बोनस शेयर क्या है? आसान समझ और नई जानकारी
अगर आपने कभी स्टॉक मार्केट के समाचार देखे हैं तो "बोनस शेयर" शब्द आपको कई बार मिला होगा। मूल रूप से बोनस शेयर कंपनी की ओर से मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में दिया जाने वाला अतिरिक्त शेयर होता है। इसका मतलब ये नहीं कि आपके खाते में पैसे आ गए, बल्कि आपका शेयरों का कुल संख्या बढ़ गई।
कंपनी यह कदम इसलिए उठाती है क्योंकि उनके पास लाभांश देने के बजाय पूंजी को बढ़ाना आसान लगता है या फिर शेयर कीमत घटने पर निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश करती है। इस प्रक्रिया में कंपनी को कोई अतिरिक्त नकद खर्च नहीं करना पड़ता, बस बुक वैल्यू (शेयरों का मूल्य) से शेयरों की संख्या बढ़ाई जाती है।
बोनस शेयर के प्रकार और कैसे काम करता है
आमतौर पर बोनस शेयर दो तरह के होते हैं: फुल बोनस जहाँ हर एक मौजूदा शेयरधारक को 1:1 या 2:1 आदि अनुपात में अतिरिक्त शेयर मिलता है, और इंशियल बोनस जिसमें अनुपात छोटा होता है जैसे 1:5। कंपनी पहले अपने बुक वैल्यू को देखती है – अगर प्रति शेयर कीमत ₹10 है तो वह 10 शेयरों के बदले एक बोनस शेयर दे सकती है।
जब बोनस जारी किया जाता है, स्टॉक एक्सचेंज पर उसकी कीमत तुरंत कम हो जाती है क्योंकि अब कुल शेयर अधिक हैं, लेकिन आपका निवेशित राशि वही रहती है। इसलिए दीर्घकालिक निवेशकों को अक्सर यह अच्छा लगता है – वे बिना अतिरिक्त पैसे के अपने पोर्टफोलियो का आकार बढ़ा लेते हैं.
कौन सी कंपनियों ने हाल में बोनस जारी किया?
पिछले कुछ महीनों में कई बड़े नामों ने बोनस शेयर की घोषणा की। उदाहरण के तौर पर, ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी शेयर कीमत गिरने के बाद निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए बोनस योजना का इशारा दिया था, जिससे बाजार में हलचल बनी रही। इसी तरह, Kotak Mahindra Bank ने पिछले साल तिमाही परिणामों के बाद बोनस शेयर की घोषणा करके अपने शेयरधारकों को समर्थन दिखाया। इन केसों से पता चलता है कि बोनस सिर्फ छोटी कंपनियों तक सीमित नहीं, बड़े कॉरपोरेशन भी इसे रणनीतिक टूल मानते हैं.
यदि आप किसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं तो बोनस के बारे में जानकारी रखना फायदेमंद रहेगा। कंपनी की आधिकारिक घोषणा, एक्स-डिविडेंड डेट और रजिस्ट्रेशन डेट को नोट करें – ये दिन तय करते हैं कि कौन बोनस पाने का हक़दार है.
बोनस शेयर की प्रक्रिया कुछ आसान कदमों से पूरी होती है:
- कंपनी बोर्ड मीटिंग में बोनस घोषणा।
- शेयरधारकों को नोटिस और एक्स-डिविडेंड डेट का निर्धारण।
- रजिस्ट्रेशन डेट तक शेयरधारकों की सूची तैयार करना.
- बोनस शेयर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में स्वचालित रूप से जोड़ दिया जाता है.
ध्यान रखें, बोनस शेयर मिलने के बाद आपको टैक्स नहीं देना पड़ता जब तक आप उन्हें बेचते नहीं। लेकिन जब आप इन्हें बेचेगा तो पूंजीगत लाभ कर लागू होगा, इसलिए खरीद‑बिक्री की टाइमिंग समझदारी से चुनें.
सार में कहें तो बोनस शेयर आपके निवेश को बिना अतिरिक्त खर्च के बढ़ाने का आसान तरीका है। यह कंपनी की वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर भी संकेत देता है। यदि आप स्टॉक्स में लम्बे समय तक रहना चाहते हैं, तो बोनस घोषणाओं को फॉलो करिए, समझदारी से निर्णय लेइए और अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बनाइए.
Ashok Leyland ने किया 1:1 बोनस शेयर का ऐलान, निवेशकों की चांदी

Ashok Leyland ने Q4 FY25 नतीजों के साथ 1:1 बोनस शेयर जारी किया है। 16 जुलाई 2025 तक शेयर रखने वाले निवेशकों को यह फायदा मिलेगा। कंपनी ने 293.65 करोड़ बोनस शेयर बांटे हैं। साथ ही ₹1.56 प्रति शेयर डिविडेंड भी घोषित किया गया है। इससे निवेशकों की शेयर संख्या दोगुनी हो गई है।
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