भारतीय शास्त्रीय नृत्य: परम्परा का रोमांचक सफर

क्या आपको लगता है कि क्लासीकल डांस सिर्फ मंच की रोशनी में ही दिखता है? असल में यह हर घर के फर्श, किसी छोटे बगीचे या स्कूल के आँगन में भी जीवंत हो सकता है। भारत में शास्‍त्रीय नृत्य सिर्फ कला नहीं, बल्कि जीवन का एक तरीका है – कहानी बताता, भाव व्यक्त करता और सामाजिक जुड़ाव बनाता है।

मुख्य शास्त्रीय नृत्यों के प्रकार

भारत में आठ प्रमुख शास्‍त्रीय नृत्य शैलियां हैं: भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, ओडिसी, सतेरिया, कैलियत्तन और भागीरथ नट्यान। हर शैली की अपनी भाषा, कदम और भाव होते हैं।

उदाहरण के तौर पर भरतनाट्यम दक्षिण भारत से आया है; इसमें तेज़ पैर की ध्वनि और हाथ के ठहराव का खास महत्व है। कथक उत्तर भारत में लोकप्रिय है – ताल‑बोल और अभिव्यक्तियों से भरी कहानी बताता है। ओडिसी पूर्वोत्तर कोलकाता के किनारे पर पली-बढ़ी, जिसमें सुंदर साइड-स्टेप्स और जटिल हाथ की हरकतें मिलती हैं। इन सभी शैलियों में राग‑ताल का गहरा संबंध है, जिससे नर्तक संगीत के साथ तालमेल बिठा पाते हैं।

शिक्षा और सीखने के आसान तरीके

अगर आप घर से शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले YouTube या अन्य मुफ्त प्लेटफ़ॉर्म पर बेसिक वीडियो देख सकते हैं। छोटे‑छोटे कदमों को दोहराते हुए शरीर की लचीलापन बढ़ती है, और संगीत के साथ ताल मिलाना आसान हो जाता है।

एक दूसरा तरीका है स्थानीय सांस्कृतिक केंद्र में एक महीने का ट्रायल क्लास लेना। कई जगहें अब ऑनलाइन लाइव कक्षाएं भी देती हैं – आप घर बैठे ही गुरु से फीडबैक पा सकते हैं। शुरुआती लोगों के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है नियमित अभ्यास; दिन में 15‑20 मिनट की प्रैक्टिस लगातार दो हफ्तों तक रखिए, फिर धीरे‑धीरे समय बढ़ाइए।

साथ ही, नृत्य के दौरान पहनावा और सजावट भी महत्व रखती है। साधारण साड़ी या धोती से शुरू करें; जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे तो पारंपरिक झुररियां, पायल और बिंदी का उपयोग कर सकते हैं। इससे प्रदर्शन में आत्मविश्वास बढ़ता है और दर्शक की आँखें जुड़ जाती हैं।

अंत में याद रखिए कि शास्‍त्रीय नृत्य सीखना कोई प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत यात्रा है। हर कदम में खुद को समझने का मौका मिलता है, और यही कारण है कि भारत के कई बड़े कलाकार भी इसे जीवन भर की खोज मानते हैं। तो आज ही अपना पहला कदम रखें – चाहे वह वीडियो देख कर हो या पड़ोस के नृत्य वर्ग में दाखिला ले कर। आपके भीतर छिपी कला जल्द ही जग जाएगी।

भारतनाट्यम की महान हस्ती यामिनी कृष्णमूर्ति का 84 वर्ष की आयु में निधन

भारतनाट्यम की महान हस्ती यामिनी कृष्णमूर्ति का 84 वर्ष की आयु में निधन

प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में शनिवार को निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थीं। उन्होने अपना जीवन भरतनाट्यम नृत्य की रक्षा और प्रचार में समर्पित किया था। उनके निधन पर नृत्य समुदाय और उनके प्रशंसकों ने शोक व्यक्त किया है।

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