प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे श्रीनगर में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे श्रीनगर में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीनगर दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्रीनगर का दौरा करेंगे, जो उनके तीसरे लगातार कार्यकाल में जम्मू और कश्मीर की यात्रा का पहला अवसर होगा। योग दिवस का यह कार्यक्रम दो दिवसीय दौरे का हिस्सा होगा, जिसमें पीएम मोदी श्रीनगर और अन्य क्षेत्रों का दौरा करेंगे।

इस वर्ष के योग दिवस का थीम 'स्वयं और समाज के लिए योग' रखा गया है, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य में योग के महत्त्व को उजागर करता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी बढ़ाना और ग्रामीण क्षेत्रों में योग को बढ़ावा देना है।

योग का स्वास्थ्य और समाज पर प्रभाव

योग भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी सुदृढ़ करता है। पिछले कुछ वर्षों में, योग ने पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल की है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्राचीन अभ्यास को एक नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

योग के माध्यम से, बड़ी संख्या में लोगों ने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देखे हैं। योग के नियमित अभ्यास से व्यक्तियों का मानसिक तनाव कम होता है, शरीर का लचीलापन बढ़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। समाज के लिए भी यह अत्यंत फायदेमंद है क्योंकि यह सामूहिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और समुदायों में आपसी मेलजोल और सुदृढ़ता बढ़ाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में योग का प्रचार-प्रसार

ग्रामीण क्षेत्रों में योग का प्रचार-प्रसार

इस वर्ष के योग दिवस की एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में योग के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी होती है और योग जैसे सरल और सुलभ उपायों से वहाँ के लोगों को बहुत लाभ हो सकता है।

सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में योग शिविरों और कार्यशालाओं का आयोजन करने की योजना बनाई है। इसके तहत विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को भेजा जाएगा जो ग्रामीणों को योग की विभिन्न मुद्राएँ और उनके फायदे बताने के साथ-साथ उन्हें नियमित योग अभ्यास के लिए प्रेरित करेंगे।

पीएम मोदी का योग के प्रति समर्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को एक वैश्विक उत्सव के रूप में मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2014 में शुरू किए गए इस उत्सव ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में लोगों के जीवन में योग को प्रोत्साहित करने का काम किया है।

मोदी जी के नेतृत्व में योग मोहत्सव एक सामूहिक उत्सव बन गया है, जो न केवल आध्यात्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि विश्व मंच पर भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण पहलू को भी प्रस्तुत करता है। इस बार का समारोह, खासकर जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में आयोजित होने के कारण, और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

विश्व स्तर पर योग की मान्यता

विश्व स्तर पर योग की मान्यता

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विचार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2014 में पारित किया गया था और तब से ही इसका वैश्विक उत्सव प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जा रहा है। इस दिवस का उद्देश्य योग की व्यापक पहचान और उसके लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि योग केवल शरीर का व्यायाम नहीं है, बल्कि यह आत्मा और मस्तिष्क का संतुलन स्थापित करने का एक साधन है। पीएम मोदी ने कहा है कि योग का अभ्यास तनाव को कम करता है, चिंताओं को दूर करता है और आम लोगों के जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बनाता है।

संवेदनशीलता और सौहार्द्र बढ़ाने में योग का महत्त्व

जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में योग दिवस का आयोजन करना इस बात का संकेत है कि योग स्वास्थ्य और शांति के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम से स्थानीय समुदायों में एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता फैलाने का प्रयास किया जाएगा।

योग के माध्यम से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी सुधारने का अवसर मिलता है। यह सामुदायिक शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण साधन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस कार्यक्रम का नेतृत्व करना इस बात का प्रमाण है कि योग भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है और यह समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीनगर दौरा और इस कार्यक्रम का नेतृत्व करना सत्य ही एक ऐतिहासिक कदम है। इसका उद्देश्य न केवल योग के स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। यह योग दिवस विभिन्न आयोजनों और कार्यशालाओं के माध्यम से समुदाय में एक नई जागरुकता और सामूहिकता का संचार करेगा।

  • Pooja Joshi

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6 टिप्पणि

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    Vijay Kumar

    जून 23, 2024 AT 11:40
    योग बस एक व्यायाम नहीं, ये तो जीवन का एक तरीका है। शरीर का संतुलन, मन का शांति, आत्मा का अनुभव - सब एक साथ। इसे बस फिटनेस के नाम पर नहीं देखना चाहिए।
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    Ayush Sharma

    जून 24, 2024 AT 23:48
    इतना बड़ा आयोजन श्रीनगर में... अच्छा हुआ। अब तक योग का जिक्र तो बड़े शहरों में ही होता था। गाँवों में भी लोग इसे अपना रहे हैं, बस किसी को पता नहीं।
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    charan j

    जून 26, 2024 AT 20:55
    फिर से योग का धमाका। जब तक दवाइयां बेची जा रही हैं तब तक योग को बढ़ावा दिया जाएगा। लेकिन अच्छा है अगर लोग बेहतर हो जाएं
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    Kotni Sachin

    जून 28, 2024 AT 07:56
    योग का अर्थ केवल आसनों तक ही सीमित नहीं है, यह तो एक जीवन दर्शन है! जब हम अपने शरीर को समझते हैं, तो हम अपने मन को भी समझने लगते हैं! और जब हम अपने मन को समझ लेते हैं, तो हम समाज को भी बेहतर बनाने लगते हैं! यही तो असली बदलाव है! और इसे गाँवों तक पहुंचाना... ये तो वाकई बहुत बड़ी बात है!
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    Nathan Allano

    जून 29, 2024 AT 00:08
    मैं एक गाँव से हूँ, और हमारे यहाँ योग अभ्यास करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है... खासकर महिलाएं और बुजुर्ग। योग से दर्द कम हुआ, नींद बेहतर हुई, और घर में बहस कम हुई। ये सिर्फ एक व्यायाम नहीं, ये तो एक बदलाव है।
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    Guru s20

    जून 29, 2024 AT 10:10
    योग तो एक ऐसा ज्ञान है जिसे हर कोई बांट सकता है। कोई भी नहीं रोक सकता। अगर ये श्रीनगर में हो रहा है, तो ये बहुत बड़ा संदेश है। शांति का संदेश।

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