Mahavir Jayanti – क्यों है यह दिन इतना ख़ास?

क्या आपने कभी सोचा है कि हर साल अप्रैल के अंत में लाखों लोग महावीर जयंती को कैसे मनाते हैं? ये सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि भगवान महावीर की शिक्षा का जीता-जागता उदाहरण है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि अहिंसा और सत्य का रास्ता हमेशा सही होता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन हों।

महावीर जयंती का इतिहास

भगवान महावीर 599 ई.पू. में वैध (वर्तमान भारत के बिहार) में जन्मे थे। उनका असली नाम विंध्यज था, लेकिन बाद में उन्होंने ‘महावीर’ नाम अपनाया क्योंकि वे अद्भुत शक्ति और धैर्य वाले थे। उनके शिष्यों ने कहा कि उन्होंने 24 वर्षों तक कठोर तपस्या की, जिसमें भोजन नहीं, सोना नहीं, स्लीपिंग नहीं—सब कुछ त्याग दिया। इन 24 महीनों को ‘संन्यास’ कहा जाता है और इस दौरान उनका आत्मिक विकास अद्भुत रहा।

जब वे अपने शिष्यों के सामने प्रकट हुए, तो उन्होंने अहिंसा (हिंद) और सत्य (सत्य) का मूल संदेश दिया। यही कारण है कि आज भी बौद्ध धर्मियों और जैन समुदायों में महावीर को एक आदर्श माना जाता है।

आधुनिक समय में महावीर जयंती के रिवाज़

आजकल हर शहर, गांव में लोग इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। कुछ प्रमुख रिवाज़ इस प्रकार हैं:

  • व्रत और उपवास: कई लोग सुबह-सुबह जल का सेवन नहीं करते, फलाहार या केवल एक बार भोजन लेते हैं।
  • ध्यान और प्रार्थना: महावीर के मंदिरों में विशेष पूजा होती है, जहाँ भजन-कीर्तन और मंत्रजप किया जाता है।
  • दान‑परोपकार: गरीबों को भोजन वितरित करना, वस्त्र दान देना या अनाथालयों में मदद करना महावीर जयंती की प्रमुख परंपरा है।
  • संगीत और नृत्य: कुछ क्षेत्रों में ‘भजनों’ के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जहाँ लोग मिल‑जुल कर भगवान का सम्मान करते हैं।

इन रिवाज़ों से यह स्पष्ट होता है कि महावीर जयंती सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि सामाजिक बंधन और नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने का माध्यम भी है। यदि आप इस दिन कुछ नया करना चाहते हैं तो स्थानीय मंदिर या चैरिटी में स्वयंसेवा कर सकते हैं—यह आपके लिए और आसपास के लोगों के लिये दो‑तरफ़ा खुशी लाएगा।

भविष्य की पीढ़ियों को भी यही संदेश देना चाहिए: सच्ची शक्ति अहिंसा में है, और सत्य का मार्ग हमेशा उज्ज्वल रहता है। महावीर जयंती हमें यही सीख देती है—कि हम अपने जीवन में छोटे‑छोटे बदलाव करके बड़े बदलाव की शुरुआत कर सकते हैं।

तो इस साल जब आप महावीर जयंती मनाएँ, तो केवल उत्सव नहीं, बल्कि उनका मूल संदेश—सत्य और अहिंसा को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में लाने का प्रयास करें। यही असली जश्न है!

Stock Market Holiday: महावीर जयंती पर 10 अप्रैल को NSE-BSE बंद, कमोडिटी की शाम की ट्रेडिंग चालू

Stock Market Holiday: महावीर जयंती पर 10 अप्रैल को NSE-BSE बंद, कमोडिटी की शाम की ट्रेडिंग चालू

महावीर जयंती पर 10 अप्रैल 2025 को NSE और BSE में सभी सेगमेंट्स में ट्रेडिंग बंद रही। इक्विटी, F&O, करेंसी और SLB पूरे दिन ठप रहे, जबकि कमोडिटी डेरिवेटिव्स का शाम का सत्र 5 बजे से 11:30/11:55 बजे तक सामान्य रहा। यह अप्रैल की तीन एक्सचेंज छुट्टियों में पहली थी। बंदी ऐसे समय आई जब ग्लोबल बाजारों में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव बढ़ा हुआ था।

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