व्यापारिक राहत: क्या है और क्यों ज़रूरी?

जब आप व्यापारिक राहत, सरकारी या नियामक संस्थाओं द्वारा जारी आर्थिक समर्थन, जो कंपनियों और उद्योगों को वित्तीय तनाव से बचाता है. Also known as व्यापारिक सहारा की बात करते हैं, तो यह सिर्फ टैक्स छूट नहीं, बल्कि तरलता बढ़ाने वाले उपाय, कर्ज़ माफी और एक्सपोर्ट प्रोमोशन तक को शामिल करता है। व्यापारिक राहत सीधे वित्तीय नीति, स्थिरता और विकास को लक्षित सरकारी आर्थिक रणनीति से जुड़ी होती है, क्योंकि नीति‑निर्माता अक्सर संकट‑समय में दर‑सुधार, प्रतिभूतियों की गारंटी या ऋण सुलभता को आसान बनाते हैं। यह संबंध व्यापारिक राहत आर्थिक अस्थिरता को कम करती है (सेंटेंस 1) और वित्तीय नीति व्यापारिक राहत को दिशा देती है (सेंटेंस 2) जैसे स्पष्ट त्रिपुट बनाता है।

आयकर रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि अब 16 सितंबर तक बढ़ा, कंपनियों को मिल रहा राहत

आयकर रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि अब 16 सितंबर तक बढ़ा, कंपनियों को मिल रहा राहत

वित्त मंत्रालय ने आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से 16 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया। नए फॉर्म और पोर्टल गड़बड़ी के कारण यह कदम उठाया गया। व्यक्तियों, एचयूएफ़, एओपी एवं बीओआई को 16 सितंबर तक फाइलिंग का समय है, जबकि ऑडिट‑आधारित व्यवसायों को 31 अक्टूबर और ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट वाले को 30 नवंबर तक का समय मिलेगा। टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की जमा करने की सीमा 30 सितंबर निर्धारित की गई। यह विस्तार कंपनियों और करदाताओं दोनों के लिए राहत का अवसर बनता है।

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