Azim Premji Foundation – शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन की धुरी
जब बात Azim Premji Foundation, एक गैर‑लाभकारी संस्था है जो शिक्षा के माध्यम से भारत में असमानताएँ कम करने पर केंद्रित है, और इसे अक्सर APF कहा जाता है की, तो सोचते हैं कि यह सिर्फ फंडिंग नहीं, बल्कि स्थायी परिवर्तन का एक एंजिन है। इस फाउंडेशन की प्रमुख ताकत उसके तीन मुख्य स्तम्भों में निहित है – शिक्षा सुधार, पाठ्यक्रम उन्नयन, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, सामाजिक परिवर्तन, समुदाय के साथ साझेदारी, लैंगिक समानता और ग्रामीण विकास के पहल और Wipro, फाउंडेशन का मुख्य कॉरपोरेट स्पॉन्सर, जो फंड, तकनीकी समर्थन और स्वैच्छिक नेटवर्क प्रदान करता है। इन तीनों के बीच सीधा संबंध है: शिक्षा सुधार सामाजिक परिवर्तन को तेज़ करता है, और Wipro की CSR पहल फाउंडेशन के मिशन को साकार करती है।
कहानी को समझने के लिए कुछ ठोस आंकड़े मददगार हैं। 2022‑23 में फाउंडेशन ने लगभग 1.5 अर्ब रुपये सीधे वर्गीकृत स्कूलों में निवेश किए, जिससे 10 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षण मिला और 500 से अधिक स्कूलों की बुनियादी सुविधाएँ सुधरीं। इस निवेश का परिणाम यह दिखा कि उन स्कूलों में छात्रों के परीक्षा स्कोर में औसत 12‑15% की वृद्धि हुई, जबकि स्कूल ड्रॉप‑आउट रेट में 8% की गिरावट आई। यही डेटा इस बात को प्रमाणित करता है कि Azim Premji Foundation का दान सिर्फ पैसे नहीं, बल्कि मापने योग्य शैक्षिक सुधार है।
मुख्य पहल और उनका प्रभाव
फाउंडेशन की flagship programmes में “Education Transformation Initiative” सबसे प्रमुख है। इस प्रोग्राम में तीन स्तर की कार्रवाई होती है: (1) पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय मानकों के साथ संरेखित करना, (2) शिक्षक को डिजिटल टूल्स और सिखाने के नवीनतम तरीकों से लैस करना, और (3) स्थानीय समुदाय को शिक्षा के मूल्य को समझाने के लिए वार्षिक जागरूकता अभियान चलाना। इन तीनों चरणों के बीच का तालमेल यही दर्शाता है कि शिक्षा सुधार सिर्फ कक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे सामाजिक ताने‑बाने को बदलता है।
दूसरी ओर, “Social Impact Labs” नामक पहलकदमियों में फाउंडेशन ने ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन लैब्स में महिलाएँ उद्यमिता कौशल, डिजिटल साक्षरता और स्वास्थ्य जागरूकता सीखती हैं। परिणामस्वरूप, 2023 में इन लैब्स के आउटपुट के आधार पर 2,300 से अधिक महिलाएँ स्वरोजगार शुरू कर सकीं, जिससे उनके घरों की आय में औसत 25% की वृद्धि हुई। यह उदाहरण साफ़ दिखाता है कि सामाजिक परिवर्तन शिक्षा से ही उत्पन्न होता है, क्योंकि शिक्षित महिलाएँ बेहतर निर्णय लेती हैं और समुदाय में सकारात्मक भूमिका निभाती हैं।
Wipro की भूमिका को समझना भी उतना ही जरूरी है। कंपनी ने अपने CSR बजट का लगभग 30% Azim Premji Foundation को आवंटित किया है, जिससे फाउंडेशन को न केवल वित्तीय स्थिरता मिली, बल्कि तकनीकी सहयोग भी मिला। Wipro के “Digital Classroom” प्लेटफ़ॉर्म से सैकड़ों स्कूलों में ऑनलाइन सीखने की सुविधा पहुँची, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी की खाई घट गई। यह साझेदारी इस बात का प्रमाण है कि Wipro का सहयोग फाउंडेशन की रणनीति को गति देता है और व्यापक प्रभाव पैदा करता है।
इन सभी पहलुओं को जोड़ते हुए हम एक स्पष्ट तस्वीर देखते हैं: Azim Premji Foundation ने शिक्षा सुधार, सामाजिक परिवर्तन और कॉरपोरेट सहयोग को एक लूप में बदला है, जिससे प्रत्येक घटक दूसरे को सुदृढ़ करता है। अगर आप इस टैग पेज पर आगे पढ़ेंगे, तो आपको विभिन्न लेखों में दिखेगा कि कैसे इस फाउंडेशन की विभिन्न परियोजनाएँ वास्तविक जीवन में काम कर रही हैं—चाहे वह स्कूलों में नई पढ़ाने की विधियाँ हों, या ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण के केस स्टडीज। इस संग्रह में आप देखेंगे कि फाउंडेशन की नीति कैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के साथ तालमेल रखती है, और कैसे इसे व्यावहारिक रूप में लागू किया जा रहा है। अब आइए देखें कि इस बड़े अभियान के किन‑किन पहलुओं को हमारे लेखों में विस्तार से कवर किया गया है।
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