स्वास्थ्य योजनाएं – क्या हैं, कौन ले सकता है और कैसे जुड़ें?

आपके पास अगर डॉक्टर की फीस या दवाइयों का खर्चा बहुत भारी लगता है तो सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं पर नजर डालिए। ये स्कीम्स खास तौर से गरीब परिवारों को सस्ती या मुफ्त इलाज मुहैया कराती हैं। नीचे सबसे लोकप्रिय दो योजना – आयुष्मान भारत (PM जयनारोग्य योजना) और राज्य‑स्तर की कुछ प्रमुख स्कीम – के बारे में बताया गया है, साथ ही पंजीकरण का आसान तरीका भी दिया गया है।

आयुष्मान भारत/प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के मुख्य बिंदु

यह योजना 2018 में शुरू हुई और अब तक 10 करोड़ से अधिक परिवार को कवर कर चुकी है। इसके तहत एक साल में लगभग ₹5 लाख तक का इलाज मुफ्त मिलता है – चाहे वो सर्जरी हो, कैंसर उपचार या दिल की बीमारी। योजना के लाभार्थी बनने के लिए आपके पास आधार कार्ड और रजिस्टर्ड परिवार विवरण होना चाहिए।

पंजीकरण दो रास्तों से किया जा सकता है: 1) निकटतम पॉलिक्लिनिक या सार्वजनिक अस्पताल में जाकर, 2) ऑनलाइन पोर्टल (pmjay.gov.in) पर अपने आधार नंबर डालकर फॉर्म भरना। दोनों ही तरीकों में दस्तावेज़ अपलोड करना पड़ता है – आयु प्रमाण पत्र, घर का पता और परिवार कार्ड। एक बार सत्यापन हो जाने पर आप को एक हेल्थ आईडी कार्ड मिल जाता है जिसे इलाज के समय दिखाना होता है।

राज्य‑स्तर की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाएं

हर राज्य ने अपनी जरूरतों के हिसाब से अलग‑अलग स्कीमें चलायी हैं। उदाहरण के तौर पर, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री वार्ड हेल्थ योजना, कर्नाटक में सुखी जीवन योजना और उत्तर प्रदेश में भविष्य स्वस्थ्य योजना लोकप्रिय हैं। इनका फोकस अक्सर मातृत्व सुरक्षा, बाल स्वास्थ्य और वृद्ध जन देखभाल पर रहता है।

इन योजनाओं के लिए भी आधार‑आधारित पंजीकरण जरूरी होता है, लेकिन अक्सर स्थानीय पंचायत या स्वास्थ्य केंद्र में व्यक्तिगत मदद मिलती है। अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में हैं तो निकटतम सरकारी हेल्थ पोस्ट से संपर्क करिए; वहाँ की कर्मचारी आपको फॉर्म भरने और दस्तावेज़ जमा करने में मदद करेंगे।

ध्यान रखें कि पंजीकरण के बाद आपका नाम डेटाबेस में जुड़ जाता है, इसलिए जब भी कोई अस्पताल या क्लिनिक आपके इलाज को कवर करता है तो आपको वही आईडी दिखानी होगी। अक्सर लोग पहचान‑पत्र की कमी या गलत जानकारी कारण से लाभ नहीं ले पाते – इससे बचने के लिए फॉर्म भरते समय सभी डेटा दो‑तीन बार चेक कर लें।

एक और छोटा टिप: अगर आप पहले से ही किसी निजी बीमा में हैं, तो सरकारी योजना का उपयोग करने से आपके प्रीमियम पर कोई असर नहीं पड़ता। दोनों को साथ‑साथ इस्तेमाल करके आप इलाज के खर्चे को और भी कम कर सकते हैं।

समाप्ति में, स्वास्थ्य योजनाओं का मुख्य उद्देश्य लोगों को आर्थिक बोझ से बचाना है। बस थोड़ा समय निकालकर ऑनलाइन पंजीकरण या नजदीकी हेल्थ सेंटर जाना चाहिए, फिर बड़ी चिंता नहीं रहेगी। अगर अभी तक आप इन स्कीमों में शामिल नहीं हुए तो आज ही एक कदम बढ़ाएँ – आपका और आपके परिवार का स्वास्थ्य इससे बेहतर होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाकर 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाकर 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार करते हुए इसमें 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल कर दिया है, जिससे बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसका उद्देश्य है प्रत्येक गरीब और कमजोर परिवार को सालाना 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को विस्तार देता है।

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