महिला दिवस: क्यों खास है और कैसे मनाएँ?
हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है. यह दिन महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों को सराहने का मौका देता है. आप भी सोच रहे होंगे – इस अवसर पर क्या करें? चलिए, हम आपको सरल तरीके बताते हैं जिससे आपका महिला दिवस यादगार बन सके.
महिला दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1900 के दशक की शुरुआत में कामकाजी महिलाओं ने बराबर वेतन और कार्यस्थल सुरक्षा के लिए हड़तालें दीं. 1910 में क्लारा ज़ेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला सभा में इस दिन को आधिकारिक रूप से मानने का प्रस्ताव रखा. तब से हर साल विभिन्न देशों में अलग‑अलग थीम रखकर इसे मनाया जाता है.
भारत में पहली बार 1935 में महिला दिवस मनाया गया, लेकिन बड़े पैमाने पर जागरूकता 1970 के दशक में आई जब सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को मान्यता दी. अब सरकारी संस्थानों से लेकर निजी कंपनियों तक सभी जगह स्पीकर सेशन्स, वर्कशॉप और सम्मान समारोह आयोजित होते हैं.
आज के भारत में महिलाओं की उपलब्धियां
देश के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाएँ असाधारण काम कर रही हैं. खेल में नेहा शेट्टी जैसी तैराकी की क्वीन से लेकर, विज्ञान में कर्नल अनिता कोनर जैसे अंतरिक्ष यात्री तक; राजनीति में सरदार वल्लभभाई पटेल (महिला) और व्यवसाय में इंदु जैन के उद्यमों का उदाहरण है. इनकी कहानियों को पढ़कर आप भी प्रेरित हो सकते हैं.
साथ ही, स्टॉक मार्केट में महिलाएँ अब नई ऊँचाइयाँ छू रही हैं – हाल की रिपोर्ट में महिला निवेशकों की संख्या पिछले साल 30% बढ़ी है. ऐसी खबरें हमारे टॉप पोस्ट "Stock Market Holiday: महावीर जयंति पर..." और "Ola Electric शेयर ऑल-टाइम लो पर..." में भी दिखाई देती हैं, जहाँ वित्तीय साक्षरता का महत्व बताया गया है.
अगर आप अपने आसपास की महिलाओं को सपोर्ट करना चाहते हैं तो छोटे‑छोटे कदम उठा सकते हैं: उनके काम की सराहना करें, समान वेतन के लिए आवाज़ उठाएँ, और महिलाओं के शेड्यूल को समझते हुए घर के काम में मदद करें. इन छोटी-सी कोशिशों से बड़ा असर पड़ता है.
अंत में, अगर आप महिला दिवस पर कुछ खास करना चाहते हैं तो स्थानीय NGOs की मदद कर सकते हैं, या अपने सोशल मीडिया पर #महिला_दिवस टैग करके प्रेरणादायक कहानियां शेयर करें. इससे न सिर्फ़ जागरूकता बढ़ेगी बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी आएगा.
राष्ट्रीय महिला दिवस 2024: समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में कदम

राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम 'समावेशिता की प्रेरणा' के तहत महिलाओं के लिए एक समावेशी वातावरण बनाने का आह्वान किया गया है। डिजिटल लैंगिक अंतराल को कम करने, नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और आर्थिक सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण कदमों पर जोर दिया गया। वैश्विक लैंगिक असमानता वित्तीय घाटे के रूप में उभर रही है, जिससे सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
और जानकारी