ईद-अल-अज़हा क्या है? जानिए उसके महत्त्व और रिवाज़
ईद‑अल‑अज़हा हर मुस्लिम के लिए खास दिन होता है। इस दिन नबी इब्राहिम (अ.स.) की वह कहानी याद आती है जब उन्होंने अल्लाह की आज्ञा पर अपने बेटे को कुर्बान करने का इरादा किया था, लेकिन भगवान ने एक मेमना भेज दिया। इसी कारण हम बलि‑जाती के रूप में जानवरों की कतली करते हैं और दान‑पुण्य जमा करते हैं।
ईद‑अल‑अज़हा की रीति‑रिवाज़
सबसे पहले सुबह जल्दी नमाज अदा की जाती है, जिसमें दो रकात तख़्ती पर पढ़ी जाती है और फिर खुर्फ़ा (भेड़/बकरी) का बलिदान किया जाता है। बचे हुए मांस को तीन हिस्सों में बाँटा जाता है – एक खुदा के लिए, एक गरीबों के लिये और तीसरा अपने परिवार के साथ बांटते हैं। इस तरह मदद‑सहयोग की भावना बढ़ती है।
अगर आप पहली बार ईद मनाते हैं तो ध्यान रखें कि जानवर को दर्द‑रहित तरीके से मारें और वैध जाँच करवाएँ। कई शहरों में आधिकारिक कुर्बानी स्थलों पर ही यह प्रक्रिया होती है, जिससे सुरक्षा भी बनी रहती है।
आज की ख़बरों में ईद‑अल‑अज़हा
इस साल भारत के कई हिस्सों में ईद‑अल‑अज़हा से जुड़ी खबरें तेज़ी से आ रही हैं। कुछ राज्यों ने सार्वजनिक छुट्टियों की घोषणा कर दी, जबकि दूसरे में ट्रैफ़िक और सुरक्षा उपायों को बढ़ाया गया है। दिल्ली में विशेष पेट्रोल पंप खोलने का आदेश दिया गया ताकि लोग बिना किसी झंझट के अपना सामान खरीद सकें।
उत्पादकों ने ईद‑अल‑अज़हा के लिए नई पैकेजिंग और प्री‑ऑर्डर सुविधा शुरू की है, जिससे घर बैठे ही कुर्बानी का सामान मिल सके। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म भी तेज़ डिलीवरी पर काम कर रहे हैं, इसलिए देर न करें।
कई देशों में इस ईद को विशेष कार्यक्रमों के साथ मनाया जा रहा है – मक्का और मदीना में बड़ी प्रार्थनाएँ, दुबई में लाइट शो, और कतर में सांस्कृतिक मेले। इन सबकी लाइव स्ट्रीम अल्का समाचार पर उपलब्ध होगी, ताकि आप कहीं से भी देख सकें।
अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं तो पहले से टिकट और आवास बुक कर लें। कई एयरलाइन ने ईद‑अल‑अज़हा के लिये विशेष छूट दी है, लेकिन सीटें जल्दी भर जाती हैं।
ध्यान रखें कि इस अवसर पर सोशल मीडिया पर भी बहुत सारी अफवाहें फैलती हैं – झूठी दवा, नकली कुर्बानी प्रमाणपत्र आदि. हमेशा भरोसेमंद स्रोतों से ही जानकारी लें और अल्का समाचार के अपडेट फॉलो करें।
ईद‑अल‑अज़हा सिर्फ बलि नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है – जरूरतमंदों को मदद करना, भाई‑चारे को बढ़ावा देना और एकता की भावना रखना। इस साल इसे अपने जीवन में भी उतारें।
बकरीद 2024: ईद-उल-अज़हा के नियम, शर्तें, तथ्य और इस्लाम में महत्त्व

बकरीद या ईद-उल-अज़हा इस्लाम के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो इस्लामी महीने जु अल-हिज्जा की 10वीं तारीख को मनाया जाता है। 2024 में यह सोमवार, 17 जून को पड़ेगा। इस दिन कुर्बानी का महत्व होता है, जो आस्था का एक महत्वपूर्ण कृत्य माना जाता है। कुर्बानी के लिए जानवर की उम्र और स्वास्थ्य, कुर्बानी की दिशा, और मांस का वितरण आदि विशेष नियम और शर्तें हैं।
और जानकारी