Category: धर्म संस्कृति
Devi Chitralekha: किशोरी संत ने बदला कथा वाचन का तरीका

हरियाणा की देवी चित्रलेखा ने कम उम्र में ही कथा वाचन में क्रांति ला दी। चार साल की उम्र में गौड़ीय वैष्णव मत में दीक्षा ली और छह साल में पहली बार सार्वजनिक प्रवचन दिया। आज वे श्रीमद भगवत कथा, भजन और गौ सेवा के लिए देश-विदेश में पहचान बना चुकी हैं। वे अविवाहित हैं और पूरी तरह भक्ति में समर्पित हैं।
और जानकारीतुलसी विवाह 2024: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व पर विस्तृत जानकारी

तुलसी विवाह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाया जाता है। 2024 में यह 13 नवंबर को मनाया जाएगा। यह त्योहार तुलसी माता और भगवान शालिग्राम, जो भगवान विष्णु का एक रूप हैं, के विवाह को दर्शाता है। इस त्योहार का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानकारी देने वाला यह लेख भक्तों के लिए मार्गदर्शिका है।
और जानकारीअगस्त 19, 2024 को दुर्लभ सुपरमून ब्लू मून: कैसे मनाएं यह अद्वितीय रात

अगस्त 19, 2024 को दुर्लभ सुपरमून ब्लू मून की घटना होगी, जब एक महीने में दो पूर्ण चंद्रमा दिखाई देंगे। सुपरमून और ब्लू मून का यह संयोग विशेष रूप से भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभवों को बढ़ा सकता है। यह समय निजी चिंतन, आध्यात्मिक प्रथाओं और इरादे सेट करने के लिए आदर्श है।
और जानकारीभारतनाट्यम की महान हस्ती यामिनी कृष्णमूर्ति का 84 वर्ष की आयु में निधन

प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में शनिवार को निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थीं। उन्होने अपना जीवन भरतनाट्यम नृत्य की रक्षा और प्रचार में समर्पित किया था। उनके निधन पर नृत्य समुदाय और उनके प्रशंसकों ने शोक व्यक्त किया है।
और जानकारीसावन सोमवार 2024 विशेष शुभकामनाएं और संदेश: भगवान शिव की आराधना के खूबसूरत पल

सावन सोमवार 2024 की शुभकामनाएं और संदेश: भगवान शिव की आराधना के लिए खास दिन, 22 जुलाई से 19 अगस्त तक चलेगा। उपवास, प्रार्थना और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा की महत्त्वपूर्ण जानकारी। यह लेख हर प्रकार की शुभकामनाएं, संदेश, और फोटो साझा करता है।
और जानकारीबकरीद 2024: ईद-उल-अज़हा के नियम, शर्तें, तथ्य और इस्लाम में महत्त्व

बकरीद या ईद-उल-अज़हा इस्लाम के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो इस्लामी महीने जु अल-हिज्जा की 10वीं तारीख को मनाया जाता है। 2024 में यह सोमवार, 17 जून को पड़ेगा। इस दिन कुर्बानी का महत्व होता है, जो आस्था का एक महत्वपूर्ण कृत्य माना जाता है। कुर्बानी के लिए जानवर की उम्र और स्वास्थ्य, कुर्बानी की दिशा, और मांस का वितरण आदि विशेष नियम और शर्तें हैं।
और जानकारीसिद्धार्थ गौतम के सजीव देवत्व की अद्भुत कहानी: गौतम बुद्ध के जीवन की खोज

गौतम बुद्ध, जिन्हें सिद्धार्थ गौतम के नाम से भी जाना जाता है, एक आध्यात्मिक नेता और दार्शनिक थे जिन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की। उन्होंने 35 वर्ष की आयु में ज्ञान प्राप्त किया और उनके उपदेश करुणा, अहिंसा और अष्टांगिक मार्ग के महत्व पर जोर देते हैं। उनके जीवन की कहानी उनकी शिक्षा की प्रासंगिकता को स्पष्ट करती है।
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