दशहरा: विजय का त्यौहार और भारतीय संस्कृति की झलक
जब दशहरा, वर्तमान में अक्सर विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, पाँच‑सप्ताह के रामलिला महोत्सव का समापन बिंदु है, विजयादशमी की बात होती है, तो दिमाग़ में रंग‑बिरंगे बैनर, गरजते जयकारे और विशाल पुतले की छवि आती है। इसी त्यौहार ने रामलीला, एक थियेट्रिकल प्रस्तुति है जो रावण‑सेनागत द्वंद्व को मंचित करती है को जन्म दिया, जहाँ रावण के नाकाबिल‑इंसाफ को दर्शकों तक पहुंचाया जाता है। रावण, धर्म की पुनःस्थापना हेतु लंका के राजा, जिसका अहंकार और शक्ति दशहरा की कथा में मुख्य antagonist है की छवि दशहरा के मूल संदेश – बुराई पर अच्छाई की जीत – को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। इस प्रकार, दशहरा न केवल एक फेस्टिवल है, बल्कि यह धार्मिक, नाटयात्मक और सामाजिक तीनों आयामों को जोड़ता है, जिससे यह भारतीय परम्परा का एक अभिन्न हिस्सा बनता है।
रिवाज, तैयारियां और स्थानीय रंग
दशहरा का उत्सव पाँच‑सप्ताह की वार्षिक कथा‑सत्र‑पंचमी से शुरू होता है। पंचमी पर श्रद्धालु अक्सर धनुष‑बाण का तुच्छ प्रयोग करके रावण की ओर निशाना लगाते हैं, जबकि बड़ी समुदायों में पुंजी (भेजा गया दाना‑जुगाड़) तैयारी की जाती है। इस दिन घर‑घर में वजिया और सेवइयाँ का विशेष पकवान बनता है, जो उत्सव की मिठास को बढ़ाता है। दक्षिण भारत में काली‑आत्मा हटाने के लिये जवाब‑ए‑बाबू की रिवायत और उत्तर में दहलीज पर विशाल पिचकारी जलाने की प्रथा पाई जाती है। हर क्षेत्र में अलग‑अलग रूप से तारीख़ी-परिधान और रंग‑बिरंगे पंखा‑बत्ती के माध्यम से उत्सव के भाव को व्यक्त किया जाता है। त्रिपाठी‑पटेल (धर्मशास्त्र) के अनुसार, इसे "बुरे का पराजय" माना जाता है, जबकि आधुनिक अर्थ में यह आर्थिक लेन‑देन, पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा देता है। इस प्रकार, दशहरा न सिर्फ़ आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि सामाजिक‑आर्थिक दायरा भी विस्तृत करता है।
आजकल दशहरा के कार्यक्रमों में परेड, मैराथन, संगीत समारोह और डिजिटल लाइव‑स्ट्रीमिंग शामिल हो गए हैं। मिडिया प्लेटफ़ॉर्म पर इस त्यौहार को #VictoryDay टैग से ट्रैक किया जाता है, जिससे ग्रामीण‑शहरी अंतर को कम करने में मदद मिलती है। कई राज्य अपने राजव्यापी जलवायु‑सुरक्षा योजनाओं में दशहरा को चेतावनी‑संकट के रूप में भी शामिल करते हैं, जैसे बाढ़‑निवारण के लिये दीगर जल‑संरक्षण कार्य। इस प्रतिस्पर्धी माहौल में, भारत के विभिन्न कोनों में आयोजित खेल‑घटनाएँ, जैसे क्रिकेट या कबड्डी मैच, दशहरा के उत्सव की ऊर्जा को साझी बनाते हैं। नीचे आपको इस पृष्ठ पर संग्रहित लेखों में दिखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में दशहरा का रंग‑रूप बदलता है, किन सामाजिक‑राजनीतिक मुद्दों से यह जुड़ा है, और इस त्यौहार की आधुनिक डिजिटल रूपांतरें क्या पेश करती हैं। अब चलिए, इस समृद्ध परम्परा के विभिन्न आयामों की खोज शुरू करते हैं।
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