मेडिकल परीक्षा – क्या करना चाहिए और क्यों ज़रूरी है?
हर साल कई लोग अपनी सेहत की जाँच नहीं कराते, जबकि एक छोटी सी जांच बड़ी बीमारी को पहले ही पकड़ सकती है। मेडिकल परीक्षा सिर्फ डॉक्टर के पास जाना नहीं, बल्कि सही टेस्ट चुनना और सही समय पर करवाना है। इस लेख में हम बताएँगे कौन‑से बेसिक टेस्ट हर व्यक्ति को लेना चाहिए और तैयारी के आसान कदम क्या हैं।
कौन से टेस्ट ज़रूरी हैं?
पहले तो यह समझें कि सभी टेस्ट एक ही नहीं होते। आपके उम्र, लिंग और जीवनशैली के हिसाब से अलग‑अलग जरूरतें होती हैं। नीचे कुछ आम टेस्ट दिए गये हैं जो अधिकांश लोगों को कम से कम साल में एक बार करवाने चाहिए:
- ब्लड शुगर (FBS / PP) – डायबिटीज़ की शुरुआती पहचान के लिए।
- कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC) – एनीमिया, इन्फेक्शन या खून में किसी कमी का पता चलता है।
- Lipid Profile – कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की जाँच, हृदय रोग के जोखिम को समझने में मदद करता है।
- लिवर फ़ंक्शन टेस्ट (LFT) और किडनी फ़ंक्शन टेस्ट (KFT) – लिवर या किडनी की स्थिति जानने के लिए आवश्यक हैं.
- थायरॉइड प्रोफाइल – थायरॉइड डिसऑर्डर्स अक्सर बिना लक्षणों के चलते हैं, इसलिए नियमित जाँच जरूरी है।
अगर आप 30 साल से कम उम्र में हैं और कोई खास जोखिम नहीं है तो ऊपर बताए गये पाँच टेस्ट पर्याप्त होंगे। 40 साल या उससे अधिक आयु वाले, धूम्रपान करने वाले, मोटापे का शिकार या परिवार में रोग इतिहास वाला व्यक्ति अतिरिक्त जाँच जैसे कि हृदय इको कार्डियोग्राम, प्रोस्टेट‑स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) आदि ले सकता है।
टेस्ट की तैयारी कैसे करें?
टेस्ट करवाने से पहले छोटी‑छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए, वरना रिपोर्ट सही नहीं आती और फिर दोबारा टेस्ट करना पड़ता है। यहाँ कुछ आसान टिप्स हैं:
- खाली पेट – ब्लड शुगर और लिपिड प्रोफ़ाइल के लिए आम तौर पर 8‑10 घंटे का उपवास जरूरी होता है। पानी पीना ठीक रहता है, लेकिन कोई चाय या कॉफ़ी नहीं।
- दवाइयों की जानकारी – यदि आप नियमित दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर को बताएं। कुछ दवाएँ टेस्ट परिणाम को बदल सकती हैं; जैसे कि एंटी‑हायपरटेंशन दवाएँ या स्टैटोन्स.
- सही समय चुनें – सुबह के पहले दो घंटे में रक्त का नमूना लेना बेहतर माना जाता है, क्योंकि दिन भर की गतिविधियों से परिणाम बदल सकते हैं।
- आराम रखें – टेस्ट से एक घंटा पहले भारी व्यायाम नहीं करना चाहिए; इससे हॉर्मोन स्तर और ब्लड प्रेशर में बदलाव आ सकता है.
टेस्ट करवाने के बाद रिपोर्ट मिलने तक धैर्य रखें। अधिकांश लैब 24‑48 घंटे में परिणाम भेज देती हैं, जबकि कुछ जटिल टेस्ट को एक हफ्ता लग सकता है। जब आपको रिपोर्ट मिले, तो डॉक्टर से मिलकर हर मानक का मतलब समझें – खुद से इंटरनेट पर खोजने की कोशिश न करें, क्योंकि वही अक्सर भ्रमित करता है.
एक बात और: अगर आपका खर्चा सीमित है, तो सरकारी या सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में फ्री हेल्थ चेकअप के विकल्प देखें। कई बार ये केंद्र बेसिक टेस्ट मुफ्त या बहुत कम शुल्क पर प्रदान करते हैं। यह तरीका खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए उपयोगी है.
संक्षेप में, मेडिकल परीक्षा एक साधारण लेकिन प्रभावशाली कदम है जो आपके भविष्य को सुरक्षित रख सकता है। सही टेस्ट चुनें, तैयारी का पालन करें और परिणामों को समझने के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें। अपनी सेहत की जिम्मेदारी अब आप ही उठाएँ – यही असली स्वास्थ्य जागरूकता है.
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