प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाकर 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाकर 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आयुष्मान भारत योजना का विस्तार किया है, जिसमें अब 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिक शामिल होंगे। यह फैसला सरकार की बुजुर्गों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की इच्छा को दर्शाता है। आयुष्मान भारत या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) का उद्देश्य है कि दूसरे और तीसरे दर्जे के अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष पाँच लाख रूपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाय।

स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सरकार का वचन

इस घोषणा के साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकारों की आलोचना की क्योंकि उन्होंने इस योजना को लागू नहीं किया है। प्रधानमंत्री के मत के अनुसार, इन सरकारों का यह निर्णय राजनीतिक स्वार्थ के कारण प्रभावित हुआ है, जिसकी वजह से इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना का लाभ उन राज्यों के निवासियों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

आयुष्मान भारत योजना की विशेषता यह है कि यह किसी भी परिवार के आकार या उम्र का निर्धारण किए बिना, पहले दिन से ही पूर्व-विद्यमान बीमारियों को कवर करती है। इसका उद्देश्य देश के गरीब और कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिलाना है, जिसके लिए 12 करोड़ से अधिक परिवार पात्र हैं।

सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में एक कदम

सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में एक कदम

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, यह विस्तार राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 का दृष्टिकोण है जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अंतर्गत 'किसी को पीछे न छोड़ने' की सोच को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

आयुष्मान भारत योजना को लेकर प्रधानमंत्री की आलोचना ने सहकारी शासन की आवश्यकता पर जोर दिया है। जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें एकजुट होकर काम करनी चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाएँ सभी कमजोर और जरूरतमंद नागरिकों तक पहुँच सकें। वृद्धावस्था में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं गंभीर होती हैं और यह योजना उन्हें कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

नए साझेदारियों के साथ योजना का विस्तार

नए साझेदारियों के साथ योजना का विस्तार

इस योजना के विस्तार में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के साथ साझेदारी की है। यह साझेदारी आयुष्मान भारत योजना के दायरे को और बढ़ा रही है। नैशनल हेल्थ अथॉरिटी ने अहमदनगर, महाराष्ट्र और बीदर, कर्नाटक में पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किए हैं ताकि योजना की विस्तार की दिशा में कार्य किया जा सके। ऐसे पायलट प्रोजेक्ट्स से योजना की कार्यक्षमता और चुनौतियों का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी, जिससे आने वाले समय में इसका सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।

आयुष्मान भारत योजना का यह विस्तार देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल बुजुर्गों बल्कि उनके परिवारों के लिए भी आशा की किरण है। यह पहल उन परिवारों के लिए वरदान बन सकती है जो भारी भरकम चिकित्सा खर्चों का वहन करने में सक्षम नहीं होते हैं।

  • Pooja Joshi

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19 टिप्पणि

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    Dipak Moryani

    नवंबर 1, 2024 AT 09:03

    ये तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन असली सवाल ये है कि अस्पतालों में दवाइयाँ और डॉक्टर उपलब्ध होंगे या नहीं। बहुत सारे गाँवों में तो बेसिक दवाएँ भी नहीं मिलतीं।

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    Rajeev Ramesh

    नवंबर 2, 2024 AT 21:38

    यह घोषणा एक आधिकारिक रूप से स्वीकृत नीति का अनुसरण करती है, जिसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को सुदृढ़ करना है। इसके कार्यान्वयन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन केवल लंबे समय तक किया जा सकता है।

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    Vijay Kumar

    नवंबर 3, 2024 AT 09:21

    70+ को शामिल करना बहुत अच्छा है। पर क्या ये वाकई काम करेगा? या फिर ये भी एक और चुनावी वादा है?

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    Abhishek Rathore

    नवंबर 4, 2024 AT 01:10

    मुझे लगता है कि ये एक अच्छा शुरुआती कदम है। लेकिन अगर राज्य सरकारें इसे ठीक से लागू नहीं करेंगी, तो ये भी एक अच्छा नोटिस बन जाएगा।

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    Rupesh Sharma

    नवंबर 5, 2024 AT 07:09

    ये बहुत बड़ी बात है! बुजुर्गों को जो दवाएँ चाहिए, वो अब घर पर नहीं खरीदनी पड़ेगी। एक बार अस्पताल में जाना पड़ेगा, बाकी सब सरकार देगी। ये तो बहुत बड़ी राहत है।

