रवि किशन की खुशी
अभिनेता और राजनेता रवि किशन ने 'लापता लेडीज' फिल्म की ऑस्कर्स 2025 के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि बनने पर अपनी खुशी व्यक्त की है। रवि किशन ने इसे उनके जीवन का महत्वपूर्ण पल बताया और फिल्म के निर्देशक किरण राव और निर्माता आमिर खान को इसके लिए विशेष धन्यवाद दिया।
फिल्म की कहानी और संदेश
'लापता लेडीज' एक उत्कृष्ट सटायर फिल्म है, जिसमें महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया गया है। फिल्म की कहानी ग्रामीण भारत पर आधारित है और इसका संदेश समाज को जागृत करने वाला है। रवि किशन ने फिल्म में एक चतुर पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार निभाया है, जिसकी परफॉर्मेंस ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
कास्ट और क्रू की मेहनत
रवि किशन ने कहा कि फिल्म की सफलता का श्रेय पूरी टीम को जाता है। फिल्म की शूटिंग से लेकर उसकी रिलीज तक सभी ने पूरी मेहनत की है। निर्देशन से लेकर अभिनय तक हर क्षेत्र में उत्कृष्ट काम किया गया है। यह फिल्म किरण राव और आमिर खान की जोड़ी का एक और शानदार उदाहरण है।
फिल्म का सामाजिक प्रभाव
'लापता लेडीज' ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर बल्कि समाज पर भी गहरा प्रभाव डाला है। फिल्म को सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी दिखाया गया था ताकि कर्मचारियों में जेंडर अवेयरनेस बढ़ सके।
कामयाबी की राह
फिल्म का प्रदर्शन 1 मार्च को सिनेमाघरों में हुआ, जिसके बाद यह नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई और लोकप्रियता हासिल की।
अवार्ड्स की दौड़ में शामिल
फिल्म का चयन एक 13 सदस्यीय समिति द्वारा किया गया था, जिसमें असम के निर्देशक जहानु बरुआ भी शामिल थे। समिति ने फिल्म की अनोखी कहानी और इसके सामर्थ्य को देखते हुए इसे चुना।
आने वाले दिनों की तैयारी
अकादमी पुरस्कार समारोह 2 मार्च 2025 को आयोजित होने वाला है, जबकि नॉमिनेशंस की घोषणा 17 जनवरी 2025 को की जाएगी। रवि किशन का कहना है कि इस उपलब्धि ने टीम को और भी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है।
टैक्स-फ्री और वाइडर रिलीज की मांग
रवि किशन ने यह भी बताया कि इस फिल्म को टैक्स-फ्री और वाइडर थिएट्रिकल रिलीज मिलनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें और इसका सामाजिक संदेश प्रसारित हो सके।
अभी तक 'लापता लेडीज' ने जिस प्रकार लोगों के दिलों और दिमागों पर अपनी छाप छोड़ी है, उससे यह साफ़ होता है कि फिल्म का भविष्य उज्ज्वल है और ऑस्कर्स में भी इसे अच्छी मान्यता मिल सकती है।
फिल्म इंडस्ट्री में प्रभाव
'लापता लेडीज' की सफलता ने न केवल रवि किशन और टीम के अन्य सदस्यों को, बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री को भी प्रेरित किया है। यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक माइलस्टोन साबित हो सकती है, जो अन्य फ़िल्म निर्माताओं को भी ऐसी ही विचारशील फिल्में बनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
द्वारा लिखित सुमेधा चौहान
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