जयंति: महावीर जयन्ती की खबरें और त्यौहार का महत्व
हर साल अप्रैल में जब बहादुर भगवान हनुमान के जन्म दिन मनाया जाता है, तो कई जगहों पर छुट्टी होती है। यही मौका है जब लोग मंदिर‑मंदिर में दर्शन करते हैं और साथ ही शेयर बाजार भी बंद रहता है। अगर आप इस दिन की पूरी जानकारी चाहते हैं, तो आगे पढ़िए.
महावीर जयन्ती का इतिहास
जैन धर्म में महावीर 24वें तीर्थंकर के जन्म को महावीर जयन्ती कहा जाता है। इसे साक्षात्कार और अहिंसा की सीखों को याद करने का दिन माना गया है। भारत के कई राज्य इस दिन सार्वजनिक अवकाश देते हैं, इसलिए स्कूल‑कॉलेज़ भी बंद रहते हैं। इसी कारण से NSE और BSE जैसी स्टॉक एक्सचेंजेज़ पर ट्रेडिंग नहीं होती।
ऐसे दिनों में लोग अक्सर परिवार के साथ समय बिताते हैं, खासकर हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा करते हैं। अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ट्रैफिक और भीड़ को ध्यान में रखिए – कई शहरों में सड़कें जाम हो जाती हैं.
जयंति पर आज के प्रमुख समाचार
इस साल 10 अप्रैल को महावीर जयन्ती के कारण NSE‑BSE दोनों बंद रहे। इक्विटी, F&O और करेंसी मार्केट पूरे दिन ठप रहे, जबकि कमोडिटीज़ की शाम की ट्रेडिंग 5 बजे से 11:30/11:55 तक चलती रही। इस बंध का असर ग्लोबल बाजारों में भी दिखा क्योंकि टैरिफ‑सम्बंधी अनिश्चितता बढ़ी थी.
स्टॉक मार्केट के अलावा, कई आर्थिक संकेतक भी प्रभावित हुए। ओला इलेक्ट्रिक शेयर 39.76 रुपये पर गिरकर नई निचली सीमा तक पहुँचे, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर में 7% की गिरावट देखी गई। इन कंपनियों के क्वार्टर‑वाइस परिणाम कमजोर रहे, जिससे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा.
बजट की बात करें तो अभी भी सरकार ने अप्रैल में कई विकास योजनाओं पर ध्यान दिया है, लेकिन बंध का असर राजस्व संग्रह पर छोटा-सा पड़ सकता है। यदि आप ट्रेडिंग या निवेश कर रहे हैं, तो ऐसे अवकाशों को पहले से नोट करके अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखें.
अगर मौसम की बात करें, तो कई राज्यों में इस समय भारी बारिश और बाढ़ का खतरा रहता है। बिहार में 25 लाख लोग प्रभावित हुए थे, इसलिए स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना ज़रूरी है. दिल्ली में भी तेज़ बरसात के कारण जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या रही.
अंत में, जयन्ती का उत्सव सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी अहम है। चाहे आप निवेशक हों या आम नागरिक, इस दिन के महत्व को समझकर सही योजना बनाना बेहतर रहेगा. अल्का समाचार पर ऐसे ही ताज़ा अपडेट्स मिलते रहेंगे.
वीर सावरकर जयंती: मोदी ने श्रद्धांजलि में गिनाए संघर्ष के चार मंत्र—तेज, त्याग, तप, तलवार

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