नोवाक जोकोविच ने राफेल नडाल को हराकर पेरिस ओलंपिक के तीसरे दौर में बनाई जगह

नोवाक जोकोविच ने राफेल नडाल को हराकर पेरिस ओलंपिक के तीसरे दौर में बनाई जगह

नोवाक जोकोविच ने राफेल नडाल को हराकर पेरिस ओलंपिक के तीसरे दौर में बनाई जगह

नोवाक जोकोविच ने राफेल नडाल को 2024 पेरिस ओलंपिक के पुरुष सिंगल्स के दूसरे दौर में हराकर एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की। इस मुकाबले का आयोजन रोलांड गैरोस में हुआ और यह टेनिस के दो दिग्गज खिलाड़ी, जोकोविच और नडाल के बीच 60वां मुकाबला था।

जोकोविच, जो शीर्ष वरीयता प्राप्त हैं, ने सीधे सेटों में 6-1, 6-4 से नडाल को हराया। इस जीत के साथ ही जोकोविच ने अपने और नडाल के बीच हेड-टू-हेड रिकॉर्ड को सुधार कर 31-29 कर लिया है। हालांकि, नडाल के पास रोलांड गैरोस में 8-3 के हेड-टू-हेड रिकॉर्ड का फायदा है।

पहले सेट में जोकोविच ने महत्वपूर्ण स्थिरता बनाए रखी और नडाल को एक बावजूद मजबूत खेल दिखाने के बावजूद कुछ खास मौके नहीं दिए। पहले सेट को पूरे एक पक्षीय तरीके से 6-1 से जीतने के बाद, दूसरे सेट में नडाल ने थोड़ी सी वापसी की कोशिश की। लेकिन जोकोविच ने अपनी तेज़ तर्रार और सीमित गलतियों वाली खेल शैली से दूसरे सेट को 6-4 से जीतकर मैच को अपने नाम किया।

जोकोविच लंबे समय से ओलंपिक गोल्ड मेडल के लिए प्रयासरत हैं। अब इस जीत के साथ उनके पास वह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने का सुनहरा मौका है। अगले दौर में जोकोविच का सामना या तो जर्मनी के डॉमिनिक कोएफर से होगा या इटली के मटेओ अर्नाल्डी से।

पुराने प्रतिद्वंदी, नई चुनौतियाँ

राफेल नडाल और नोवाक जोकोविच की प्रतिद्वंदिता को टेनिस इतिहास का सबसे रोचक और अविस्मरणीय प्रतिद्वंदिता माना जाता है। दोनों खिलाड़ी अब तक एक-दूसरे के खिलाफ 60 बार खेले हैं, जिसमें बराबरी का मुकाबला देखने को मिला है। नडाल ने 29 बार जीत दर्ज की है जबकि जोकोविच ने 31 बार इन मुकाबलों में बाजी मारी है।

हालांकि, नडाल ने रोलांड गैरोस में अपना प्रभुत्व बनाए रखा था, जहां उनका हेड-टू-हेड रिकॉर्ड 8-3 था। लेकिन इस बार जोकोविच ने नडाल को उसी के घर पर हराकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवा दिया।

नडाल की हालिया यात्रा

पिछले कुछ सालों में, नडाल को काफी चोटाओं का सामना करना पड़ा है। घुटने, कलाई और पीठ के साथ-साथ मांसपेशियों की चोटें भी उन्हें लगातार परेशान करती रही हैं। इसके बावजूद, नडाल ने अपने करियर में अद्वितीय धैर्य और संघर्ष की भावना दिखाई है। उनकी यह हार शायद उनकी वर्तमान चैलेंजों और समस्याओं का परिणाम हो सकती है।

फिर भी, नडाल ने पिछले मैचों में दिखाया है कि वह खेल में वापस आ सकते हैं और हमेशा की तरह मजबूत और समर्थनपूर्ण खेल प्रदर्शन कर सकते हैं। इस बार नडाल ने दूसरे सेट में आक्रामकता का प्रदर्शन किया और दर्शकों को रोमांचित किया।

जोकोविच की आगामी यात्रा

जोकोविच ने अपने करियर में तीन बार हार्ड कोर्ट ग्रैंड स्लैम जीतकर अपनी काबिलियत साबित की है और अब उनकी निगाहें ओलंपिक गोल्ड मेडल पर हैं। पिछले बार ओलंपिक में, जोकोविच ने कांस्य पदक जीता था, लेकिन इस बार वे और भी ऊंचे सपनों के साथ मैदान में उतरे हैं।

जोकोविच का अगला मुकाबला जर्मनी के डॉमिनिक कोएफर या इटली के मटेओ अर्नाल्डी के साथ होगा। दोनों खिलाड़ी क्रमशः पूरी मजबूती और उत्साही खेल शैली के लिए जाने जाते हैं। जोकोविच को अपनी जीत की धारा बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

टेनिस फैन्स की प्रतिक्रिया

इस मैच को लेकर टेनिस प्रशंसकों में बड़ी उत्सुकता थी। दोनों खिलाड़ियों के समर्थक उत्सुकता से मैच का इंतजार कर रहे थे और हर बॉल पर सांस रोके बैठे थे। सोशल मीडिया पर भी मैच के दौरान और बाद में प्रशंसकों की प्रतिक्रियाओं का तांता लगा रहा।

