दिल्ली कोर्ट ने बढ़ाई केजरीवाल की न्यायिक हिरासत
दिल्ली की विशेष अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 20 अगस्त तक बढ़ा दिया है। यह फैसला 8 अगस्त 2024 को लिया गया, जब केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। मुख्य न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने यह फैसला सुनाया। सीबीआई की ओर से दर्ज इस मामले में अदालत ने पहले ही केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता करार दिया था।
शराब घोटाला: क्या है मामला?
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक कथित शराब घोटाले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की। आरोप था कि दिल्ली की नई शराब नीति के तहत कुछ अवैध वित्तीय लेन-देन हुए थे, जिनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी नाम शामिल है। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि केजरीवाल ने न केवल इस घोटाले में मुख्य भूमिका निभाई बल्कि साक्ष्य मिटाने और गवाहों को प्रभावित करने की भी कोशिश की।
लंबी न्यायिक प्रक्रिया, कई गिरफ्तारियां
अरविंद केजरीवाल को सबसे पहले सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। उस समय वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्डरिंग मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे। 21 मार्च को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था और सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को उन्हें अंतरिम जमानत भी दी थी। हालांकि, सीबीआई के मामले में उन्हें अभी भी तिहाड़ जेल में रखा गया है क्योंकि वे जमानत बॉन्ड भरने में नाकाम रहे।
आरोप पत्र और न्यायिक प्रक्रिया
अब अदालत संभवतः 12 अगस्त को सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए पूरक आरोप पत्र पर विचार करेगी। न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने सीबीआई की उन दलीलों को ध्यान में रखते हुए कहा था कि केजरीवाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। सीबीआई ने कहा था कि केजरीवाल मामले की जांच में रुकावट डाल सकते हैं और इससे साक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं।
विरोध की आवाजें, राजनीतिक असमंजस
केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली के राजनीतिक माहौल में हड़कंप मचा हुआ है। समर्थकों का कहना है कि यह पूरे मामले की जांच एक राजनीतिक साजिश है, जबकि विपक्ष इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कठोर कदम के रूप में देखता है। हालांकि, जमीनी सच्चाई जो भी हो, यह मामला मंत्री एवं दिल्ली सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।
आगे की संभावना
आने वाले दिनों में अदालत में सुनवाई के दौरान क्या संभावनाएं निकलकर आती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। यदि केजरीवाल दोषमुक्त साबित होते हैं, तो यह उनके और उनकी सरकार के लिए बड़ी जीत होगी। वहीं, यदि दोषी साबित होते हैं, तो यह उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ी चोट साबित हो सकती है।
सारांश
इस पूरे मामले ने दिल्ली की राजनीति को हिलाकर रख दिया है और आगे के घटनाक्रम को देखना अब सबकी नजरों का केंद्र बन चुका है। जब तक अदालत का अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक हर दिन अपने साथ नई चर्चाएं और अटकलें लेकर आएगा।
द्वारा लिखित सुमेधा चौहान
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