के रूप में मनोज तिवारी, केवट के रूप में रवि किशन, और हनुमान के रूप में राजेश पुरी जैसे दिग्गजों ने भी अपना योगदान दिया। रावण की भूमिका में मनीष शर्मा ने तीसरी बार अपनी महाकाव्य शक्ति दिखायी, जबकि राम की भूमिका में राहुल गुच्छर ने गहन भावनात्मक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की।
इन प्रमुख कलाकारों के अलावा रेज़ा मोरड़ मेघनाद, अवतार गिल राजा जनक, राकेश बेदी विभीषण और राजन मोदी लक्ष्मण जैसी पहचान वाली हस्तियों ने भी अपनी अभिनय कला को चमकाया। इस विविध और बहुप्रतीक्षित कास्ट ने दर्शकों को एकत्रित कर एक अद्वितीय सांस्कृतिक उत्सव का सृजन किया।

Manika Vishwakarma की मातासिता सिया में बहादुरी और भावुकता
राष्ट्रपति पद की धुरंधर पत्नि, Miss Universe India 2025 की धाकड़ी विजेता Manika Vishwakarma ने इस वर्ष की रामलीला में मातासिता सिया का किरदार निभाया। राजस्थान की रहने वाली इस युवा ने इस पद को अपने जीवन का सपना बताया था, और उन्होंने कहा, "मैं बचपन से आयोध्या आने की इच्छा रखती थी। भगवान राम की कृपा से यहाँ सिया माँ बनना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है।" उनके शब्दों में स्पष्ट भावनात्मक जुड़ाव और आध्यात्मिक गहराई झलकती है।
प्रदर्शन के दौरान उनकी चाल, पोशाक और भावभंगिमा ने दर्शकों को सिया माँ के आदर्शों के साथ जोड़ दिया। उनके प्रदर्शन को कई धार्मिक विशेषज्ञों ने "भक्ति, शालीनता और सच्ची भारतीय परंपरा की झलक" कहा। दर्शकों ने उनका थैम्पिंग करते हुए अभिवादन किया और कई लोग उनके साथ फोटो क्लिक करने के लिए भी भीड़ में आ गए।
भव्य मंचन में प्रौद्योगिकी की मदद से अत्याधुनिक प्रकाश और ध्वनि व्यवस्था ने भी भूमिका को और आकर्षक बनाया। विशाल मंच के किनारे पर रौशनी के खेल ने सिया माँ की सौंदर्य और पवित्रता को उजागर किया, जिससे दर्शकों के दिलों में गहरा प्रभाव पड़ा।
Manika के इस प्रदर्शन के बाद, उन्हें थाईलैंड में 21 नवंबर को आयोजित Miss Universe 2025 प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना बाकी है। यह अवसर उनके करियर में दोहरे मंचों – एक आध्यात्मिक और एक अंतर्राष्ट्रीय – को जोड़ता है, जो भारतीय संस्कृति और विश्वव्यापी सुंदरता के मिलन को दर्शाता है।
आयोध्या में इस अद्भुत रामलीला ने न केवल धार्मिक भावना को सुदृढ़ किया, बल्कि एक आधुनिक, बहुस्तरीय मंच को स्थापित किया जहाँ खेल, कला, संस्कृति और सौंदर्य एक साथ मिलते हैं। इस प्रकार, Manika Vishwakarma की सिया माँ की भूमिका ने एक नई दिशा दी, जहाँ भारत की धरोहर और अंतरराष्ट्रीय मंच दोनों को एक साथ लाया गया।
द्वारा लिखित Pooja Joshi
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