टेनिस के दिग्गजों ने भी इस मुकाबले के बारे में अपनी राय व्यक्त की। मस्त सतह पर खेली गई मैच ने उन्हें भी प्रभावित किया। क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी और अन्य खेलों के प्रशंसकों ने भी टेनिस की इस रोमांचक भिड़ंत का लुत्फ उठाया।

आने वाले मुकाबले

टेनिस प्रशंसकों के लिए आगे के मुकाबले भी बेहद महत्वपूर्ण होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि जोकोविच अपनी जीत का सिलसिला कैसे जारी रखते हैं और नडाल आगे के टूर्नामेंटों में कैसी वापसी करते हैं। ये दोनों खिलाड़ी जब भी कोर्ट पर मिलते हैं, तो प्रशंसकों को एक उच्च गुणवत्ता वाला खेल देखने को मिलता है।

इस प्रकार, नोवाक जोकोविच के प्रशंसक पेरिस ओलंपिक में उनके प्रदर्शन को देखने के लिए उत्सुक हैं। यह जीत उन्हें उनके करियर के सबसे बड़े गोल्ड मेडल की ओर आगे बढ़ाती है। दूसरी ओर, नडाल के प्रशंसक उन्हें खेल में और भी दमदार वापसी करते देखना चाहते हैं।

  • Pooja Joshi

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8 टिप्पणि

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    Vijay Kumar

    जुलाई 31, 2024 AT 17:37
    जोकोविच ने नडाल को हराया, लेकिन ये बस एक मैच है। इतिहास तो नडाल ने रोलांड गैरोस पर बनाया है।
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    Abhishek Rathore

    अगस्त 1, 2024 AT 02:16
    दोनों खिलाड़ी अलग-अलग तरह के जीवन जी रहे हैं। नडाल ने चोटों के बावजूद भी खेला, जोकोविच ने सिर्फ जीतने की इच्छा से। दोनों ही अद्भुत हैं।
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    Rupesh Sharma

    अगस्त 1, 2024 AT 05:53
    अगर तुम जीतना चाहते हो तो बस एक बात करो - गलतियाँ कम करो। जोकोविच ने यही किया। नडाल ने तो बस दिल से खेला, लेकिन आज का दिन जोकोविच का था।
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    Jaya Bras

    अगस्त 2, 2024 AT 13:21
    नडाल को चोट लगी है तो अब बस रिटायर हो जाओ अरे भाई! ये ओलंपिक में आना क्या था? बच्चों को दिखाने के लिए? 😒
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    Arun Sharma

    अगस्त 3, 2024 AT 18:25
    इस जीत का गणितीय विश्लेषण करें तो जोकोविच के पास 31-29 का रिकॉर्ड है, जो एक सांख्यिकीय लाभ है। लेकिन रोलांड गैरोस पर नडाल का अधिकार अभी भी अनुपम है। यह एक गहरी दार्शनिक लड़ाई है।
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    Harsha kumar Geddada

    अगस्त 5, 2024 AT 15:17
    कल्पना करो अगर नडाल ने ये मैच जीत लिया होता तो सब कहते कि ये राजा है, ये देवता है, ये इतिहास है। लेकिन जोकोविच जीत गया तो सब कह रहे हैं 'अच्छा खेला', 'अब अगला मैच'। ये दुनिया बस इतनी ही अन्यायपूर्ण है। नडाल ने अपने घर पर खेला, फिर भी उसके लिए दो बॉल भी नहीं मिले। ये टेनिस नहीं, ये नाटक है। आज जोकोविच जीत गया, कल फिर कोई नया बच्चा आएगा और उसे भी बहुत कुछ देना होगा। इस खेल में कोई असली जीत नहीं होती, सिर्फ दर्द और बेचैनी होती है।
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    sachin gupta

    अगस्त 6, 2024 AT 14:50
    बस इतना कहना है कि जोकोविच ने जीत ली, लेकिन नडाल के पास वो जो बाकी सबके पास नहीं है - वो है भावना। जोकोविच के पास टेक्निक है, नडाल के पास दिल है। और दिल तो कभी हारता नहीं।
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    Shivakumar Kumar

    अगस्त 8, 2024 AT 14:14
    अरे भाई, ये दोनों खिलाड़ी तो टेनिस के दो अलग-अलग ब्रांड हैं। नडाल तो जैसे एक पुरानी जमीन की खुशबू है - गहरी, दृढ़, जिसे छूकर दिल भर जाता है। जोकोविच तो एक नया स्मार्टफोन है - तेज़, बेहतरीन, हर फीचर के साथ। एक तो जीवन है, दूसरा टेक्नोलॉजी। दोनों बेहतरीन हैं। अब बस देखो कि जोकोविच ओलंपिक में गोल्ड कैसे जीतता है। और अगर नडाल अगले मैच में वापस आए तो दुनिया फिर से रोएगी। इन दोनों के बीच जो खेल बनता है, वो टेनिस नहीं, वो इंसानियत है।

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