डिविडेंड क्या है? सरल समझ और ताज़ा ख़बर
जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो साल‑भर कंपनी का मुनाफ़ा दो हिस्सों में बाँटा जाता है – एक हिस्सा फिर से व्यापार में लगाया जाता है और दूसरा हिस्सा आपको नकद या अतिरिक्त शेयर के रूप में दिया जाता है. इसे ही डिविडेंड कहते हैं. अगर आप पहली बार सुन रहे हैं तो चिंता मत करें, ये बिलकुल वही है जो आपका बचत खाता पर ब्याज देता है, बस अलग नाम से.
डिविडेंड कैसे काम करता है?
हर कंपनी साल‑अंत में अपने मुनाफ़े का एक हिस्सा तय करती है कि शेयरधारकों को देगा या नहीं. यह फैसला बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स लेते हैं और फिर शेयरधारकों की मीटिंग में वोट किया जाता है. अगर हाँ, तो कंपनी एक तारीख चुनती है – डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट. इस दिन के बाद खरीद‑बेच करने वाले लोगों को डिविडेंड नहीं मिलता; सिर्फ उस तारीख से पहले शेयर रखने वालों को मिलेगा.
डिविडेंड की दो मुख्य चीज़ें होती हैं: परसेंटेज़ (यील्ड) और पेमेंट डेट. यील्ड बताता है कि आप अपने निवेश पर कितना रिटर्न ले रहे हैं, जबकि पेमेंट डेट वह दिन होता है जब पैसे आपके खाते में पहुंचते हैं.
ताज़ा डिविडेंड खबरें
अभी हाल ही में कई बड़ी कंपनियों ने अपना डिविडेंड घोषित किया है. उदाहरण के तौर पर, Kotak Mahindra Bank ने अपने Q1 रिजल्ट में बताया कि मुनाफ़ा कम रहने के कारण डिविडेंड घटाया गया, लेकिन फिर भी शेयरधारकों को कुछ नकद दिया गया.
इसी तरह, कई बड़े इंडेक्स जैसे NSE और BSE पर ट्रेडिंग हॉलिडे की वजह से डिविडेंड डेट बदल सकती है. अगर आप महावीर जयंति जैसी छुट्टियों के दौरान शेयर रखते हैं तो आपका डिविडेंड टाइमलाइन भी थोड़ी अलग हो सकती है.
डिविडेंड निवेशकों को दो फायदा देता है: एक तो नियमित आय, और दूसरा – कंपनी का स्वास्थ्य दिखाने वाला संकेत. अगर कोई कंपनी लगातार डिविडेंड देती रहती है, तो आमतौर पर इसका मतलब है कि उसके पास स्थिर कॅश फ्लो है.
ध्यान रखें, हर कंपनी डिविडेंड नहीं देती. कुछ टेक कंपनियां अपने मुनाफे को रिसर्च और विकास में लगा देती हैं, इसलिए उनका यील्ड कम या न के बराबर हो सकता है. इस बात का ध्यान रखिए कि आप किस प्रकार की कंपनियों में निवेश कर रहे हैं – क्या आप आय चाहते हैं या दीर्घकालिक ग्रोथ?
अगर आप अभी शेयर खरीदने वाले हैं, तो डिविडेंड डेट और पेमेंट डेट को कैलेंडर में नोट कर लें. इससे आपको पता रहेगा कि कब तक शेयर पकड़ना है ताकि आप अपना पूरा लाभ ले सकें.
अंत में एक छोटी टिप: जब आप कई कंपनियों का पोर्टफ़ोलियो बनाते हैं, तो डिविडेंड यील्ड वाले स्टॉक्स को मिश्रित रखें. इस तरह आपको नियमित आय मिलती रहेगी और साथ‑साथ मार्केट के उतार‑चढ़ाव से भी सुरक्षा मिलेगी.
डिविडेंड समझना मुश्किल नहीं है – बस यह जानें कि आप कब शेयर रखेंगे, कौन सी कंपनी कितना देगा और किस तारीख को पैसा आपके पास आएगा. यही सब जानकारी आपको बेहतर निवेश निर्णय लेने में मदद करेगी.
Ashok Leyland ने किया 1:1 बोनस शेयर का ऐलान, निवेशकों की चांदी

Ashok Leyland ने Q4 FY25 नतीजों के साथ 1:1 बोनस शेयर जारी किया है। 16 जुलाई 2025 तक शेयर रखने वाले निवेशकों को यह फायदा मिलेगा। कंपनी ने 293.65 करोड़ बोनस शेयर बांटे हैं। साथ ही ₹1.56 प्रति शेयर डिविडेंड भी घोषित किया गया है। इससे निवेशकों की शेयर संख्या दोगुनी हो गई है।
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