यौन उत्पीडन क्या है? लक्षण, कानून और बचाव के टिप्स
क्या आपने कभी किसी ऐसी स्थिति का सामना किया जहाँ आपका शरीर या भावना असहज महसूस हुई? अक्सर हम इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही यौन उत्पीडन हो सकता है। सरल शब्दों में कहें तो यह वह बर्ताव है जिसमें कोई आपको शारीरिक, मौखिक या ऑनलाइन तरीके से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। चाहे वो ऑफिस में अनचाही बातें हों या सोशल मीडिया पर अपमानजनक संदेश—सब यौन उत्पीड़न के दायरे में आते हैं।
यौन उत्पीडन के मुख्य रूप
उत्पीड़न कई चेहरों से दिखता है:
- शारीरिक संपर्क: अनचाहा गले लगाना, झपटा मारना या किसी भी तरह का असहज स्पर्श।
- मौखिक उत्पीड़न: अनुचित टिप्पणी, अपमानजनक मजाक या बार-बार शरारती प्रश्न पूछना।
- डिजिटल उत्पीडन: अवांछित फोटो भेजना, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर गालियां देना, निजी डेटा का दुरुपयोग करना।
- कार्यस्थल में शक्ति दुरुपयोग: पदोन्नति के झूठे वादे के बदले अनुचित मांगें रखना।
इनमें से कोई भी व्यवहार अगर आपको असहज या डराता है, तो वह उत्पीड़न माना जाता है और इसे रोका जाना चाहिए।
कैसे बचें और मदद लें?
पहला कदम है पहचानना—अगर कुछ सही नहीं लग रहा, तो उसे स्वीकार करें और खुद को दोष न दें। फिर आप ये कदम उठा सकते हैं:
- दस्तावेज़ीकरण: तारीख, समय, जगह और गवाहों के साथ घटना का रिकॉर्ड रखें। स्क्रीनशॉट या मैसेज का प्रिंट आउट लेना फायदेमंद रहता है।
- विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें: दोस्त, परिवार या सहकर्मी को बताएं। अकेले रहने से डर बढ़ता है, इसलिए भरोसेमंद इंसान से मदद मांगें।
- आधिकारिक रिपोर्ट दर्ज़ करें: भारत में आप महिला अधिकार आयोग, पुलिस थाने या नजदीकी हेल्पलाइन पर शिकायत कर सकते हैं। कई कंपनियां भी आंतरिक शिकायत समिति रखती हैं—इसे उपयोग करें।
- क़ानूनी सहायता लें: अगर मामला गंभीर है तो वकील से मिलें। महिला सुरक्षा अधिनियम, यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून जैसी कानूनी प्रावधान आपके साथ हैं।
- मेंटल हेल्थ को नज़रअंदाज़ न करें: ऐसी स्थितियों के बाद तनाव या डिप्रेशन हो सकता है। काउंसलर या थैरेपिस्ट से बात कर सकते हैं।
ध्यान रखें, यौन उत्पीड़न का सामना करने में हिम्मत की जरूरत होती है, लेकिन आप अकेले नहीं हैं। कई NGOs और सरकारी योजनाएं मदद के लिए तैयार रहती हैं—जैसे 'सहयोग' ऐप या राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन 181. इनके माध्यम से तुरंत सलाह मिल सकती है।
समाज में बदलाव लाने का पहला कदम जागरूकता है। अगर आप या आपका कोई जानकार उत्पीड़न की स्थिति में है, तो ऊपर बताए गए आसान तरीकों को अपनाएँ और मदद माँगने में संकोच न करें। छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़ी सुरक्षा बनाते हैं।
कैलिफोर्निया की राज्य सीनेटर मैरी अल्वाराडो-गिल पर यौन उत्पीड़न और भेदभाव का केस, पूर्व कर्मचारी के दावों से विवाद बढ़ा

कैलिफोर्निया राज्य सीनेटर मैरी अल्वाराडो-गिल पर उनके पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ, चाड कोंडिट, ने यौन उत्पीड़न, शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण और भेदभाव के आरोप लगाए हैं। यह मुकदमा सैक्रामेंटो सुपरियर कोर्ट में दाखिल किया गया है और कैलिफोर्निया राज्य सीनेट पर राज्य रोजगार सुरक्षा के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
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