मोदी 3.0 कैबिनेट में चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की जिम्मेदारी

मोदी 3.0 कैबिनेट में चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की जिम्मेदारी

मोदी 3.0 कैबिनेट में चिराग पासवान की नियुक्ति

चिराग पासवान, जो लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता हैं, को मोदी 3.0 कैबिनेट में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। यह निर्णय उस एक दिन बाद आया जब उन्होंने मोदी सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ली। चिराग पासवान, जिन्हें 'मोदी के हनुमान' के नाम से भी जाना जाता है, की पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी हर सीट पर जीत हासिल की थी।

पासवान की राजनीतिक सफलता

लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने हाजीपुर, समस्तीपुर, वैशाली, जमुई, और खगड़िया सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे यह साबित होता है कि पासवान की पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भाजपा के बाद तीसरे सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बन गए हैं। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल (यूनाइटेड) के बाद, LJP (राम विलास) भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी बन गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास

चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस अभूतपूर्व विश्वास के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और मेहनत से निभाने का वचन देते हैं। उन्होंने इस नियुक्ति को अपनी राजनीतिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और कहा कि वह बिहार की दलित राजनीति में एक नई पहचान बनाना चाहते हैं।

बिहार राजनीति में नया चेहरा

चिराग पासवान की इस नई भूमिका ने बिहार की राजनीति में एक नई सुगबुगाहट पैदा कर दी है। वह अब एक नए दलित प्रतीक के रूप में पहचान बना रहे हैं, जिससे पुराने और अनुभवी नेताओं की छवि धुंधली होती दिखाई दे रही है।

मंत्रालय में पिछले प्रभार

इससे पहले, मोदी 2.0 सरकार में किरन रिजिजू ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। मोदी 3.0 कैबिनेट में कुल 72 मंत्री हैं, जो इसकी अधिकतम संभव संख्या 81 से नौ कम हैं। बिहार के सात सांसदों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है, जिनमें से चार भाजपा के सहयोगी दलों से हैं।

जातीय संतुलन का प्रयास

यह नियुक्ति और मंत्रिपरिषद में बिहार के सांसदों की भागीदारी एक स्पष्ट संकेत देती है कि भाजपा 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के लिए जातीय समीकरणों को संतुलित करने का प्रयास कर रही है। चिराग पासवान की नियुक्ति से यह भी जाहिर होता है कि भाजपा दलितों के समर्थन के लिए नए सिरे से प्रयास कर रही है।

  • Pooja Joshi

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19 टिप्पणि

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    pk McVicker

    जून 13, 2024 AT 15:05
    ये सब नियुक्तियाँ तो बस चुनावी चाल हैं।
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    Shalini Thakrar

    जून 13, 2024 AT 21:12
    चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय मिलना एक बड़ा स्ट्रैटेजिक मूव है 🤔 दलित वोट बैंक को एंगेज करने के साथ-साथ एग्री-टेक सेक्टर को भी फोकस करने की स्मार्ट डीसिजन। इससे फूड प्रोसेसिंग के लिए नए इनोवेशन्स आ सकते हैं, खासकर माइक्रो-प्रोसेसिंग यूनिट्स के साथ। अगर ये पार्टी लोकल फार्मर्स को डायरेक्टली इंटीग्रेट करे तो वैल्यू चेन अपग्रेड होगा। ये बस एक नाम नहीं, एक सिस्टम बदलाव का संकेत है। 🌾💡
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    Laura Balparamar

    जून 15, 2024 AT 13:53
    इस नियुक्ति को लेकर कोई बड़ा विरोध नहीं होना चाहिए। ये बिहार के लिए एक अच्छा मूव है और उनकी लोकल बेस के बारे में कोई शक नहीं।
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    Shivam Singh

    जून 17, 2024 AT 10:11
    मोदी के हनुमान... अब तो भगवान बन गए लगते हैं 😅
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    Piyush Raina

    जून 17, 2024 AT 19:13
    बिहार में दलित नेतृत्व का ये नया रूप देखकर लगता है कि राजनीति अब बस जाति नहीं, बल्कि युवा एक्सप्रेशन और नेटवर्किंग पर भी निर्भर करती है। चिराग का अप्रोच बहुत डिजिटल और फ्रेश लग रहा है।
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    Srinath Mittapelli

    जून 19, 2024 AT 07:01
    ये नियुक्ति सिर्फ बिहार के लिए नहीं, पूरे देश के लिए एक नया मॉडल है। जब एक युवा नेता अपने बाबा के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाए और उसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़ दे, तो ये दलित नेतृत्व का एक नया फेज है। किसी भी राज्य में ये मॉडल काम कर सकता है।
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    Vineet Tripathi

