भारत मौसम विज्ञान विभाग – ताज़ा मौसम अपडेट और चेतावनी जानकारी
जब बात भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार का केंद्रीय मौसम विज्ञान एजेंसी, जो राष्ट्रीय स्तर पर मौसम निगरानी, पूर्वानुमान और चेतावनी जारी करता है. Alternate name के रूप में इसे IMD भी कहा जाता है। यह संगठन 1875 में स्थापित हुआ, मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, और इसके प्रमुख कार्यों में वायुमंडलीय डेटा संग्रह, दीर्घकालिक क्लाइमेट अध्ययन और आपदा प्रबंधन समर्थन शामिल हैं। इसका ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताता है कि हर साल हजारों मौसम स्टेशन, रडार और सैटेलाइट से डेटा इकट्ठा कर सटीक पूर्वानुमान तैयार करता है।
IMD के काम को दो बड़े हिस्सों में बाँटा जा सकता है – दैनिक मौसम पूर्वानुमान, अगले दिनों के तापमान, वृष्टि, हवा और दबाव की भविष्यवाणी और आपातकालीन रेबाटा चेतावनी, भारी बवंडर, बाढ़ या तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की टिमटिम सूचना। पूर्वानुमान के लिए IMD ने आधुनिक कंप्यूटेशनल मॉडल, उपग्रह इमेजरी और एआई‑आधारित एल्गोरिदम का उपयोग किया है, जिससे ग्रामीण किसानों से लेकर शहर के मेट्रो commuters तक सभी को भरोसेमंद जानकारी मिलती है। जब रेबाटा चेतावनी जारी होती है, तो राज्य और स्थानीय प्राधिकरण तुरंत सतर्कता और बचाव कार्य शुरू कर देते हैं, जिससे जीवन और सम्पत्ति की सुरक्षा संभव होती है। इन दो मुख्य सेवाओं के बीच घनिष्ठ संबंध है: रेबाटा चेतावनी अक्सर मौसम पूर्वानुमान के विस्तृत विश्लेषण से ही उत्पन्न होती है, और दोनों को सटीक डेटा की जरूरत होती है। इस कारण IMD ने राष्ट्रीय स्तर पर मॉनसून, तीन महीने की मौसमी बाढ़, कृषि और जलसंपदा पर प्रभाव डालने वाला प्रमुख जलवायु प्रणाली की निरंतर निगरानी को प्राथमिकता दी है। मॉनसून की शुरुआत, प्रगति और अंत को ट्रैक करने के लिए अत्याधुनिक रडार, लिडार और ड्रिप सेंसर नेटवर्क स्थापित किए गए हैं। इनका डेटा न केवल किसान को बुवाई‑कटाई के समय बताता है, बल्कि जलस्तर, बाढ़ जोखिम और जलविद्युत उत्पादन में भी मदद करता है। एक और महत्वपूर्ण पहलू है जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापमान में दीर्घकालिक वृद्धि और उसके कारण मौसम पैटर्न में बदलाव का अध्ययन। IMD ने पिछले दो दशकों में तापमान, वर्षा और समुद्र स्तर में परिवर्तन को दस्तावेज़ किया है, जिससे भविष्य की मौसम भविष्यवाणी में नई चुनौतियां उभरी हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझना IMD को अधिक लचीले मॉडल बनाने में मदद करता है, जिससे रेबाटा चेतावनी की सटीकता बढ़ती है और मॉनसून के असामान्य व्यवहार को बेहतर ढंग से संभाला जाता है। इस तरह की अंतःविषय शोध टीमें विश्वसनीय डेटा को नीति‑निर्माताओं, वैज्ञानिक संस्थानों और आम जनता तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। इन सभी तत्वों को जोड़ते हुए, भारत मौसम विज्ञान विभाग का लक्ष्य न केवल मौसम की भविष्यवाणी करना, बल्कि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए तैयार रहना है। आप इस पेज पर विभिन्न लेखों में देखेंगे कि IMD ने हाल में कौन‑सी बड़ी चेतावनियाँ जारी कीं, मॉनसून के कौन‑से चरण विशेष रूप से प्रभावशाली रहे, और जलवायु परिवर्तन के चलते किन‑किन क्षेत्रों में जोखिम बढ़ा है। आगे के लेखों में आप नयी तकनीक, डेटा विश्लेषण और वास्तविक समय रिपोर्टों के बारे में विस्तृत जानकारी पाएंगे, जिससे आप अपनी दैनिक योजना या कृषि निर्णय में बेहतर पसंद कर सकेंगे।
हवामान विभाग ने कहा: 4-7 अक्टूबर तक हरियाणा‑पंजाब में भारी बारिश, गरज‑बिजली

वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण 4-7 अक्टूबर तक हरियाणा‑पंजाब और दिल्ली में भारी बारिश, ओले और तेज़ हवाएँ, जलभराव की चेतावनी जारी।
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