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    Jaya Bras

    नवंबर 6, 2024 AT 08:48

    अरे यार फिर से ये वाला वादा? 70+ तो बहुत दिनों से चल रहा है... अब तक कितने बुजुर्गों को लाभ मिला? एक भी नहीं दिखता

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    Arun Sharma

    नवंबर 7, 2024 AT 06:19

    इस योजना के तहत आर्थिक लाभ के अलावा, नैतिक और नागरिक दायित्वों का भी विश्लेषण किया जाना चाहिए। जनता के लिए स्वास्थ्य एक अधिकार है, और इसका उल्लंघन राष्ट्रीय अपराध है।

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    Ravi Kant

    नवंबर 8, 2024 AT 08:21

    भारत में बुजुर्गों की देखभाल तो परिवार का काम है। लेकिन अब सरकार भी शामिल हो गई है। ये तो एक अच्छा संतुलन है।

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    Harsha kumar Geddada

    नवंबर 8, 2024 AT 12:18

    यह योजना केवल एक बुनियादी ढांचा है। वास्तविक समस्या तो ये है कि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली अभी भी एक अर्ध-अनुशासित, अर्ध-अस्थायी, अर्ध-कार्यान्वित व्यवस्था है। एक बार जब आप डॉक्टर के पास पहुँच जाते हैं, तो आपको अपने लिए खाना लाना पड़ता है, और बिना बिल के दवाएँ नहीं मिलतीं। इसलिए यह योजना अभी भी एक आदर्श है, न कि एक वास्तविकता।

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    sachin gupta

    नवंबर 8, 2024 AT 18:38

    ये तो बहुत बेसिक बात है। दुनिया के कई देशों में तो 60+ से ही सब कुछ फ्री है। हम अभी भी 70+ को शामिल कर रहे हैं? अरे भाई, थोड़ा आगे बढ़ो।

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    Shivakumar Kumar

    नवंबर 9, 2024 AT 13:35

    इस योजना का मतलब है कि एक गरीब बुजुर्ग अब अपने बेटे-बेटी के ऊपर निर्भर नहीं रहेगा। ये तो बहुत बड़ी बात है। अब वो अपनी आज़ादी बरकरार रख सकते हैं। जिन्हें बच्चे नहीं हैं, उनके लिए तो ये जिंदगी बचाने वाला निर्णय है।

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    saikiran bandari

    नवंबर 9, 2024 AT 16:55

    फिर से ये वाला विस्तार बस नोटिस पर लिखो और भूल जाओ

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    Rashmi Naik

    नवंबर 11, 2024 AT 07:55

    ये एक UHC फ्रेमवर्क नहीं है बल्कि एक डिजिटल डेटा कलेक्शन प्रोजेक्ट है जिसमें ब्लूप्रिंट्स बनाए जा रहे हैं जो ऑपरेशनल रियलिटी में ट्रांसलेट नहीं हो पा रहे हैं

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    Vishakha Shelar

    नवंबर 13, 2024 AT 00:57

    मैंने अपने दादा को ले जाया था... अस्पताल में बैठे बैठे 8 घंटे बीत गए... फिर भी कुछ नहीं मिला 😭

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    Ayush Sharma

    नवंबर 13, 2024 AT 21:48

    इस योजना के कार्यान्वयन में राज्य सरकारों की भूमिका को अत्यधिक महत्व देना चाहिए। अगर वे इसे अनदेखा करते हैं, तो यह केवल एक आधिकारिक घोषणा बन जाएगी।

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    charan j

    नवंबर 15, 2024 AT 12:18

    बस नोटिस लगा दिया अब भूल जाओ

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    Kotni Sachin

    नवंबर 15, 2024 AT 21:08

    यह एक बहुत बड़ा कदम है, लेकिन इसके लिए हमें गाँवों में डॉक्टरों की भर्ती करनी होगी, दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी, और लोगों को इसके बारे में जागरूक करना होगा। ये सब करना होगा।

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    Nathan Allano

    नवंबर 16, 2024 AT 06:59

    मेरे दादा को एक बार हृदयाघात हुआ था। हमने 50 हजार खर्च किए थे। अगर ये योजना तब होती, तो हमारा दिल भी आराम कर पाता। ये बहुत अच्छी बात है। अब बस ये देखना है कि ये गाँवों तक कैसे पहुँचती है।

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    Guru s20

    नवंबर 16, 2024 AT 21:40

    मैं इस योजना का समर्थन करता हूँ। अगर हम सभी मिलकर इसे सफल बनाएँ, तो ये भारत के लिए एक नया इतिहास लिखेगा।

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