    जून 19, 2024 AT 16:11
    कुछ लोग इसे बस चुनावी ट्रिक समझते हैं, पर अगर चिराग असली मेहनत करे तो ये बिहार के लिए एक टर्निंग पॉइंट बन सकता है।
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    Dipak Moryani

    जून 21, 2024 AT 12:19
    किरन रिजिजू के बाद चिराग को ये पोस्ट मिलना क्या अच्छा है? क्या उन्होंने कोई खास काम किया था?
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    Subham Dubey

    जून 21, 2024 AT 17:56
    ये सब एक बड़ा धोखा है। चिराग पासवान को ये पोस्ट देकर भाजपा दलितों को बेवकूफ बना रही है। असली निर्णय तो दिल्ली के बंद कमरों में होते हैं। इसके बाद भी बिहार के दलितों को वोट देने को मजबूर किया जाएगा। ये सिर्फ एक नाटक है।
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    Rajeev Ramesh

    जून 22, 2024 AT 00:44
    मंत्रिमंडल की संख्या 72 है, जो अधिकतम 81 से कम है। इसका अर्थ है कि अभी भी कुछ राज्यों के प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए हैं। यह एक स्पष्ट राजनीतिक संकेत है।
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    Vijay Kumar

    जून 23, 2024 AT 21:28
    दलित नेता को मंत्री बनाना अच्छा है, पर अगर वो नहीं जानता कि फूड प्रोसेसिंग क्या है तो?
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    Abhishek Rathore

    जून 24, 2024 AT 03:40
    कुछ लोग इसे जाति के आधार पर देख रहे हैं, पर अगर चिराग सच में ये पोर्टफोलियो बेहतर तरीके से चलाएं तो ये सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, एक नए दौर की शुरुआत है।
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    Rupesh Sharma

    जून 24, 2024 AT 04:34
    अगर चिराग अपने पासवान बाबा के नाम का इस्तेमाल करके भी बिहार के किसानों को फूड प्रोसेसिंग में नया आधार दे सकते हैं, तो ये बहुत बड़ी बात है। जाति से ज्यादा अब काम चलता है।
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    Jaya Bras

    जून 25, 2024 AT 04:01
    चिराग पासवान? वो तो अपने पापा के शैडो में घूम रहा है 😒
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    Arun Sharma

    जून 26, 2024 AT 15:28
    इस नियुक्ति के पीछे एक स्पष्ट राजनीतिक रणनीति है जिसे विश्लेषण के बिना नहीं समझा जा सकता।
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    Ravi Kant

    जून 27, 2024 AT 03:50
    बिहार के लोगों के लिए ये एक गर्व की बात है। उनकी पार्टी ने बहुत सारी सीटें जीतीं और अब उन्हें एक अहम मंत्रालय मिला है।
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    Harsha kumar Geddada

    जून 27, 2024 AT 22:49
    इस नियुक्ति को लेकर अगर हम राजनीति के इतिहास को देखें तो ये एक बहुत बड़ा बदलाव है। पिछले दशकों में जाति के आधार पर नेतृत्व का निर्माण हुआ, लेकिन अब ये एक ऐसा युवा नेता है जिसके पास न सिर्फ विरासत है, बल्कि डिजिटल नेटवर्क, युवा द्रष्टिकोण और राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ाव भी है। इसलिए ये बस एक नियुक्ति नहीं, ये एक नए राजनीतिक फेज का आगाज है। अगर चिराग इसे अपने विरासत के नाम पर नहीं, बल्कि अपने निर्णयों के आधार पर चलाएं तो ये भारत के लिए एक नया मॉडल बन सकता है। और अगर ये खाद्य प्रसंस्करण में लोकल फार्मर्स को जोड़कर डायरेक्ट मार्केटिंग, फ्रीजिंग यूनिट्स और डिजिटल ट्रैकिंग का इस्तेमाल करे, तो ये एक वास्तविक विकास की कहानी बन जाएगी। ये नियुक्ति अगर असली निर्माण की ओर जाएगी, तो देश के अन्य राज्य भी इसका अनुकरण करेंगे।
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    sachin gupta

    जून 28, 2024 AT 07:24
    मोदी 3.0 में चिराग पासवान को इतना बड़ा पोर्टफोलियो देना बिल्कुल एक बहुत बड़ी बात है। लेकिन क्या ये सिर्फ एक नाम बदलने का खेल है? या फिर ये एक नया ब्रांडिंग एक्सपेरिमेंट है?
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    Shivakumar Kumar

    जून 28, 2024 AT 13:27
    चिराग का ये नया रोल बिहार के लिए एक बड़ी जीत है। अब दलित युवा नेताओं को भी बड़े पोर्टफोलियो मिल रहे हैं। ये बस नियुक्ति नहीं, ये एक नए ज़माने का नारा है।

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