रेड अलर्ट – समझें, तैयार रहें, सुरक्षित रहें
जब मौसम विभाग या संबंधित एजेंसी "रेड अलर्ट" जारी करती है, तो इसका मतलब है कि बेहद खतरनाक स्थिति आ रही है। चाहे वह बाढ़, तेज़ बारिश, या किसी और प्राकृतिक आपदा की बात हो, इस चेतावनी को नजरअंदाज करने से नुकसान बहुत बढ़ सकता है। इस लेख में हम समझेंगे कि रेड अलर्ट कब दिया जाता है, इसका मतलब क्या होता है और इस स्थिति में हमें कौन‑से कदम उठाने चाहिए।
रेड अलर्ट कब जारी होता है?
रेड अलर्ट तब घोषित किया जाता है जब मौसम विज्ञानियों को पता चलता है कि किसी विशेष क्षेत्र में अत्यधिक खतरा उत्पन्न हो रहा है। भारत में आमतौर पर नीचे दी गई स्थितियों में यह अलर्ट मिलता है:
- भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ या जलस्तर में अचानक वृद्धि।
- तीव्र हवाओं के साथ तेज़ आँधियाँ या चक्रवात।
- भारी ठंड या धुंध के कारण दृश्यता में गंभीर कमी।
- भूस्खलन या धूसरता की संभावनाएं, खासकर पहाड़ी इलाकों में।
उदाहरण के तौर पर, हाल ही में बिहार में गंगा‑कोसी के किनारे बाढ़ का खतरा बढ़ने पर रेड अलर्ट जारी किया गया था। इसी तरह दिल्ली में लगातार बारिश और जलभराव की संभावना के कारण भी रेड अलर्ट लगा।
रेड अलर्ट में क्या करें?
यदि आपके इलाके में रेड अलर्ट जारी हो, तो तुरंत कुछ बेसिक कदम उठाएँ:
- सूचना पर नजर रखें: स्थानीय समाचार चैनल, मौसम विभाग की वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन से अपडेट लेते रहें।
- महत्वपूर्ण दस्तावेज़ सुरक्षित रखें: पहचान पत्र, पासपोर्ट, पोलिस रिकॉर्ड आदि को एक जल‑रोधी थैले में रखें।
- आवश्यक सामग्री तैयार रखें: पर्याप्त पानी, दवाई, फ़्लैशलाइट, बैटरियां, कुछ खाने‑पीने की चीज़ें और एक बेसिक फर्स्ट‑एड किट।
- इमर्जेंसी निकास मार्ग पहचानें: घर के बाहर निकास, हाई‑वॉल या ऊँचे स्थान जहाँ आप सुरक्षित रह सकें।
- भारी वस्तुएँ ऊँचा रखें: इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, निचली मंज़िल पर रखी हुई फर्नीचर या वस्तुएँ जल‑स्तर बढ़ने पर नुकसान से बचें।
- समुदाय के साथ सहयोग: पड़ोसियों और स्थानीय प्रशासन से संपर्क रखें, जरूरत पड़ने पर एक‑दूसरे की मदद करें।
इन सरल कदमों से आप न केवल खुद को बचा सकते हैं, बल्कि अपने परिवार और आस‑पास के लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं। याद रखें, तैयारी में देर नहीं होती – अलर्ट मिलते ही तुरंत कार्यवाही शुरू करें।
अंत में, अगर रेड अलर्ट जारी रहता है और स्थानीय प्रशासन ने evacuation (स्थलांतर) का निर्देश दिया है, तो तुरंत नियत स्थान पर पहुंचें। अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें, सामान का भार कम रखें और रास्ते में सड़कों की स्थिति की भी जांच करते रहें।
रेड अलर्ट एक गंभीर चेतावनी है, लेकिन सही जानकारी और तैयारियों के साथ इसका सामना करना आसान हो जाता है। आपदा प्रबंधन के ये बेसिक नियमों को अपनाकर आप न केवल अपनी बल्कि अपने समुदाय की भी मदद कर सकते हैं।
IMD का अलर्ट: पंजाब-हरियाणा में बाढ़, दिल्ली में खतरा बढ़ा, उत्तराखंड-हिमाचल में रेड अलर्ट

उत्तरी भारत में भारी बारिश का दौर तेज है। IMD ने उत्तराखंड और हिमाचल के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि पंजाब-हरियाणा बाढ़ से जूझ रहे हैं और दिल्ली में खतरा बढ़ा है। सितंबर 2025 सामान्य से ज्यादा बरसात वाला रहने का अनुमान है और मॉनसून विदाई में देरी हो सकती है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड का जोखिम बना हुआ है।
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